
गृहमंत्री अमित शाह द्वारा संसद में बाबा साहेब अंबेडकर पर की गई टिप्पणी को लेकर कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल बीजेपी पर हमलावर हैं. इस बीच उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने भी कहा है कि अमित शाह को उन शब्दों को वापस लेकर पश्चाताप करना चाहिए. इतना ही नहीं मायावती ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लेकर कहा कि जगह-जगह संविधान लहराना और नीले रंग के कपड़े पहनना दिखावे की सस्ती राजनीति है.
मायावती ने कहा कि संसद में दलित और उपेक्षित वर्गों के मसीहा परमपूज्य बाबा साहेब अंबेडकर के बारे में अमित शाह ने जिन शब्दों का इस्तेमाल किया है, उससे इन वर्गों की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंची है. ऐसे में उन शब्दों को वापस लेकर इनको पश्चाताप भी जरूर करना चाहिए.
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कांग्रेस, बीजेपी और उसके सहयोगी पर भड़कते हुए बीएसपी सुप्रीमो ने कहा कि इनकी चाल, चरित्र और चेहरा बाबा साहेब अंबेडकर और उनके करोड़ों दलित-पिछड़े, शोषित-पीड़ित अनुयाइयों के हित व कल्याण के प्रति हमेशा संकीर्ण, जातिवादी रहने के कारण इनके सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक हालात लगातार बदतर हैं. इस बात से इनकार करना असंभव है.
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उन्होंने इन दलों को एक ही थैली के चट्टे-बट्टे बताते हुए कहा कि अंबेडकर के प्रति दिल से सम्मान नहीं करना और उनके अनुयाइइयों के खिलाफ अन्याय-अत्याचार तथा इनको संवैधानिक व कानूनी हक देने के बजाय छीनने में भी यह पार्टियां एक ही थैली के चटटे-बट्टे हैं. इसको लेकर सत्ता और विपक्ष के बीच जारी तकरार केवल वोट के स्वार्थ की राजनीति है.
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मायावती ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा कि संविधान का जगह-जगह लहराना और नीला रंग पहनना आदि दिखावे की सस्ती राजनीति है. यह सब करने के पहले सत्ता व विपक्ष दोनों को अपने दिल में पड़े संकीर्णता, जातिवाद एवं द्वेष आदि के कालेपन को साफ करके पाक-साफ करना होगा तभी इन वर्गों का व देश का भी सही हित संभव है.