
लखनऊ के अकबरनगर में अवैध निर्माण को पूरी तरह से ढहा दिया गया है. विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने हफ्ते भर तक चलाए गए ध्वस्तीकरण अभियान में 1200 से अधिक अवैध मकानों, दुकानों और कॉम्प्लेक्स को जमींदोज कर दिया. अब अकबरनगर में सिर्फ मलबा ही मलबा फैला हुआ है. यहां रहने वाले लोगों के लिए यूपी सरकार ने दूसरी जगह फ्लैट बनवाकर दिए हैं. अधिकांश लोग इनमें शिफ्ट भी हो गए हैं. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अकबरनगर के विस्थापितों को फ्लैट दिए गए हैं.
बता दें कि अकबरनगर में जिन लोगों का मकान टूटा है, उनसे 1000 रुपये एडवांस लेकर दूसरी जगह फ्लैट दिया गया है. इस फ्लैट के लिए 2500 रुपये किस्त देनी होगी. फ्लैट की कीमत 4 लाख 80 हजार रुपये है. जो लोग यहां (अकबरनगर) किराए पर रह रहे थे उनको ये सरकारी फ्लैट आवंटित नहीं किया गया है.
एलडीए के एक अधिकारी के मुताबिक, अकबरनगर हाई फ्लड जोन में है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यहां अवैध बने घरों को गिराया गया है. अकबरनगर प्रथम और द्वितीय में मिलाकर करीब 1000-1200 मकान थे. विस्थापितों को जो फ्लैट मिले हैं उसकी किश्त भरने के लिए 10 साल का समय दिया गया है.
24.5 एकड़ भूमि पर अवैध अतिक्रमण हटाया गया
गौरतलब है कि अकबरनगर के करीब 24.5 एकड़ भूमि पर अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए पिछले साल दिसंबर में ध्वस्तीकरण का काम शुरू किया गया था. क्षेत्र में 1200 से अधिक अवैध संरचनाओं को ध्वस्त किया गया है. इनमें हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के धार्मिक स्थल शामिल हैं. एलडीए के अधिकारियों के अनुसार, बुलडोजर सहित अन्य मशीनों से धार्मिक स्थलों सहित 1169 अवैध आवासीय संपत्तियों और 100 से अधिक व्यावसायिक संपत्तियों को ध्वस्त किया गया है.
मालूम हो कि अकबरनगर के लोगों ने अपने घर को ध्वस्त होने से बचाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ी. वे बुलडोजर एक्शन को रोकने के लिए हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक गए. मगर उन्हें राहत नहीं मिली. बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही एलडीए ने यह कार्रवाई की.
बता दें कि यूपी सरकार कुकरैल नदी के किनारे रिवर फ्रंट बनाकर इको टूरिज्म को बढ़ावा देना चाहती है. लखनऊ के चिड़ियाघर को भी इसी जगह पुनर्स्थापित किए जाने की योजना है. इसके लिए अकबरनगर में अवैध रूप से बने मॉल, शोरूम, गोदाम और आवासीय मकानों को ढहाया गया है.