
'कृपया मेरे परिवार के लिए प्रार्थना करें'...कांग्रेस नेता जिशान हैदर की फेसबुक पोस्ट कल शाम से वायरल है. सोमवार शाम को लखनऊ के हजरतगंज में एक चार मंजिला आवासीय इमारत भरभराकर गिर गई. मलबे के नीचे एक दर्जन से अधिक लोग फंस गए. पिछले 15 घंटे से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. अभी भी मलबे में दो से तीन महिलाएं दबी हुई हैं.
हादसे की खबर अनुभवी पत्रकार कुलसुम तल्हा के लिए सदमे की तरह थी क्योंकि उनकी बेटी, पोते और एक अन्य रिश्तेदार के फंसे होने की आशंका थी. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हादसा शाम करीब 6.45 बजे हुआ. तल्हा अपनी बेटी उजमा, पोते मुस्तफा और अन्य लोगों की तलाश के लिए घटना स्थल पर पहुंचने पर अड़ गईं.
हालांकि, कुलसुम तल्हा को उसके रिश्तेदारों ने रोक लिया. कुछ घंटों बाद खबर मिली कि मुस्तफा को बचा लिया गया है और वर्तमान में उसका इलाज चल रहा है, जिससे तल्हा को उम्मीद की एक किरण मिली. दुर्घटनास्थल पर तैनात पुलिसकर्मियों को शोकाकुल परिजनों को नियंत्रित करने और शांत करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी.
घटनास्थल पर जमा हुई जनता ने बचाव कार्य के लिए सायरन बजाती एंबुलेंस और अन्य भारी मशीनों को रास्ता दे दिया. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बचाव वाहनों को शुरुआत में घटनास्थल तक पहुंचने में मुश्किल हो रही थी क्योंकि सड़क संकरी थी. पुलिस ने दैनिक जागरण चौराहे से वजीर हसन रोड स्थित अपार्टमेंट तक यातायात प्रतिबंधित कर दिया.
आस-पास के घरों, अपार्टमेंट्स और कॉलोनियों के निवासियों को भी अपनी बालकनियों से बचाव गतिविधि को देखते देखा जा सकता था. हैरान और डरे हुए इस बदकिस्मत इमारत के अधिकांश पड़ोसियों ने मीडिया से बात करने से इनकार कर दिया. बचाव अभियान चला रहे एक दमकल कर्मी ने कहा, 'जिस जगह इमारत गिरी थी, वहां एक महिला दबी हुई थी. ईंटों को तोड़कर और लकड़ी काटकर उसे बाहर निकाला गया. वह अब सुरक्षित है.'
इलाके की रहने वाली अनुजा ने कहा कि घटना के समय वह अपने फ्लैट में थी. अनुजा के मुताबिक, 'शाम करीब 6.47 बजे, हम हिलने लगे. मुझे लगा कि यह भूकंप के कारण हुआ है, लेकिन मुझे घर से बाहर आने के लिए कहा गया, क्योंकि पास का एक अपार्टमेंट ढह गया था, लगभग सात से आठ परिवार अपार्टमेंट में रह रहे थे.'
यूपी कांग्रेस के प्रवक्ता अशोक सिंह एक घायल को अस्पताल ले जाते देखे गए. ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास भी वहां रहने वालों का हालचाल जानने के लिए घटनास्थल पर पहुंचे थे. जैसे ही बचाव गतिविधियां तेज हुईं, फिल्म निर्माता मुजफ्फर अली को भी उज्मा का हालचाल पूछते देखा गया.
इस हादसे के करीब 15 घंटे बाद भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. मंगलवार सुबह 10 बजे तक 15 लोगों को बाहर निकाला जा चुका है. अभी दो से तीन लोगों के दबे होने की आशंका है. आलया अपार्टमेंट में समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अब्बास हैदर की मां और पत्नी उजमा अभी भी मलबे में दबे हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है.
लखनऊ मंडल आयुक्त रोशन जैकब ने बताया कि अब तक 15 लोगों को निकाला जा चुका है, जिसमें एक 70 वर्षीय महिला को भी निकाला गया है और उन्हें सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है, इस पूरे रेस्क्यू में अभी थोड़ा समय लगेगा, दो लोगों की और फंसे होने की उम्मीद जताई गई थी, जिसमें एक से संपर्क हो गया है लेकिन एक ही तलाश जारी है.