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यूपीः NDA में कैसे सुलझेगी सीट बंटवारे की गुत्थी? अनुप्रिया पटेल की पार्टी का 5 सीटों पर दावा

यूपी की सभी 80 सीटें जीतने का दावा कर रहे एनडीए में सीट बंटवारे की गुत्थी कैसे सुलझेगी? सुभासपा तीन और निषाद पार्टी दो सीटों पर दावा कर रहे थे कि अब अनुप्रिया पटेल की पार्टी ने भी पांच सीटों पर दावा ठोक दिया है.

अनुप्रिया पटेल (फाइल फोटोः पीटीआई) अनुप्रिया पटेल (फाइल फोटोः पीटीआई)
आशीष श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 25 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 12:19 PM IST

लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहा है, गठबंधन में सीटों की दावेदारी भी शुरू हो गई है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में ओमप्रकाश राजभर के नेतृत्व वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) ने लोकसभा की तीन सीटें मांगी हैं. अब एक और प्रमुख घटक दल अपना दल (एस) ने भी पांच सीटों पर दावेदारी कर दी है.

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सूत्रों के मुताबिक अपना दल एस ने मिर्जापुर, प्रतापगढ़, अंबेडकरनगर, फतेहपुर और जालौन सीट की भी मांग की है. इनमें से दो सीटें मिर्जापुर और प्रतापगढ़ पहले से ही अपना दल (एस) के पास हैं. अंबेडकरनगर, फतेहपुर और जालौन सीट पर 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने उम्मीदवार उतारे थे. इसबार अपना दल (एस) ने इन तीन सीटों पर भी दावेदारी कर दी है.

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जानकारी के मुताबिक लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए की बैठक में सहयोगी दलों ने सीटों को लेकर भी बात की थी. बताया जाता है कि एनडीए की बैठक में सीटों को लेकर भी चर्चा हुई. 80 लोकसभा सीटों वाले यूपी में बीजेपी के सहयोगी अपना दल एस की प्रमुख अनुप्रिया पटेल ने अधिक सीटों की दावेदारी करते हुए कहा कि विधायकों की संख्या का ध्यान रखा जाए.

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2014 और 2019 में अपना दल को मिली थीं 2 सीटें

साल 2014 में संयुक्त अपना दल एनडीए में शामिल होकर चुनाव मैदान में उतरा था. अपना दल ने तब दो सीट मिर्जापुर और प्रतापगढ़ से उम्मीदवार उतारे थे. मिर्जापुर से अनुप्रिया पटेल और प्रतापगढ़ से हरिवंश सिंह लोकसभा पहुंचने में सफल रहे थे. 2016 में मां कृष्णा पटेल और बड़ी बहन पल्लवी पटेल से विवाद के बाद अनुप्रिया ने अपना दल सोनेलाल नाम से अलग पार्टी बना ली. अपना दल एस ने 2019 का लोकसभा चुनाव भी बीजेपी के साथ मिलकर लड़ा.

अपना दल (एस) के हिस्से 2019 में मिर्जापुर और सोनभद्र सीट आई थी. मिर्जापुर सीट से अनुप्रिया पटेल लगातार दूसरी बार लोकसभा पहुंचीं. अपना दल (एस) के टिकट पर सोनभद्र से पकौड़ीलाल कोल भी संसद पहुंचने में सफल रहे थे. अपना दल (एस) के विस्तार की कोशिशों में जुटीं अनुप्रिया पिछले दो चुनाव से दो सीट पर अटका पार्टी के कोटे का कांटा इसबार बढ़ाना चाहती हैं. अनुप्रिया ने सोनभद्र सीट बदलने की भी मांग की है.

तीन सीट की मांग कर रही सुभासपा

ओमप्रकाश राजभर की सुभासपा गाजीपुर लोकसभा सीट के साथ ही तीन सीटें मांग रही है. सुभासपा के छह विधायक हैं. ऐसे में अनुप्रिया ने पांच सीटों की मांग करते हुए विधायकों की संख्या का ध्यान रखने की बात कही. अनुप्रिया के बयान से साफ है कि अगर छह सीटों वाली सुभासपा को दो या तीन सीटें दी जाती हैं तो उसी अनुपात में अपना दल (एस) को भी सीटें दी जाएं.

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बीजेपी की ओर से नहीं आया है कोई बयान

एक तरफ बीजेपी जहां गठबंधन का कुनबा बढ़ाने में जुटी है तो वहीं दूसरी तरफ सीटों को लेकर माथापच्ची भी बढ़ती नजर आ रही है. सुभासपा पहले से ही तीन सीटें मांग रही है, निषाद पार्टी भी दो सीटें चाह रही है. अब अपना दल (एस) ने भी पांच सीटों पर दावा ठोक दिया है. अगर इस आधार पर देखें तो बीजेपी को चुनाव लड़ने के लिए 70 सीटें मिलेंगी जो पार्टी के नेताओं को मंजूर होगा? ऐसे में देखना होगा कि यूपी में सीट बंटवारे की गुत्थी कैसे सुलझती है.

बीजेपी ने रखा है सभी सीटें जीतने का लक्ष्य

बीजेपी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में यूपी की सभी 80 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए पार्टी गठबंधन में नए सहयोगियों को जोड़ रही है. साथ ही पुराने गठबंधन सहयोगियों को भी फिर से साथ लाने की भी कवायद चल रही है जो बीच में किसी कारण से एनडीए से अलग हो गए थे.

 

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