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'धर्मवीर चौधरी या कोई कुछ कहता है तो ये उसकी निजी राय', मायावती ने हटाए बसपा के सारे प्रवक्ता

बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने मीडिया सेल के पुनर्गठन का ऐलान कर दिया है. मायावती ने ट्वीट कर कहा है कि मीडिया सेल के पुनर्गठन तक पार्टी का कोई प्रवक्ता नहीं है. धर्मवीर चौधरी या पार्टी का कोई मीडिया में अपनी राय रखता है तो वह उसकी निजी राय होगी.

मायावती (फाइल फोटो) मायावती (फाइल फोटो)
आशीष श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 17 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 7:03 PM IST

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने बड़ा कदम उठाया है. मायावती ने ट्वीट कर कहा है कि इस समय बसपा का कोई भी प्रवक्ता नहीं है. बसपा अपने मीडिया सेल का पुनर्गठन करेगी. ये ऐलान बसपा प्रमुख मायावती ने किया है. मायावती ने शुक्रवार को ट्वीट कर ये कहा है कि बसपा के मीडिया सेल का पुनर्गठन होना है.

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उन्होंने कहा है कि इस परिस्थिति में नए मीडिया सेल का गठन होने तक कोई भी पार्टी का प्रवक्ता नहीं है. बसपा प्रमुख और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने साथ ही ये भी साफ किया है कि धर्मवीर चौधरी समेत पार्टी का कोई भी नेता अगर मीडिया में अपनी बात रखता है तो वह उसकी निजी राय होगी.

उन्होंने अपने ट्वीट में ये भी कहा है कि धर्मवीर चौधरी या पार्टी का कोई भी मीडिया में कोई राय रखता है तो वह पार्टी का अधिकृत वक्तव्य नहीं होगा. गौरतलब है कि बसपा प्रवक्ता धर्मवीर चौधरी ने उमेश पाल हत्याकांड को लेकर अतीक अहमद के परिवार का बचाव किया था. धर्मवीर चौधरी ने कहा था कि बसपा नेता शाइस्ता परवीन ने उमेश पाल हत्याकांड की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है.

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धर्मवीर चौधरी ने कहा था कि सरकार को शाइस्ता की मांग पर विचार करते हुए उमेश पाल हत्याकांड की जांच सीबीआई से करानी चाहिए. धर्मवीर चौधरी के इस बयान के बाद बसपा पर सवाल उठने लगे थे. धर्मवीर चौधरी के बयान से हुई बसपा की किरकिरी के बाद मायावती ने पार्टी के मीडिया सेल को भंग करने के साथ ही ये भी साफ कर दिया है कि कोई नेता बयान देता है तो वह उसकी निजी राय होगी.

बता दें कि बसपा नेता उमाशंकर सिंह ने भी शाइस्ता परवीन का बचाव किया था. उमाशंकर सिंह ने अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन पर इनाम घोषित किए जाने को पुलिस की नाकामी बता दिया था. उमाशंकर सिंह ने ये भी कह दिया था अगर अपराधियों के साथ तस्वीर की वजह से शाइस्ता पर इनाम घोषित करना है तो अखिलेश यादव पर भी केस दर्ज किया जाना चाहिए. शूटर्स के साथ उनकी भी तस्वीर आई है.

इन बयानों के कारण बसपा पर सवाल उठे ही थे, अपराध को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलने का दावा करने वाली मायावती भी असहज हो गई थीं. अब मायावती ने पार्टी के मीडिया सेल का पुनर्गठन करने का ऐलान कर दिया है.

 

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