
महाकुंभ में मौनी अमावस्या के स्नान के दौरान उमड़ी भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई. इस भगदड़ में कई लोग हताहत हो गए और कई परिवार बिछड़ गए. प्रत्यक्षदर्शी नीलम श्रीवास्तव ने अपने परिवार के बिछड़ने और उस डरावनी स्थिति का आंखों देखा हाल बयां किया है. प्रयागराज के प्रीतम नगर की रहने वाली नीलम श्रीवास्तव ने कहा- "हम लोग संगम पर स्नान करने गए थे. भीड़ इतनी ज्यादा थी कि संभलना मुश्किल हो गया. मेरी ननद गिर गई, फिर मची भगदड़ में सब लोग अलग-अलग हो गए. मुझे अब तक नहीं पता कि वो उठ पाई या नहीं."
नीलम श्रीवास्तव ने कहा कि उस वक्त आने-जाने का एक ही रास्ता था. जबकि, इतनी भारी भीड़ को संभालने के लिए अलग-अलग रास्ते होने चाहिए थे. नीलम के अनुसार, भगदड़ के दौरान उनका परिवार बिखर गया था, लेकिन बाद में उनके बेटे की मदद से वे सब एक-दूसरे से मिल सके. उन्होंने भीड़ प्रबंधन की प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल उठाए.
वहीं, बिहार के औरंगाबाद से महाकुंभ आए सूरज यादव ने बताया हम 12-13 लोग गंगा स्नान करने आए थे. ऐसी भगदड़ मची कि मेरी मां दबकर मर गई. जबकि, भगदड़ की घटना में अपनी पत्नी को खो चुके फूलचंद विश्कर्मा ने बताया कि रात को हम गंगा में नहाकर निकले तो देखा उधर से गेट खुल गया है. दोनों ओर से पब्लिक थी. लोग एक दूसरे को रौंद रहे थे. मेरी पत्नी की मौत हो गई और मैं आधे घंटे भीड़ के नीचे दबा रहा.
महाकुंभ में कैसे हुआ हादसा?
मौनी अमावस्या पर स्नान के चलते मंगलवार की रात 2 बजे संगम तट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी थी. इसी दौरान बैरिकेडिंग का एक हिस्सा गिर गया और भगदड़ मच गई. कुछ ही मिनटों में स्थिति बेकाबू हो गई और लोग इधर-उधर भागने लगे. कई श्रद्धालुओं का सामान गिर गया, जिससे अव्यवस्था फैल गई. लोग एक दूसरे को रौंदते गए.
एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि हम आराम से जा रहे थे, तभी अचानक भीड़ आ गई, धक्का मुक्की हुई. हमने बचने की कोशिश की, लेकिन कहीं जगह नहीं थी. सब इधर-उधर हो गए. कई लोग घायल हो गए हैं. स्थिति ऐसी हो गई कि मालूम नहीं चला क्या हो रहा है. बाद में हर तरफ चीख-पुकार और कोहराम था.
इन सबके बीच प्रयागराज मेडिकल कालेज के मोर्चरी हाउस पर बड़ी संख्या में खाली एम्बुलेंस को बुलाया गया है. करीब 9 एम्बुलेंस मौके पर पहुंची हैं. फिलहाल, प्रयागराज के अलग-अलग अस्पतालों में घायलों का इलाज चल रहा है. सीएम योगी हालात पर नजर बनाए हुए हैं. स्थिति सामान्य हो चुकी है. गंगा स्नान जारी है. अखाड़े, साधु-संत भी स्नान कर रहे हैं.
मध्य प्रदेश के छतरपुर से आए जयप्रकाश स्वामी ने इस हादसे का मंजर साझा किया. जयप्रकाश ने बताया कि यह भगदड़ रात करीब सवा एक बजे के आसपास मची. भीड़ इतनी बढ़ गई कि लोग एक-दूसरे पर चढ़ने लगे और कई लोग दब गए. बकौल जयप्रकाश- मैंने कई लोगों को निकाल लिया, लेकिन मेरी मां बुरी तरह दब गई थीं. जब उन्हें बाहर निकाला, तब उनकी सांसें चल रही थीं. लेकिन एंबुलेंस और पुलिस को आने में घंटे भर का समय लग गया.