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एक महिला, तीन लोगों से अफेयर, फिर खौफनाक वारदात... इंटीरियर डिजाइनर का गाजियाबाद में मर्डर, बुलंदशहर में किए लाश के टुकड़े

Ghaziabad News: इंटीरियर डिजाइनर तरुण पवार के साथ जो कुछ हुआ, उसे जानकर पुलिस भी हैरान रह गई. तरुण जिस अंजली नाम की महिला को दिल दे चुका था, वह भी उसकी हत्या में शामिल हो गई. उसने अपने सामने तरुण को मरते देखा. कई घंटे तक अंजली अपने दूसरे प्रेमी और जीजा के साथ तरुण की लाश के पास बैठी रही.

पुलिस की गिरफ्त में तीनों हत्यारोपी (बाएं) और मृतक तरुण (दाएं) पुलिस की गिरफ्त में तीनों हत्यारोपी (बाएं) और मृतक तरुण (दाएं)
मयंक गौड़
  • गाजियाबाद ,
  • 26 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 4:32 PM IST

शादीशुदा महिला, तीन लोगों से अफेयर, फिर एक आशिक का बेरहमी से कत्ल... ये कहानी है गाजियाबाद के इंटीरियर डिजाइनर 35 वर्षीय तरुण पवार के मर्डर की. तरुण के साथ जो कुछ हुआ, उसे जानकर आम लोगों के साथ पुलिस भी हैरान रह गई. तरुण जिस अंजली नाम की महिला को दिल दे चुका था, वह भी उसकी हत्या में शामिल हो गई. उसने अपने सामने कमरे में तरुण को मरते देखा. कई घंटे तक अंजली अपने दूसरे प्रेमियों के साथ तरुण की लाश के पास बैठी रही. रात होने पर शव को ठिकाने लगाया गया. आइए जानते हैं पूरी कहानी... 

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दरअसल, तरुण पवार को तनिक भी अंदाजा नहीं था कि जिस अंजली के प्यार में वह है, उसके पहले से कई प्रेमी हैं. अपने जीजा अक्षय के साथ भी उसके संबंध हैं. अक्षय के साथी पवन और अन्य लोगों से भी अजंली बात करती थी. जब इन सभी को ये बात पता लगी कि तरुण और अंजली में नजदीकी बढ़ गई है तो उन्होंने तरुण को रास्ते से हटाने का प्लान बनाया. इस प्लान का विरोध करने के बजाय अंजली खुद इसमें शामिल हो गई. 

बता दें कि पिछले दिनों (16-17 अगस्त) गाजियाबाद के नंदग्राम थाना क्षेत्र के राजनगर एक्सटेंशन की एक सोसायटी में रहने वाला इंटीरियर डिजाइनर तरुण पवार अचानक लापता हो गया. पिता ने पुलिस में बेटे के लापता होने की शिकायत दर्ज करवाई. पहले तो परिवार को लगा कि किसी ने उसका अपहरण कर लिया है. मगर जब पुलिस जांच में जुटी तो सच जानकर दंग रह गई.

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पूरा शव मिलना बाकी

तरुण की इतनी क्रूर तरीके से हत्या की गई कि उसका शव भी पूरी तरह से पुलिस को नहीं मिल पाया. पहले हत्यारों ने उसको कई घंटे तक पीटा.  जब वह बेहोशी की हालत में हो गया तो गला दबाकर उसे मार डाला. फिर, कार से शव को शहर से बाहर बुलंदशहर ले गए और कई टुकड़े कर बॉडी पार्ट्स इधर-उधर नहर-जंगल आदि में फेंक दिए. सिर, टांगें और हाथ अलग-अलग फेंके गए ताकि शव की पहचान ना हो सके. 

काम के बहाने बुलाया और मार डाला 

तरुण की हत्या की योजना अंजली के प्रेमी, अंजली के जीजा, प्रेमी के दोस्तों ने मिलकर बनाई थी. सबसे पहले इंटीरियर के काम के बहाने उसे बुलाया गया. इसके लिए नए नंबर का इस्तेमाल किया गया. हत्यारे उसे एक घर ले गए और वहां गला दबाकर उसे जान से मार डाला. इस दौरान अंजली भी मौजूद थी. वह तरुण की हत्या होते हुए देखती रही. हत्या के वक्त कमरे में अक्षय, पवन, अजंली के अलावा जीते, अंकुर, दीपांशु और अंकित भी मौजूद थे. 

प्रेमी और जीजा से भी थे अंजली के संबंध

पुलिस की पूछताछ में पता चला कि तरुण जिस अंजली के प्यार में पड़ चुका था, उसके संबंध अपने जीजा से थे. इसी के साथ अंजली के संबंध एक हत्यारोपी पवन के साथ भी थे. वहीं, अंजली का अपने पति से तलाक का केस चल रहा है. तरुण के साथ अंजली की नजदीकी उसके जीजा और पवन को पसंद नहीं थी. ऐसे में अंजली के जीजा और पवन ने तरुण को मारने की योजना बना डाली. अंजली ने एक बार भी तरुण को बचाने की कोशिश नहीं की और अपने सामने ही उसको मरता देखती रही.

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पुलिस ने क्या बताया?

मामले को लेकर (डीसीपी सिटी) गाजियाबाद, राजेश कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस तरुण की तलाश कर रही थी. सीसीटीवी कैमरों और सर्विलांस की मदद से कुछ लोगों को पकड़ा गया. फिर सारी वारदात खुलकर सामने आ गई. युवक के शव के 3 टुकड़े किए गए थे. अभी पैर बरामद किया गया है. डीएनए टेस्ट कराया जाएगा. मुख्य आरोपी पवन, उसके अन्य साथी वंश और अंजलि को गिरफ्तार कर लिया गया है. फरार चल रहे 6 अन्य आरोपी दीपांशु, अक्षय, जीते, अंकुर, मनोज और अंकित की तलाश की जा रही है.

बेरहमी से किया गया कत्ल 

हत्यारों ने गला दबाकर तरुण की हत्या की और उसके बाद शव के 3 टुकड़े कर डाले. फावड़े और दरांती से शव का गला, धड़ और टांगें काटी गई और शव को गाजियाबाद से एक कार में ले जाकर बुलंदशहर की नहर में अलग-अलग जगह ठिकाने लगा दिया. शव को गद्दे में लपेट कर बाइक से कार तक ले गए थे. 

अवैध संबंधों के चलते हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया था. हत्या की यह साजिश हत्यारों द्वारा बेहद शातिराना अंदाज में रची गई थी जिसे सुलझाना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती थी. हालांकि, पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद सर्विलांस और सीसीटीवी कैमरा और मैन्युअल इंटेलिजेंस की मदद से कुछ संदिग्ध लोगों की पहचान की और हत्यारों तक पहुंच गई. खुलासे में पुलिस को करीब हफ्ते भर लग गए. 

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