
अयोध्या में रामलला का मंदिर निर्माण और वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर के मामले के बाद अब मथुरा में श्रीकृष्ण स्थान से सटे ईदगाह का मामला तूल पकड़ रहा है. वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में हिंदू धर्म प्रतीक चिह्न का मामला सुर्खियों में है. वहीं मथुरा में श्रीकृष्ण जन्म स्थान व शाही मस्जिद ईदगाह में भी सनातन धर्म के चिह्न होने का दावा किया जा रहा है. इसको लेकर मथुरा के स्थानीय कोर्ट में कई वाद भी चल रहे हैं.
श्रीकृष्ण जन्म भूमि न्यास के अध्यक्ष व श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले के वादी महेंद्र प्रताप सिंह एडवोकेट पिछले 2 साल से लगातार शाही ईदगाह परिसर का सर्वे कराए जाने की मांग कर रहे हैं. इसको लेकर उन्होंने न्यायालय में भी कई बार प्रार्थना पत्र दिए हैं.
क्या बोले श्रीकृष्ण जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष?
श्रीकृष्ण जन्म भूमि न्यास के अध्यक्ष व वादी महेंद्र प्रताप सिंह एडवोकेट का कहना है कि शाही ईदगाह परिसर में कमल पुष्प व ओम आकृति के चिह्न आज भी हैं. इन सभी का सर्वे कराए जाने के बाद स्थिति स्वतः ही स्पष्ट हो जाएगी. महेंद्र प्रताप सिंह एडवोकेट ने कहा कि चित्र उन्होंने विभिन्न स्रोतों से प्राप्त किए हैं. अब 5-6 अगस्त को वृंदावन के चिंतामणि कुंज में इसकी प्रदर्शनी लगाई जाएगी.
इलाहाबाद हाईकोर्ट में होगी मामलों की सुनवाई
मथुरा में लंबित सभी वादों को इलाहाबाद हाईकोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया था. अब यह मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट में विचाराधीन है, जबकि श्री शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी के सचिव तनवीर अहमद का कहना है कि यहां कोई भी चिह्न नहीं है. यह मुगलकालीन स्थापत्य कला है. वादीगण द्वारा इसका गलत तरीके से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है.
मथुरा की कोर्ट में चल रहे थे 14 मामले
फिलहाल सच्चाई जो भी हो, यह तो जांच और सर्वे के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा, पर इतना जरूर है कि अयोध्या का मामला हल होने और ज्ञानवापी का मामला सुर्खियों में आने के बाद अब मथुरा में भी सर्वे की मांग उठ रही है.
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वैसे मथुरा में चल रहे सभी वादों को अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुना जाना है. यहां श्रीकृष्ण जन्मभूमि व शाही ईदगाह मस्जिद से जुड़े 14 वाद मथुरा की कोर्ट में चल रहे थे, जो अब इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुने जाएंगे.