
सुल्तानपुर लूट कांड के आरोपी मंगेश यादव के एनकाउंटर पर हो रही राजनीति के बीच यूपी के डीजीपी प्रशांत कुमार का बड़ा बयान सामने आया है. डीजीपी ने कहा कि पुलिस विभाग जाति या किसी अन्य फैक्टर को देखकर काम नहीं करता है. जिन लोगों को सुल्तानपुर की वारदात में संलिप्त बताया गया है, उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं.
डीजीपी प्रशांत कुमार ने साफ कहा कि मंगेश यादव भी सुल्तानपुर लूट में शामिल था. पुलिस के पास उसके शामिल होने के पुख्ता सबूत हैं. उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस की कार्रवाई निष्पक्ष और साक्ष्य आधारित है. डीजीपी ने वारदात वाले दिन का सीसीटीवी फुटेज दिखाकर दावा किया कि मंगेश खुद दुकान में घुसकर लूट कर रहा था. उसने हेलमेट पहन रखा था.
डीजीपी ने कहा कि इस घटना में लूटी गए सोने (गोल्ड) की पूरी बरामदगी की गई है. किसी भी एनकाउंटर में जवाबी कार्रवाई में फायरिंग की जाती है, कभी-कभी इसको लेकर भ्रांति फैलती है, ऐसे ऑपरेशन में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन होता है. अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति है. पुलिस जनता की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. व्यापारी, इंडस्ट्री के लिए भयमुक्त माहौल दिया गया है.
बता दें कि गुरुवार (12 अगस्त) को उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार (DGP Prashant Kumar) और ADG कानून-व्यवस्था अमिताभ यश (Amitabh Yash) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बताया कि सुल्तानपुर की वारदात से पहले बाकायदा दो बार रेकी की गई थी. आरोपियों के कब्जे से करीब ढाई किलो सोना बरामद किया गया है. वहीं, पुलिस ऑपरेशन को लेकर भ्रम फैलाया गया.
बकौल- अमिताभ यश 28 अगस्त को सुल्तानपुर में विपिन सिंह के गैंग ने करोड़ों की लूट की थी. गैंग द्वारा पहले भी लखनऊ और सूरत में घटना को अंजाम दिया गया. लूट में इस्तेमाल मोटरसाइकिल जौनपुर से चोरी की गई थी जिसमें मंगेश यादव की भूमिका थी. भागने के लिए बोलेरो का इस्तेमाल किया गया. सर्विलांस के आधार पर उन्हें ट्रैक किया गया और एक-एक कर सारे साक्ष्य जुटाए गए. अभियुक्तों की गिरफ्तारी से बाद लूटी गई चांदी, सोना और नगदी बरामद की गई.
अभी अंकित, अरबाज, फुरकान, अजय, अनुज प्रताप सिंह की गिरफ्तारी बाकी है. वहीं, विपिन सिंह से पूछताछ के बाद दुर्गेश, अरविंद, विवेक को गिरफ्तार कर लिया गया है. इन सबने गिरोह बनाकर घटना को अंजाम दिया था.
दुकान के अंदर फुरकान, अनुज, अरबाज, मंगेश और अंकित घुसे थे. इसके अलावा विपिन सिंह, विनय शुक्ला, अरविंद, विवेक और दुर्गेश दुकान के आसपास घेराबंदी किए हुए थे. ताकि कोई समस्या होने पर ये लोग फायर कर सकें और पुलिस से बच सकें. इन सबके सीसीटीवी फुटेज मौजूद हैं.