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लखनऊ बैंक लूट कांड: पुलिस मुठभेड़ में मारा गया एक आरोपी, 3 गिरफ्तार, लूटा गया सोना-चांदी और नकदी बरामद

लखनऊ के इंडियन ओवरसीज बैंक में चोरी करने वाले गिरोह में शामिल आरोपी सोबिंद कुमार (29) की पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गई. मिथुन कुमार (28),  सनी दयाल (28) और विपिन कुमार वर्मा अब भी फरार हैं, जिनको पकड़ने के लिए पुलिस की ओर से दबिश दी जा रही है. गिरोह के 3 अन्य सदस्य पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं.

लखनऊ बैंक लूट कांड में पुलिस ने सात में से 3 आरोपियों को पकड़ लिया है, एक की एनकाउंटर में मौत हो गई है, जबकि तीन अब भी फरार हैं. (Aajtak Photo) लखनऊ बैंक लूट कांड में पुलिस ने सात में से 3 आरोपियों को पकड़ लिया है, एक की एनकाउंटर में मौत हो गई है, जबकि तीन अब भी फरार हैं. (Aajtak Photo)
आशीष श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 24 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 6:51 AM IST

लखनऊ में इंडियन ओवरसीज बैंक के 42 लॉकर तोड़कर करोड़ों के आभूषण सहित अन्य कीमती सामान चोरी करने वाले गिरोह के दो और बदमाशों के साथ सोमवार देर रात पुलिस की मुठभेड़ हुई. लखनऊ के किसान पथ पर पुलिस और आरोपियों के बीच हुई इस मुठभेड़ में 25 हजार के इनामी बदमाश सोबिंद कुमार (29) को गोली लगी. पुलिस ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. उसके साथ मौजूद एक अन्य आरोपी मौके से भागने में कामयाब रहा. लखनऊ पुलिस की 24 घंटे के अंदर बैंक में चोरी करने वाले गिरोह के साथ यह दूसरी मुठभेड़ थी.

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इससे पहले सोमवार को दिन में लखनऊ पुलिस ने इंडियन ओवरसीज बैंक के चिनहट ब्रांच में हुई चोरी के 24 घंटे के भीतर मुठभेड़ के बाद बिहार के एक गिरोह के 3 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया था. दूसरी कार में सवार 4 अन्य आरोपी मौके से भागने में कामयाब हो गए थे. इनमें से ही सोबिंद कुमार और एक अन्य के साथ देर रात पुलिस की मुठभेड़ हुई, जिसमें सोबिंद कुमार मारा गया. दिन में पकड़े गए आरोपियों की पहचान अरविंद कुमार, बलराम कुमार और कैलाश बिंद के रूप में हुई है. ये तीनों अपनी एस्टिलो कार में सवार थे और आउटर रिंग रोड से भागने की कोशिश कर रहे थे. 

मुठभेड़ के दौरान बिहार के मुंगेर का रहने वाला अरविंद कुमार पैर में पुलिस की गोली लगने से घायल हो गया. पुलिस ने उनके कब्जे से 3 लाख रुपये नकद, कीमती आभूषण और एक अवैध देशी पिस्तौल बरामद किया. इस तरह मुठभेड़ की दो अलग-अलग घटनाओं में पुलिस ने अब तक 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, एक की एनकाउंटर में गोली लगने से मौत हुई है, जबकि मिथुन कुमार (28),  सनी दयाल (28) और विपिन कुमार वर्मा अब भी फरार हैं, जिनको पकड़ने के लिए पुलिस की ओर से दबिश दी जा रही है. 

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चोरों से 1889 ग्राम सोना और 1240 ग्राम चांदी बरामद

पुलिस ने बताया कि तीनों आरोपी 22 से 28 साल की उम्र के हैं. उनकी कार को सोमवार सुबह करीब 8 बजे चिनहट के लौलाई गांव के पास रोका गया. एक पुलिस अधिकारी ने कहा, 'जब रुकने के लिए कहा गया, तो आरोपियों ने पुलिस पर गोलियां चला दीं. पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की, जिसमें एक आरोपी अरविंद कुमार (22) के पैर में गोली लग गई. उसके साथ कार में मौजूद बलराम कुमार और कैलाश बिंद (दोनों 28) ), को भी गिरफ्तार किया गया है. उनके पास से 3 लाख रुपये नकद, 1889 ग्राम सोना और 1240 ग्राम चांदी बरामद किया गया है.' 

गैंग बिहार का और बैंक की रेकी करने वाला लखनऊ का

बिहार स्थित इस गिरोह के सदस्य 23 दिसंबर को तड़के चिनहट स्थित इंडियन ओवरसीज बैंक की दीवार में 2.5 फुट का छेद काटकर अंदर दाखिल हुए थे. उन्होंने 90 में से 42 लॉकरों से कीमती सामान लूट लिया. घटना रविवार सुबह सामने आई जब एक स्थानीय दुकानदार ने बैंक की दीवार में छेद देखा और अधिकारियों को इस बारे में सूचना दी. पुलिस उपायुक्त (पूर्वी क्षेत्र) शशांक सिंह ने कहा कि गिरोह में सात सदस्य शामिल हैं, जिनमें से छह बिहार के विभिन्न जिलों के रहने वाले हैं. सातवां आरोपी, विपिन कुमार वर्मा, लखनऊ का निवासी है. विपिन वर्मा ने ही बैंक की रेकी की थी और लखनऊ में गैंग के सदस्यों के रहने-खाने, गाड़ी इत्यादि की व्यवस्था की थी.

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बैंक लॉकर में स्टैंडर्ड के मुताबिक सुरक्षा व्यवस्था नहीं थी

उन्होंने कहा, 'गैंग ने 3-4 घंटे के भीतर लॉकर खोलने के लिए पेशेवर कटर का इस्तेमाल किया. उनके द्वारा इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल का पहले पता लगाया गया, जिसके बाद तीन आरोपियों की पहचान हुई.' लखनऊ के जॉइंट पुलिस कमिश्नर (लॉ एंड ऑर्डर) अमित वर्मा ने बैंक में गंभीर सुरक्षा खामियों पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा, 'बैंक में लगे 7 सीसीटीवी कैमरों में से केवल 2 ही काम कर रहे थे, और कोई नाइट वॉचमैन तैनात नहीं था. बैंक की दीवार को आयरन शीट के जरिए पर्याप्त मजबूती नहीं दी गई थी, जिससे गिरोह के लिए इसे तोड़ना बहुत आसान रहा. बैंक लॉकर सुविधाओं के लिए अनिवार्य कई सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने में विफल रहा और इन खामियों ने चोरों का काम आसान बना दिया.'

चार स्पेशल टीमें कर रहीं बाकी तीन आरोपियों की तलाश

फरार चल रहे आरोपियों की तलाश के लिए चार स्पेशल टीमें गठित की गई हैं. गिरोह के बड़े नेटवर्क और पिछले अपराधों का खुलासा करने के लिए आगे की जांच चल रही है. इन तीनों के बारे में सूचना देने वाले को डीसीपी ईस्ट की ओर से 25,000 रुपये का इनाम देने की घोषणा की गई.

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