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गाजीपुर पुलिस की बड़ी कार्रवाई, मुख्तार के साले शरजील का 28 लाख बेनामी रुपया सीज

उत्तर प्रदेश की गाजीपुर पुलिस ने गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के साले शरजील के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. उसके बेनामी रुपयों को पुलिस ने सीज कर दिया है. गाजीपुर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि उसके खिलाफ कुर्की की भी कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल शरजील रजा जिला कारागार लखनऊ में बंद है.

मुख्तार अंसारी का साला शरजील. मुख्तार अंसारी का साला शरजील.
विनय कुमार सिंह
  • गाजीपुर,
  • 29 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 11:51 PM IST

उत्तर प्रदेश की गाजीपुर पुलिस ने गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के साले शरजील के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. उसका 28 लाख बेनामी रुपया पुलिस ने सीज कर लिया है. पुलिस ने बताया कि यह रकम मुकदमा अपराध संख्या 236/2023 धारा 3(1) गैंगेस्टर एक्ट से संबंधित है. पुलिस ने बताया कि आईएस 191 गैंग के सरगना मुख्तार अंसारी की फरार चल रही पत्नी अफशा अंसारी का छोटा भाई शरजील रजा उर्फ आतिफ है.

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वह मुख्तार गैंग का सक्रिय सदस्य है और अपराधिक मामलों में पहले से ही जेल में बंद है. पुलिस अधीक्षक गाजीपुर ने बताया कि उसके खिलाफ कुर्की की भी कार्रवाई की जाएगी. शरजील रजा ने संगठित अपराध के माध्यम से अपने सहयोगियों और रिश्तेदारों के बैंक खाते में बेनामी रकम जमा कराई थी. पुलिस ने गैंगेस्टर एक्ट से संबंधित लगभग 28 लाख रुपये को फ्रीज कराया है. 

थानाध्यक्ष जंगीपुर ने साइबर सेल प्रभारी से तकनीकी सहायता प्राप्त करते हुए शरजील रजा के खिलाफ यह कार्रवाई की गई है. पुलिस ने बताया कि वर्तमान में शरजील रजा जिला कारागार लखनऊ में उक्त अभियोग में बंद है. उसकी अन्य नामी और बेनामी संपत्ति के बारे में भी जानकारी हासिल की जा रही है. 

जनवरी 2022 में गैंगस्टर एक्ट में हुई थी एफआईआर 

मुख्तार के साले और पत्नी पर मऊ के दक्षिण टोला थाने में 31 जनवरी 2022 को गैंगस्टर एक्ट में एफआईआर दर्ज कराई गई थी. बताते चलें कि मऊ के दक्षिण टोला थाना क्षेत्र के रैनी गांव में मुख्तार अंसारी की पत्नी आफसा, दोनों साले अनवर और शरजील के नाम एफसीआई गोदाम था. इसमें विकास कंस्ट्रक्शन के नाम से फर्म बनाकर यह तीनों हिस्सेदार थे.

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जिला प्रशासन ने बताया था कि गोदाम को अवैध रूप से अतिक्रमण करके बनाया गया था. साथ ही गलत तरीके से सरकारी जमीन पर कब्जा करने के आरोप में 2020 में मुकदमा दर्ज किया था. इस मामले में जमानत नहीं कराने पर तीनों को भगोड़ा घोषित कर दिया गया था. इसके बाद मुख्तार के दोनों सालों ने सितंबर 2022 में गाजीपुर न्यायाल सरेंडर कर दिया था. इसके बाद दोनों को जेल भेज दिया गया था.

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