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Lucknow Fake Currency Case: NIA की विशेष अदालत ने नकली नोट बरामदगी मामले में 2 आरोपियों को सजा सुनाई

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की विशेष अदालत, लखनऊ (यूपी) ने गुरुवार को 2019 में दो आरोपियों फूलचंद निवासी लखीमपुर खीरी (यूपी) और अमीनुल इस्लाम निवासी मालदा (पश्चिम बंगाल) को नकली नोट बरामदगी मामले में दोषी ठहराया और 5 साल के कठोर कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
कमलजीत संधू
  • नई दिल्ली,
  • 18 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 9:28 PM IST

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की विशेष अदालत, लखनऊ (यूपी) ने गुरुवार को 2019 में दो आरोपियों फूलचंद निवासी लखीमपुर खीरी (यूपी) और अमीनुल इस्लाम निवासी मालदा (पश्चिम बंगाल) को नकली नोट बरामदगी मामले में दोषी ठहराया और 5 साल के कठोर कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई. इससे पहले इस मामले में एक किशोर आरोपी को किशोर न्याय बोर्ड, लखनऊ द्वारा जनवरी 2020 में दो साल, 1 महीने और 10 दिन की सजा सुनाई जा चुकी है.

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मामला 25 नवंबर 2019 को एटीएस यूपी द्वारा उच्च गुणवत्ता वाले नकली भारतीय रुपये के नोटों (FICN) की बरामदगी और जब्ती से संबंधित है. लखनऊ के इटौंजा टोल प्लाजा के पास फूलचंद, अमीनुल इस्लाम और एक किशोर आरोपी के कब्जे से नकली नोट बरामद किए गए थे. जांच में 500 रुपये के नोट और 2000 रुपये के 15 नोट बरामद किए गए थे. एनआईए ने जांच के बाद कुल 5 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था.

एनआईए की जांच के अनुसार, आरोपियों ने उच्च गुणवत्ता वाले FICN की तस्करी, खरीद और अपने कब्जे में रखने की साजिश रची थी. नकली मुद्रा की आपूर्ति मालदा, पश्चिम बंगाल से की जा रही थी, और आगे चलकर उत्तर प्रदेश राज्य में विभिन्न व्यक्तियों/मालवाहकों को आपूर्ति की जाती थी.

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आरोपी अमीनुल इस्लाम अपने सहयोगियों के साथ मालदा (पश्चिम बंगाल) का मुख्य साजिशकर्ता था. वह मालदा से FICN की खेप लाता था, जबकि फूलचंद और उसके करीबी सहयोगी उक्त खेप प्राप्त करते थे.

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