
उमर अंसारी को भी कोर्ट से राहत नहीं मिली है. गुरुवार को लखनऊ की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने उमर अंसारी की अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. उमर पर आरोप है कि हजरतगंज के जियामऊ इलाके में फर्जी दस्तावेजों के जरिये निष्क्रांत संपत्ति पर कब्जा किया और अवैध मकान निर्माण कराया. इस मामले में वह वांछित है.
इस मामले में उमर अंसारी ने जिला जज की कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दाखिल की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए डिस्ट्रिक्ट जज ने उमर अंसारी के अपराध को गंभीर करार दिया और जमानत अर्जी खारिज कर दी है. बता दें कि 27 अगस्त 2020 को लेखपाल सुरजन पाल ने हजरतगंज कोतवाली में मुख्तार अंसारी, उमर अंसारी और अब्बास अंसारी पर फर्जी दस्तावेजों से निष्क्रांत संपत्ति कब्जा करने का केस दर्ज कराया था.
16 अगस्त 2022 को इस मामले में पुलिस की चार्जशीट के बाद आरोप तय हो चुके हैं. मुख्तार अंसारी और अब्बास अंसारी पहले से जेल में हैं. अब मुख्तार अंसारी के दूसरे बेटे उमर अंसारी की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज हो गई है.
इससे पहले मऊ की कोर्ट ने एक मामले में अब्बास अंसारी और उमर अंसारी को जमानत दी थी. दोनों पर 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान बिना परमिशन के जुलूस निकालने और भीड़ इकट्ठा करने पर आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप था. इस मामले में उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया था. मऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट की जज श्वेता चौधरी ने दोनों भाइयों को जमानत दे दी थी. ये मुकदमा चुनाव के समय मऊ शहर कोतवाली में दर्ज हुआ था.
बाद में नवंबर के पहले हफ्ते में अब्बास अंसारी को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था. ED ने प्रयागराज ऑफिस में उनसे 9 घंटे तक पूछताछ की थी. मुख्तार अंसारी के खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने उन्हें बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया था. मुख्तार भाई अफजाल अंसारी के बयान दर्ज करने के बाद अब्बास अंसारी से दूसरे राउंड की पूछताछ शुरू की गई थी. कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद अब्बास की गिरफ्तारी दिखाई गई. ईडी दफ्तर के बाहर भारी पुलिस फोर्स भी तैनात कर दिया गया. अब्बास मऊ विधानसभा सीट से सुभासपा विधायक हैं. ED ने अब्बास अंसारी के खिलाफ पिछले महीने लुकआउट नोटिस जारी किया था.