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चेकोस्लोवाकिया की राइफल, विदेशी पिस्टल, माउजर... असलहों का शौकीन रहा है Malihabad हत्याकांड का आरोपी लल्लन खान, जानिए क्राइम कुंडली

Malihabad Triple Murder: जमीनी विवाद में 15 साल के मासूम बच्चे समय तीन लोगों को गोली मारने वाला 70 साल का लल्लन खान उर्फ गब्बर विदेशी नस्ल के कुत्तों के साथ-साथ विदेशी असलहों का भी शौकीन रहा है.

मलिहाबाद हत्याकांड का आरोपी लल्लन खान मलिहाबाद हत्याकांड का आरोपी लल्लन खान
संतोष शर्मा
  • लखनऊ ,
  • 05 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 11:32 AM IST

लखनऊ के मलिहाबाद में जमीनी विवाद में 15 साल के मासूम बच्चे समय तीन लोगों को गोली मारने वाला 70 साल का लल्लन खान उर्फ सिराज उर्फ गब्बर विदेशी नस्ल के कुत्तों के साथ-साथ विदेशी असलहों का भी शौकीन रहा है. पुलिस ने मुख्य आरोपी लल्लन के पास से जो डबल बैरल बंदूक बरामद की है, वह चेकोस्लोवाकिया की है. इससे पहले भी लखनऊ पुलिस ने लल्लन को जब गिरफ्तार किया था तो उसके घर से माउजर बरामद हुई थी. 

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दरअसल, मलिहाबाद में बीते शुक्रवार को जमीन की पैमाइश के बाद विवाद हो गया था. इसी दौरान फरहीन नाम की महिला और उसके बेटे हम्जला व देवर ताज की गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस वारदात को फरहीन के चचिया ससुर लल्लन खान और उसके बेटे ने लाइसेंसी राइफल से अंजाम दिया. आरोपियों ने ताबड़तोड़ 5 गोलियां चलाईं थी. लल्लन पुराना हिस्ट्री शीटर है. 

बंदूकों का शौकीन रहा है लल्लन खान

फिलहाल, लल्लन और उसके बेटे फराज गिरफ्तार कर लिया गया है. वारदात का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है. लखनऊ पुलिस ने दावा किया कि उनके पास से जो डबल बैरल बंदूक बरामद हुई है वो 315 बोर की नहीं बल्कि चेकोस्लोवाकिया की है.

8.60 बोर की ये राइफल है, मेड इन चेकोस्लोवाकिया है. हालांकि, बताया जा रहा है कि वारदात को 315 बोर की टेलिस्कोप की राइफल से अंजाम दिया गया था.  

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विदेशी नस्ल के कुत्ते भी पाल रखे हैं  

लल्लन खान ने विदेशी नस्ल के कुत्ते पाल रखे हैं. जिसमें पिटबुल, रॉट विलर, वोल्फ डॉग, अमेरिकन बुलडॉग जैसी प्रजाति के कुत्ते शामिल हैं. उसके घर में कबूतर भी पाले गए हैं. वह विदेशी असलहों का पुराना शौकीन रहा है. इससे पहले 1985 में जब तत्कालीन एसपी सिटी और उत्तर प्रदेश के डीजीपी बृजलाल ने लल्लन को चौक इलाके से गिरफ्तार किया था तब भी उसके पास से डेढ़ दर्जन असलहे बरामद हुए थे. जिसमें एक माउजर शामिल थी. 

18 मुकदमे होने के बावजूद लल्लन को दो लाइसेंस लखनऊ जिला प्रशासन से जारी किए गए थे. हालांकि, जिला प्रशासन ने जब इसके आपराधिक गतिविधियों को देखते हुए लाइसेंस निरस्त किए तो असलहों का शौक ही था कि लल्लन अपने लाइसेंस को हासिल करने के लिए हाईकोर्ट तक चला गया और हाई कोर्ट के निर्देश पर लल्लन को दोनों लाइसेंस वापस मिल गए. 

Malihabad Triple Murder

अब एक बार फिर लल्लन के दोनों ही लाइसेंस के निरस्तीकरण की कार्रवाई की जा रही है. पासपोर्ट कैंसिलेशन हो रहा है. परिवार की बात करें तो लल्लन के 2 बेटे विदेश (पोलैंड) में रहते हैं. एक बेटा फराज साथ रहता है, जो हत्याकांड के समय लल्लन के साथ था. जमीनी विवाद में इस तिहरे हत्याकांड को अंजाम देने के लिए जिस राइफल का इस्तेमाल किया गया, वह भी टेलीस्कोपिक राइफल है.

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घटना का जो सीसीटीवी फुटेज सामने आया था, उसमें लल्लन खान के गोली चलाने के बाद उसका बेटा फराज बंदूक अपने हाथ में ले लेता है और घर के दरवाजे पर जाकर दूसरी गोली चलाता है. इसके बाद वो फिर राइफल को लोड कर एक और गोली चलाता है. इस गोलीबारी में एक बच्चे समेत कुल तीन लोगों की मौत हो गई थी. 

दो दर्जन से अधिक केस

गौरतलब है कि लखनऊ ट्रिपल मर्डर केस का मुख्य आरोपी लल्लन खान के खिलाफ दो दर्जन से अधिक केस दर्ज हैं. वो अपने दौर का छंटा हुआ बदमाश रह चुका है. 1980 के दशक में उसकी तूती बोलती थी. वो घोड़े से चलता था और खुद को गब्बर सिंह कहलाना पसंद करता था. साल 1985 में उसके घर कई हथियार बरामद हुए थे. उन असलहों को एक दरी पर रखकर उसके साथ एक फोटो खींची गई थी. 

मामले में 1985 में लखनऊ के एसपी सिटी और प्रदेश के पूर्व डीजीपी रहे बृजलाल ने बताया कि 1985 के आसपास लल्लन उर्फ गब्बर सिंह के घर पर जब दबिश दी गई थी तो उसके घर से कई हथियार मिले थे. एक ही लाइसेंस पर कई हथियार थे. कई अवैध असलहे मिले थे. लल्लन हथियारों का शौकीन था.

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छापेमारी को याद करते हुए बृजलाल कहते हैं कि उस समय लल्लन के घर से 30 माउजर बरामद हुई थीं. चौकी इलाके से पुलिस ने घर से जो असलहे बरामद किए थे, उनको दरी पर बिछाकर लल्लन खान को बैठाया गया था और तस्वीर खींची गई थी.

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