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UP : हटाए गए महाराजगंज के चीफ फार्मासिस्ट सत्येंद्र सिंह, 15 साल से एक ही जगह कर रहे थे नौकरी

सदर विधायक जयमंगल कन्नौजिया ने बताया कि चीफ फार्मासिस्ट सत्येंद्र कुमार सिंह के खिलाफ कई गंभीर आरोप थे. डीएम ने जांच के लिए शासन को पत्र भेजा था. सहायक निदेशक स्वास्थ्य के आदेश के बाद भी चीफ फार्मासिस्ट को कार्यमुक्त नहीं किया गया था. इस मामले में पूछताछ करने के बाद सीएमओ ने चीफ फार्मासिस्ट को कार्यमुक्त कर दिया है.

चीफ फार्मासिस्ट सत्येंद्र सिंह. चीफ फार्मासिस्ट सत्येंद्र सिंह.
अमितेश त्रिपाठी
  • महाराजगंज,
  • 11 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 3:59 PM IST

यूपी (Uttar Pradesh) के महराजगंज (Maharajganj) जिले में करीब डेढ़ दशक से जमे सीएमओ कार्यालय के चीफ फार्मासिस्ट सत्येंद्र कुमार सिंह को आखिरकार हटा दिया गया है. उनके खिलाफ कई सारी शिकायतें सामने आ रहीं थी.

चीफ को हटाने के लिए कमिश्नर के सख्त आदेश पर अपर निदेशक चिकित्सा,स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण गोरखपुर ने आठ फरवरी को ही शासन से जांच पूरी होने तक कुशीनगर सीएमओ कार्यालय से अटैच कर दिया था, लेकिन सीएमओ चीफ फार्मासिस्ट को कार्यमुक्त नहीं कर रही थी. बल्कि सीएमओ चीफ फार्मासिस्ट सत्येंद्र कुमार सिंह को बचाने के लिए शासन को पत्र भी लिखा था.

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मामला संज्ञान में आने के बाद शुक्रवार को सदर विधायक जयमंगल कन्नौजिया सीएमओ कार्यालय पहुंचे. सीएमओ से हटाए गए फार्मासिस्ट को कार्यमुक्त नहीं करने का कारण पूछा. मामला गंभीर होता देख सीएमओ डॉ. नीना वर्मा ने चीफ फार्मासिस्ट सत्येंद्र कुमार सिंह को कुशीनगर सीएमओ कार्यालय में पदभार ग्रहण करने के लिए कार्यमुक्त कर दिया. इस कार्रवाई से सीएमओ कार्यालय में हड़कंप मचा हुआ है.

प्रमुख सचिव स्वास्थ्य के दखल से चलते हुए एक्शन

डीएम महराजगंज सत्येंद्र कुमार ने 25 जुलाई 2022 को सीएमओ कार्यालय के चीफ फार्मासिस्ट सत्येंद्र कुमार सिंह के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को पत्र भेजा था. पत्र में जनपद महराजगंज के हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर के सीएचओ के उपयोग के लिए क्रय की गयी सामग्रियों की तीन सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट शामिल थी.

इसके अलावा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पनियरा में आपूर्तित दवाओं की जांच रिपोर्ट भी भेजी थी. इसके आधार पर डीएम ने जिला स्तर पर प्राप्त औषधि और इंजेक्शन, जिला स्तर से विभिन्न सामुदायिक केंद्रो को वितरित औषधि / इंजेक्शन तथा सामुदायिक / प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर उपयोग में लाई गई / वितरित की गयी औषधि / इंजेक्शन की राज्य / मण्डल स्तर से टीम गठित कर गहनता से जांच कराने का सिफारिश की गई थी. 

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चीफ फार्मासिस्ट सत्येन्द्र कुमार सिंह को जनपद से दूरस्थ जनपद में स्थानान्तरित करने को कहा था. इसके अलावा डॉ. अहसान अंसारी चिकित्साधिकारी  प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पनियरा के खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू करने की सिफारिश की गई थी. 

पनियरा पीएचसी के तत्कालीन फार्मासिस्ट सुशील कुमार उपाध्याय को तत्काल निलंबित करते हुए दंड के लिए विभागीय कार्यवाही की सिफारिश डीएम ने की थी, लेकिन डीएम के पत्र के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई. 

इस मामले को गंभीरता से लेते हुए गोरखपुर कमिश्नर ने बीती छह फरवरी को प्रमुख सचिव को पत्र भेजा था. इसके दो दिन बाद आठ फरवरी को सहायक निदेशक स्वास्थ्य गोरखपुर ने चीफ फार्मासिस्ट सत्येंद्र कुमार सिंह को शासन स्तर से जांच पूरी नहीं होने तक कुशीनगर सीएमओ कार्यालय से अटैच का आदेश जारी कर दिया था.

बताया जा रहा है कि सहायक निदेशक के पत्र के बाद भी चीफ फार्मासिस्ट को रिलीव नहीं किया गया. ट्रांसफर रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग के कुछ जिम्मेदार अधिकारी शासन से पैरवी की कोशिश में जुट गए. इस बात पर एक्शन लेते हुए शुक्रवार को सदर विधायक जयमंगल कन्नौजिया सीएमओ कार्यालय पहुंचे. उसके बाद सीएमओ डॉ. नीना वर्मा ने चर्चित चीफ फार्मासिस्ट सत्येंद्र कुमार सिंह को जिले से कार्यमुक्त किया.

विधायक ने कही यह बात

सदर विधायक जयमंगल कन्नौजिया ने बताया कि चीफ फार्मासिस्ट सत्येंद्र कुमार सिंह के खिलाफ कई गंभीर आरोप थे. डीएम ने जांच के लिए शासन को पत्र भेजा था. सहायक निदेशक स्वास्थ्य के आदेश के बाद भी चीफ फार्मासिस्ट को कार्यमुक्त नहीं किया गया था. इस मामले में पूछताछ करने के बाद सीएमओ ने चीफ फार्मासिस्ट को कार्यमुक्त कर दिया है.

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