
उत्तर प्रदेश के मथुरा में राधाष्टमी समारोह के दौरान दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई. इस समारोह में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी थी, जिसके कारण मंदिर परिसर में व्यवस्थाएं डगमगा गईं. दो लोगों की मौत की जानकारी मिलने के बाद प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और जायजा लिया. फिलहाल मौतों के मामले की जांच की जा रही है.
जानकारी के अनुसार, मथुरा के बरसाना में राधा रानी जन्म उत्सव मनाया जा रहा था. इस उत्सव में शामिल होने बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच गए. इस दौरान भीड़ के कारण दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई. अनुमान लगाया जा रहा है कि जन्म उत्सव के दौरान भीड़ का अधिक दबाव होने से श्रद्धालुओ की मौत हुई है. दोनों की मौत अलग-अलग जगह पर हुई है. शुरुआती तौर पर यह भी बताया जा रहा है कि एक श्रद्धालु का शुगर लेवल कम हो गया था.
घटना को लेकर क्या बोले जिलाधिकारी और एसएसपी?
एसएसपी मथुरा शैलेश कुमार पांडे और जिलाधिकारी शैलेंद्र सिंह का कहना है कि मंदिर परिसर में कोई घटना नहीं हुई है. एक बरसाना के लोकल रहने वाले हैं, जिनकी मौत हुई है. वहीं दूसरी महिला श्रद्धालु मंदिर परिसर से नीचे थी, जिनकी मौत हुई है. जिलाधिकारी शैलेंद्र सिंह ने कहा कि एक 60 साल की महिला डायबिटीज से परेशान थीं. उनका शुगर लेवल 500 से ऊपर चला गया था. वहीं एक बुजुर्ग 75 साल के थे, जिन्हें हार्ट अटैक आ गया. अफवाहों पर ध्यान न दें. सारी व्यव्स्था सुचारू रूप से चल रही है.
बीते साल भी घुटन से दो लोगों की हो गई थी मौत
बता दें कि इससे पहले मथुरा के प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर परिसर में बीते साल जन्माष्टमी के मौके पर भारी भीड़ की वजह से घुटन के चलते दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी, वहीं 6 लोग घायल हो गए थे. यह हादसा मंगला आरती के दौरान हुआ था. पुुलिस का कहना था कि निकास द्वार पर भारी भीड़ होने से जाम हो गया था, जबकि प्रवेश द्वारों से भी भीड़ लगातार आ रही थी. अचानक भीड़ बढ़ने से घुटन और बेचैनी हुई और लोग बेहोश हो गए.
हालांकि मंदिर प्रशासन से जुडे़ लोगों ने संगीन आरोप लगाया था, उनका कहना था कि कुछ अफसर अपने परिजनों को मंगला आरती में ले आए थे. ये परिजन बालकनी से दर्शन कर रहे थे. अधिकारियों ने अपने परिवार वालों की सुरक्षा के चक्कर में ऊपरी मंजिल के गेट बंद करा दिए थे, इससे लोगों को बचाने में दिक्कत हुई.