
साल 2024 में उत्तर प्रदेश के बदायूं में 7 साल की बच्ची की हत्या के मामले में विशेष पोक्सो अदालत ने दोषी को मौत की सजा सुनाई है. बुधवार को एक विशेष पोक्सो अदालत ने 2024 में सात वर्षीय बच्ची का यौन उत्पीड़न करने में विफल रहने के बाद उसकी हत्या के लिए एक व्यक्ति को मौत की सजा सुनाई. अतिरिक्त जिला सरकारी वकील वीरेंद्र सिंह और प्रदीप भारती ने बताया कि चार महीने की सुनवाई के बाद, विशेष न्यायाधीश दीपक कुमार यादव ने 22 साल के जेन आलम को अपराध का दोषी पाया और मौत की सजा सुनाई.
उन्होंने बताया कि घटना 18 अक्टूबर, 2024 की है, जब बच्ची बिल्सी कस्बे में सब्जी खरीदने के लिए निकली थी, लेकिन घर नहीं लौटी. अधिकतम सजा के अलावा, अदालत ने दोषी पर 1.75 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. नाबालिग के परिवार ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी जिसके बाद पुलिस ने एक खाली पड़े घर से उसका शव बरामद किया था. सिंह ने कहा कि अपराध स्थल के आसपास के सीसीटीवी क्लिप से आरोपी की पहचान करने में मदद मिली. मुठभेड़ के बाद आलम को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था.
इधर मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की एक विशेष अदालत ने मंगलवार को एक 30 वर्षीय व्यक्ति को पिछले साल एक नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार और हत्या के लिए तीन आरोपों के तहत दोषी ठहराते हुए तीन बार मौत की सजा सुनाई है. इसके साथ ही उसकी मां और बहन को भी दो-दो साल जेल की सजा सुनाई गई है. ये वारदात पिछले साल सितंबर में हुई थी.