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यूपी: लोकसभा चुनाव में मुसलमानों को रिझाने के लिए BJP ने मस्जिदों-मदरसों से की प्रचार की शुरुआत

लखनऊ स्थित दरगाह के मौलाना यूसुफ नबी ने के मुताबिक बीजेपी अगर यह कार्य कर रही है तो ठीक है, दिलों से दिल को मिला दे, इससे अच्छा और क्या होगा. राजनीतिक पार्टियों तो लोगों को तोड़ने का काम करती है, लेकिन अगर बीजेपी कम से कम मिल रही है तो हमें पार्टी के आगे बढ़ाने में कोई दिक्कत नही.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
आशीष श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 21 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 11:49 PM IST

उत्तर प्रदेश में मुसलमानों को रिझाने के लिए BJP ने पैंतरा आजमाया है. पार्टी ने यूपी की मस्जिदों-मदरसों से प्रचार की शुरुआत की, जिसमें दरगाह, मजार, मस्जिद पर 'मोदी है मुमकिन है', उर्दू में पोस्टर के साथ पीएम की मन की बात किताब के उर्दू संस्करण लेकर पहुंचे.

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जानकारी के मुताबिक, 2024 इलेक्शन से पहले उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने मन की बात और पीएम मोदी के स्कीम्स को लोगों तक पहुंचाने के लिए मजार, मस्जिद, मदरसों का सहारा लिया है. जिसमें आज लखनऊ से इसकी शुरुआत की गई. इस दौरान बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चे ने दरगाह हजरत कासिम शाहिद से इस अभियान की शुरुआत की. इसके अलावा उर्दू में मन की बात पुस्तक का भी वितरण किया गया. हाथ में मन की बात की उर्दू संस्करण लेकर इसके साथ दरगाह पर 'मोदी है तो मुमकिन है' बैनर लगाकर आने वाले लोगो को बीजेपी है मुमकिन है बताया.

अल्पसंख्यक मोर्चे के अध्यक्ष कुंवर बासित अली के मुताबिक, मुसलमानों में ज्यादातर लोग दरगाह या मस्जिदों, मदरसों पर आते हैं. ऐसे में हमने यहां से शुरुआत की है कि लोग मन की बात को जाने और बीजेपी क्यों जरूरी है मुस्लिम समुदाय के लिए इसकी शुरुआत की है. हमारे लिए बीजेपी ने क्या किया है सब कुछ इसमें है.

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लखनऊ स्थित दरगाह के मौलाना यूसुफ नबी ने के मुताबिक बीजेपी अगर यह कार्य कर रही है तो ठीक है, दिलों से दिल को मिला दे, इससे अच्छा और क्या होगा. राजनीतिक पार्टियों तो लोगों को तोड़ने का काम करती है, लेकिन अगर बीजेपी कम से कम मिल रही है तो हमें पार्टी के आगे बढ़ाने में कोई दिक्कत नही.

मुस्लिम मौलाना के मुताबिक, इससे पहले आई हुई पार्टियों ने मुसलमानों को ठगने का काम किया है, लेकिन अगर मुस्लिम समाज के पास बीजेपी खुद पहुंच रही है और लोगों को जोड़ रही है तो अब तक का सबसे अच्छा कार्य होगा. दरगाहों से जुड़े या मन की बात से हम सब उससे सहमत हैं.

एहसान राजा के मुताबिक, मैं बहुत समय तक देश से बाहर रहा, लेकिन ऐसी पार्टी नहीं देखी जो इस तरीके से मुसलमान के लिए कार्य कर रही हो. मेरे लिए तो यह बहुत अच्छी है और मैं चाहता हूं बीजेपी हमरे बीच रहे.

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