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'राम मंदिर का न्योता मिलने पर सबसे पहले पिता का ध्यान आया...', बोलीं मालिनी अवस्थी

मालिनी अवस्थी ने बताया कि जब निमंत्रण मिला तो मैं निशब्द थी. मेरे बोल नहीं फूटे. मैं भाव विह्वल थी. सबसे पहले मुझे अपने पिता का ध्यान आया, क्योंकि पिता ने ही बचपन में मुझे राम जन्मभूमि का इतिहास बताया था.

लोक गायिका मालिनी अवस्थी (फाइल फोटो) लोक गायिका मालिनी अवस्थी (फाइल फोटो)
शिल्पी सेन
  • लखनऊ,
  • 05 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 8:37 PM IST

अयोध्या के श्रीराम मंदिर में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. इस अवसर पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन होगा. इस कार्यक्रम के लिए लोकगायिका मालिनी अवस्थी को भी निमंत्रण दिया गया है. इसे लेकर उन्होंने कहा कि जब निमंत्रण मिला तो मैं निशब्द थी. मेरे बोल नहीं फूटे. मैं भाव विह्वल थी. सबसे पहले मुझे अपने पिता का ध्यान आया, क्योंकि पिता ने ही बचपन में मुझे राम जन्मभूमि का इतिहास बताया था.

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मालिनी अवस्थी ने बताया कि जब पिताजी ने अंतिम सांस ली तो सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आ गया था. उन्होंने कहा था कि मैं अब चैन से अंतिम सांस ले सकता हूं, जितने भी रामभक्त हैं, उनकी तरफ़ से प्रणाम करूंगी कि जिन्हें प्रभु के चरणों में लीन होने का सौभाग्य मिला है.

उन्होंने कहा कि सबसे सुंदर यही है कि जो कृतज्ञांजलि, स्मरणांजलि के रूप में विवरण पत्रिका मिली है. मुझे वो दिन याद है, जब हम रथयात्रा के दौरान खाना बना कर लोगों को बसों में दिया करते थे. देवरहा बाबा ने मंदिर आंदोलन को आशीर्वाद दिया था. मालिनी अवस्थी ने कहा कि गोरखपुर का होने के नाते महंत अवैद्यनाथ और मठ से संबंध रहा है. साथ ही कहा कि रामलला जब टाट के नीचे थे, तब से हमने ये संघर्ष देखा है. हमने विश्व हिंदू परिषद की भूमिका देखी है.

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लोक गायिका ने कहा कि विश्व में किसी भी संस्कृति में कोई दूसरा उदाहरण नहीं है, जब लोगों ने अपने इष्टदेव को पाने के लिए इतनी लम्बी शांतिपूर्ण प्रतीक्षा की है. आज पूरा भारत में राममय है. सोहर गाना अब सार्थक हुआ. अब सोहर गाने में ज़्यादा आनंद आता है. अब इसका (सोहर गाने का) समय आ गया है.

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