Advertisement

'अब मुझे पार्लर नहीं जाना पड़ता...' महाकुंभ में वायरल हुईं हर्षा रिछारिया ने बताई अध्यात्म से जुड़ने की कहानी

महाकुंभ के अमृत स्नान में निरंजनी अखाड़े से जुड़ी हर्षा रिछारिया चर्चा में हैं. भोपाल की रहने वाली हर्षा का दो साल पहले अध्यात्म की ओर लगाव हो गया. वे आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी जी महाराज की शिष्या हैं. पहले एंकर और मॉडल रहीं हर्षा अब उत्तराखंड में रहती हैं. उनकी पुरानी और नई तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं.

वायरल गर्ल हर्षा रिछारिया. (Photo: Aajtak) वायरल गर्ल हर्षा रिछारिया. (Photo: Aajtak)
पंकज श्रीवास्तव
  • प्रयागराज,
  • 15 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 11:18 AM IST

प्रयागराज महाकुंभ में तमाम साधु संत महंत पहुंचे हैं. यहां खूबसूरत वायरल गर्ल भी चर्चा में हैं. प्रयागराज में हर्षा रिछारिया (Harsha Richhariya) अपने लुक को लेकर काफी वायरल हो रही हैं. हर्षा ने कहा कि मुझे लगता है कि मैंने अपना लुक बहुत नॉर्मल रखा था, जो मुझे पसंद है. जब मेरे महादेव ऐसे रहते हैं तो मुझे भी ऐसे रहना है. वो चीज मुझे उनसे जोड़ के रखती है. ये लुक मैंने रैंडमली रखा था, ऐसे वायरल हो जाएगा, इसका मुझे अंदाजा नहीं था.

Advertisement

ये पूछने पर कि पहले आप इंस्टाग्राम और अन्य प्लेटफॉर्म पर वायरल थीं, लेकिन अब साध्वी रूप में वायरल हो रही हैं, तो कितना अलग लगता है? इस पर हर्षा ने कहा कि मुझे लगता है कि यह सबको अच्छा ही लगना चाहिए, क्योंकि अगर कोई सनातन से जुड़कर सनातन की बात कर रहा है, संस्कृति की बात कर रहा है तो इससे अच्छी क्या बात हो सकती है.

कुछ लोग ट्रोलिंग करते हैं, ऐसे लोगों के लिए हर्षा ने कहा कि मैं उनको पॉजिटिव वे में ले रही हूं. मुझे कुछ खास फर्क पड़ नहीं रहा है. जो चीजें वो दिखा रहे हैं, बता रहे हैं. मैं जानती हूं, मेरी फैमिली जानती है, मेरे गुरुदेव जानते हैं. मेरे महादेव जानते हैं कि चीजों में कितनी सच्चाई है, कितनी नहीं है.

Advertisement

उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि अगर आपका परिवार आपके गुरुदेव, आपके महादेव हर चीज से भलीभांति अवगत हैं तो जो समाज में बुराई फैला रहे हैं या नकारात्मक सोच फैला रहे हैं, उनको हर बात की सफाई देने की जरूरत है.

यहां देखें Video

किसी की भी लाइफ में कभी भी चेंज आ सकते हैं. जब आस्था आपको बुलाती है, जब धर्म बुलाता है, जब आप संस्कृति से जुड़ते हो, जब आप भक्तिभाव में जाते हो, उसका न कोई रंगरूप, न कोई जेंडर होता है. इंसान कभी भी जुड़ सकता है. इंसान का कभी भी हृदय परिवर्तन हो सकता है.

यह भी पढ़ें: वश में होगा मनचाहा प्यार, ग्लैमरस साध्वी हर्षा ने बताया मंत्र, कहा-11 दिन में काम न हुआ तो...

हर्षा ने कहा कि मैंने अपने बालों में कुछ चेंज करवाए हैं. आधे मेरे हैं, आधे मैंने लगवाए हैं. मैं अपने महादेव का रूप हमेशा अपने ज़हन में लेकर चलती हूं कि मेरे महादेव ऐसे दिखते हैं तो मुझे भी ऐसे दिखना है. मुझे उनकी जटाएं बहुत अच्छी लगती हैं. मैं जटाएं बनवाना चाहती थी, लेकिन मैं पहले दूसरे प्रोफेशन में थी, मैं नहीं कर सकती थी.

उन्होंने कहा कि अब मैं अपने प्रोफेशन को साइड में करते हुए अपनी एक जिंदगी जी रही हूं. भक्ति के भाव में जी रही हूं. पूरे टाइम माथे पे भस्म लगा के घूमती हूं, चंदन भी लगा के घूमती हूं. मैंने गुरुदीक्षा ली हुई है. मंत्र दीक्षा ली हुई है, मंत्र का जाप करती हूं. साधना करती हूं. 

Advertisement

हर्षा ने कहा कि अब मुझे पार्लर नहीं जाना पड़ता है. अब मैं घर में हेयर वॉश कर लेती हूं. वह थोड़ा टाइम टेकिंग होता है. टाइम ज्यादा लगता है. लेकिन वह ईजली वॉश हो जाता है. ज्यादा खर्चे भी नहीं होते. मैं आंखों में लेंस यूज करती हूं. ये सिर्फ कलर लेंस नहीं है, यह पावर लेंस हैं, जिनका बहुत ज्यादा पावर है. मुझे चश्मा लगा हुआ है, लेकिन मुझे चश्मा बिल्कुल पसंद नहीं है. अब शायद इस साल मैं सर्जरी करवा लूंगी तो मेरे लेंस भी हट जाएंगे. जब तक सर्जरी नहीं होती, तब तक मैं लेंस लगाऊंगी.

यह भी पढ़ें: ब्लैक एंड व्हाइट: महाकुंभ ने जाति व्यव्स्था को कैसे तोड़ा? करोड़ों भक्तों ने किया अमृत स्नान

क्या आप साध्वी रूप में ही रहना चाहेंगी या वापस उसी रूप में जाएंगी जो आपका पहले प्रोफेशन था? इस सवाल के जवाब में हर्षा ने कहा कि मैं इस बारे में कुछ नहीं बोल सकती हूं, क्योंकि नियति इंसान को कब कहां ले जाए, यह इंसान खुद नहीं जानता है, लेकिन मुझे इतना पता है कि नियति और ईश्वर अगर मुझे यहां तक लेकर आए हैं तो उन्होंने इसी रास्ते में मुझे आगे बढ़ने के लिए लिखा होगा.

हर्षा ने कहा कि हमारा सनातन धर्म, सनातन संस्कृति इतनी सुंदर है. मुझे लगता है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को अपनी संस्कृति को जानना चाहिए, समझना चाहिए और उसी को आगे बढ़ाना चाहिए. 

Advertisement

बता दें कि हर्षा रिछारिया निरंजनी अखाड़े से जुड़ी हैं. उनका जन्म उत्तर प्रदेश के झांसी में हुआ. इसके बाद वे मध्य प्रदेश के भोपाल में शिफ्ट हो गईं. उनके माता-पिता भोपाल में ही रहते हैं. हर्षा ने काफी समय तक मुंबई और दिल्ली में रहकर काम किया. इसके बाद उनका मन अध्यात्म की ओर मुड़ गया. पिछले काफी वक्त से वे उत्तराखंड में रहकर साधना कर रही हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement