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महाराजगंज: दहेज हत्या मामले में व्यक्ति को 10 साल और माता-पिता को 7 साल की सजा

उत्तर प्रदेश के महाराजगंज की एक अदालत ने 2019 के दहेज हत्या मामले में एक व्यक्ति को 10 साल की जेल और उसके माता-पिता को 7 साल की सजा सुनाई है.

दहेज हत्या मामले में व्यक्ति को 10 साल और माता-पिता को 7 साल की सजा (सांकेतिक तस्वीर) दहेज हत्या मामले में व्यक्ति को 10 साल और माता-पिता को 7 साल की सजा (सांकेतिक तस्वीर)
aajtak.in
  • महाराजगंज,
  • 12 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 4:30 PM IST

उत्तर प्रदेश के महराजगंज की एक अदालत ने 2019 के दहेज हत्या मामले में एक व्यक्ति को 10 साल जेल और उसके माता-पिता को 7 साल की सजा सुनाई है.  इस बात की जानकारी एक पुलिस अधिकारी ने एक न्यूज एजेंसी को दी. जिसके अनुसार अदालत ने त्रिभुवन विश्वकर्मा (28), उसके पिता विपिन चंद विश्वकर्मा (58) और मां सोनमती विश्वकर्मा (55) को दहेज विवाद को लेकर शीला शर्मा की हत्या की साजिश रचने का दोषी पाया है. त्रिभुवन व उसके माता-पिता ने मिलकर शादी के तीन साल बाद हत्या को अंजाम दिया था. 

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अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आतिश कुमार सिंह ने बताया कि बुधवार को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एफटीसी) अभय प्रताप सिंह ने सजा सुनाई. अदालत ने प्रत्येक दोषी पर 8000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है. अगर वे जुर्माना अदा करने में विफल रहते हैं, तो दोषियों को अतिरिक्त दो महीने की कैद का सामना करना पड़ेगा. 

पुलिस के अनुसार मामला 27 सितंबर, 2019 का है, जब कुशीनगर जिले की निवासी शीला शर्मा की बीजापुर पांडे गांव में उसके ससुराल में गला घोंटकर हत्या कर दी गई थी. पुलिस जांच में पता चला कि हत्या शीला द्वारा 1.30 लाख रुपये का दहेज देने से इनकार करने के कारण हुई थी. यह पैसा उसके पति द्वारा मांगा गया था.

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शीला की मां चंद्रिका शर्मा ने कोठीभार पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद भारतीय दंड संहिता की धारा 304 बी (दहेज हत्या) और धारा 498 ए (पति या रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता) के साथ-साथ दहेज निषेध अधिनियम के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई.

जांच के बाद पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया. जिसके बाद उन्हें दोषी ठहराया गया और सजा सुनाई गई.

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