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काशी की तरह मथुरा में बांके बिहारी मंदिर में बनेगा कॉरिडोर... जानें कैसा होगा?

मथुरा में बांके बिहारी मंदिर में कॉरिडोर बनाने के लिए सर्वे शुरू हो गया है. आठ सदस्यों की टीम ये सर्वे कर रही है. सर्वे का काम इसी हफ्ते पूरा हो जाएगा. ये सर्वे इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर हो रहा है. कॉरिडोर के जरिए मंदिर और यमुना नदी को जोड़ा जाएगा.

वृंदावन में स्थित बांके बिहारी मंदिर. (फाइल फोटो) वृंदावन में स्थित बांके बिहारी मंदिर. (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 04 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 2:21 PM IST

वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के बाद अब मथुरा में बांके बिहारी मंदिर में भी कॉरिडोर बनाया जाएगा. बांके बिहारी मंदिर में कॉरिडोर के लिए सर्वे शुरू हो गया है. आठ सदस्यों की टीम ये सर्वे कर रही है. सर्वे का काम इसी हफ्ते पूरा हो जाएगा.

ये सर्वे इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर हो रहा है. हाईकोर्ट ने 17 जनवरी तक कॉरिडोर के प्रोजेक्ट का डिटेल प्लान मांगा है. इसमें सरकार को बताना है कि इस पूरे प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत भी बतानी है.

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वाराणसी में पिछले साल दिसंबर में पीएम मोदी ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन किया था. ये पांच लाख वर्ग फीट में बना है. इसकी कुल लागत तकरीबन 900 करोड़ रुपये है. इस कॉरिडोर में छोटी-बड़ी 23 इमारतें और 27 मंदिर हैं.

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तरह ही बांके बिहारी मंदिर में भी कॉरिडोर बनाया जाएगा. बांके बिहारी कॉरिडोर के लिए मंदिर के आसपास पांच एकड़ जमीन की पहचान की जाएगी.

कहां है बांके बिहारी मंदिर?

बांके बिहारी मंदिर यूपी के मथुरा जिले के वृंदावन धाम में रमण रेती पर स्थित है. ये भारत के प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है.

बांके बिहारी भगवान कृष्ण का ही एक रूप है जो इस मंदिर में दिखाया गया है. ऐसा माना जाता है कि इस पवित्र भूमि पर आने मात्र से ही पापों का नाश हो जाता है.

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वृंदावन धाम में बांके बिहारी मंदिर को 1864 में स्वामी हरिदास ने करवाया था. स्वामी हरिदास श्रीकृष्ण के परम भक्त थे. माना जाता है कि इस मंदिर में स्थापित श्रीकृष्ण की मूर्ति खुद प्रकट हुई है.

बांके बिहारी मंदिर. (फाइल फोटो-PTI)

कैसा बनेगा कॉरिडोर?

कॉरिडोर कैसा बनेगा? इसे लेकर अभी डिटेल प्लान आना बाकी है. हालांकि, पिछले साल अगस्त में बांके बिहारी मंदिर में दर्शन करने गए यूपी सरकार के मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने इस बारे में थोड़ी जानकारी जरूर दी थी.

उस समय चौधरी ने बताया कि ये कॉरिडोर मंदिर और यमुना नदी से जुड़ा रहेगा. ये ठीक वैसा ही होगा जैसा काशी विश्वनाथ कॉरिडोर है. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के जरिए मंदिर और गंगा नदी को जोड़ा गया है.

उन्होंने बताया था कि इस कॉरिडोर पर एक समय में पांच हजार से ज्यादा श्रद्धालु आ सकेंगे. श्रद्धालु यमुना में डुबकी लगाने के बाद इस कॉरिडोर के जरिए सीधे मंदिर तक पहुंच सकेंगे. 

लक्ष्मी नारायण चौधरी ने दावा किया था कि अभी एक बार में लगभग 800 श्रद्धालु ही मंदिर में दर्शन कर पाते हैं, लेकिन कॉरिडोर के बाद पांच हजार श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे. 

सर्वे में क्या होगा?

पिछले साल जन्माष्टमी पर बांके बिहारी मंदिर में भीड़ बढ़ गई थी. इससे भगदड़ जैसी स्थिति बन गई थी. इस वजह से दम घुटने से दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी, जबकि 7 लोग घायल हो गए थे.

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इसके बाद श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दायर हुई थी. इसके जवाब में पिछले साल अक्टूबर में यूपी सरकार ने बताया था कि बांके बिहारी मंदिर में कॉरिडोर बनाया जाएगा.

पिछले साल 20 दिसंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को 17 जनवरी 2023 तक बांके बिहारी कॉरिडोर का डिटेल प्लान देने का आदेश दिया था. इसके लिए सर्वे कराने का आदेश दिया था.

हाईकोर्ट के आदेश के बाद 25 दिसंबर को सर्वे टीम बनाई गई. इस टीम में 8 सदस्य हैं. इस टीम को अनुनया झा हेड कर रहे हैं. इस टीम में मथुरा वृंदावन डेवलपमेंट अथॉरिटी, नगर निगम और रेवेन्यू डिपार्टमेंट के अधिकारी भी हैं.

 

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