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लखनऊ: मानसिक रूप से विक्षिप्त बालिकाओं की तबीयत बिगड़ने से हड़कंप, 2 की मौत, 14 बच्चे अस्पताल में भर्ती

लखनऊ के निर्वाण संस्थान में मानसिक रूप से विक्षिप्त बालिकाओं की तबीयत अचानक बिगड़ने से हड़कंप मच गया. इस दौरान दो बालिकाओं की मौत हो गई, जबकि 14 को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है. फिलहाल, लोकबंधु अस्पताल में इनका इलाज जारी है. प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चल सकेगा.

अस्पताल में भर्ती बच्चा. अस्पताल में भर्ती बच्चा.
आशीष श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 27 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 8:41 AM IST

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के निर्वाण संस्थान में रह रहीं मानसिक रूप से विक्षिप्त बालिकाओं की तबीयत अचानक बिगड़ने से हड़कंप मच गया. इस घटना में 2 बालिकाओं की मौत हो गई, जबकि 14 अन्य की हालत गंभीर बनी हुई है और उनका इलाज लोकबंधु अस्पताल में चल रहा है.

सूत्रों के अनुसार, निर्वाण संस्थान में रहने वाली 20 बालिकाओं की तबीयत एक साथ खराब हो गई. इसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उनका इलाज किया. इनमें से चार बालिकाओं की स्थिति में सुधार आने के बाद उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया, जबकि 14 लड़कियां अभी भी लोकबंधु अस्पताल में भर्ती हैं. 

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इस मामले की सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और जायजा लिया. पुलिस ने मृतक दो बालिकाओं के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया, जिससे उनकी मौत के असली कारणों का पता चल सके. इस पूरे मामले को लेकर जिला प्रोबेशन अधिकारी (DPO) विकास सिंह ने बताया कि निर्वाण संस्थान में कुल 147 मानसिक रूप से विक्षिप्त बालिकाएं रहती थीं. इस घटना के बाद प्रशासनिक जांच शुरू कर दी गई है.

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अधिकारी इस बात की पड़ताल कर रहे हैं कि क्या भोजन या पानी में किसी तरह की समस्या थी या कोई अन्य कारण जिम्मेदार है. डीपीओ विकास सिंह ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के असली कारण का खुलासा हो सकेगा. प्रशासन यह भी देख रहा है कि संस्थान में देखरेख और स्वास्थ्य सुविधाओं में किसी तरह की लापरवाही तो नहीं हुई थी.

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फिलहाल, 14 बालिकाओं का इलाज जारी है, और उनके स्वास्थ्य पर डॉक्टर लगातार नजर बनाए हुए हैं. प्रशासनिक जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही इस पूरे मामले की सच्चाई सामने आएगी. यह घटना प्रशासन और बालिका देखभाल संस्थानों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है.

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