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मथुरा मंदिर-मस्जिद केस: हिंदू पक्षकारों की कोर्ट कमिश्नर और ASI सर्वे की मांग वाली याचिका पर सुनवाई पूरी, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

Mathura Krishna Janmabhoomi and Mosque Case: इलाहाबाद हाईकोर्ट में हिंदू पक्ष की तरफ से खुद विष्णु शंकर जैन मौजूद रहे. जैन ने बताया कि कृष्णजन्मभूमि मामले में उन्होंने एडवोकेट कमिश्नर द्वारा शाही ईदगाह मस्जिद के सर्वेक्षण के लिए आवेदन दायर किया था. जिसपर माननीय हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.

मथुरा विवाद मामले में हाईकोर्ट में हुई सुनवाई मथुरा विवाद मामले में हाईकोर्ट में हुई सुनवाई
कुमार अभिषेक/पंकज श्रीवास्तव
  • प्रयागराज ,
  • 16 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 3:39 PM IST

मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद मामले में आज (16 अक्टूबर) इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में अहम सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद शाही ईदगाह परिसर की सर्वे की मांग वाली याचिका पर हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. हिंदू पक्ष की तरफ से दायर कोर्ट कमीशन नियुक्त करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई पूरी हो गई है. अब मामले से जुड़े सभी 16 केस की एक साथ सुनवाई शुरू होगी. हिंदू पक्षकारों ने कोर्ट कमिश्नर और ASI सर्वे की मांग की है. 

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इलाहाबाद हाईकोर्ट में हिंदू पक्ष की तरफ से खुद विष्णु शंकर जैन मौजूद रहे. वहीं, मुस्लिम पक्ष की ओर से वकील महमूद प्राचा ने दलीलें पेश की. विष्णु शंकर जैन ने बताया कि कृष्णजन्मभूमि मामले में उन्होंने एडवोकेट कमिश्नर द्वारा शाही ईदगाह मस्जिद के सर्वेक्षण के लिए आवेदन दायर किया था. जिसपर माननीय हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.

दरअसल, श्रीकृष्ण जन्मभूमि पक्ष की ओर से दलील दी गई कि मस्जिद के नीचे कई ऐसे प्रतीक हैं जो हिंदुओं की भावनाओं से जुड़ें हुए हैं. हालांकि, मस्जिद पक्ष की ओर से इसका विरोध किया गया. अगली सुनवाई पर सभी पक्षकारों को उपस्थित रहने का आदेश दिया गया है. मालूम हो कि मथुरा जिला कोर्ट से ट्रांसफर हुई सभी 16 याचिकाओं पर हाईकोर्ट सीधे तौर पर सुनवाई कर रहा है. 

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दोनों पक्षों की क्या मांग है? 

दायर याचिकाओं में कुल चार पक्षकार हैं. जिसमें शाही ईदगाह मस्जिद, यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, श्री कृष्ण जन्मभूमि सेवा संघ और श्री कृष्ण जन्मभूमि संघ शामिल हैं. हिंदू पक्ष की ओर से दायर याचिकाओं में कथित तौर पर अवैध रूप से बनी शाही ईदगाह मस्जिद को हटाए जाने की मांग की गई है. ताकि अयोध्या के राम मंदिर की तरह मथुरा में भी भव्य कृष्ण मंदिर का निर्माण हो सके.

ये भी पढ़ें- अयोध्या-काशी के बाद अब मथुरा पर कानूनी लड़ाई, जानिए 55 साल पुराने इस केस की हिस्ट्री, दोनों पक्षों की डिमांड और दलीलें 

साथ ही याचिकाओं में 12 अक्टूबर 1968 को हुए समझौते को अवैध बताया गया है. इस समझौते के तहत शाही ईदगाह मस्जिद को दी गई 13.37 एकड़ जमीन भगवान श्री कृष्णा विराजमान को सौंपे जाने की मांग की गई है.

वहीं,  आज हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान शाही ईदगाह मस्जिद पक्ष के वकील ने कहा कि जब तक प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट और वक्फ एक्ट का मामला निपटाया नहीं जाता, तब तक कोर्ट कमिश्नर की मांग वाली अर्जी पर फैसला नहीं हो सकता. 

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