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मायावती के जन्मदिन पर मंच पर दिखा छोटा भतीजा ईशान, आकाश आनंद को पहले ही दे रखी है जिम्मेदारी

मायावती के जन्मदिन के अवसर पर मंच पर आकाश आनंद के छोटे भाई ईशान आनंद दिखाई दिए हैं, जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि बीएसपी सुप्रीमो ने अपने छोटे भतीजे की राजनीति में एंट्री करा दी है.

मंच पर मायावती, आकाश आनंद के साथ ईशान आनंद मंच पर मायावती, आकाश आनंद के साथ ईशान आनंद
आशीष श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 15 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 2:52 PM IST

बहुजन समाज पार्टी की मुखिया और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (BSP Supremo Mayawati) के जन्मदिन पर आज मंच पर उनके दूसरे भतीजे को देखा गया. जहां मायावती ने बड़े भतीजे आकाश आनंद को पहले से ही पार्टी की जिम्मेदारी दी हुई है, वहीं अब उनके छोटे भाई ईशान आनंद का इस तरह मंच पर दिखना उनकी राजनीतिक एंट्री मानी जा रही है.  

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जानकारी के मुताबिक, मायावती के भाई आनंद कुमार की तबीयत खराब होने के कारण बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की राजनीति में एक नए चेहरे का आगमन हुआ है. आनंद कुमार के स्वास्थ्य की स्थिति खराब होने के कारण वे पार्टी के स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल नहीं हो पाए हैं. 

इसी कारण मायावती के छोटे भतीजे ईशान आनंद को राजनीति में उतारा गया है. ईशान आनंद ने बीएसपी के लिए एक महत्वपूर्ण माने जाने वाला दिन (मायावती के जन्मदिन) मंच पर अपनी पहली उपस्थिति दर्ज कराई, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि वे आनंद कुमार की अनुपस्थिति में पार्टी के लिए काम करेंगे. 

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आकाश आनंद के पास पहले से जिम्मेदारी

मायावती के इस फैसले को बीएसपी में नए नेतृत्व की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. ईशान आनंद के राजनीति में प्रवेश से पार्टी को युवा मतदाताओं को आकर्षित करने में मदद मिल सकती है. बता दें कि बीएसपी सुप्रीमो ने आकाश आनंद को पहले ही जिम्मेदारी दी हुई है. फिलहाल वो पार्टी के स्टार प्रचारक हैं, जो दिल्ली विधानसभा में जमकर प्रचार कर रहे हैं. 

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आकाश आनंद को घोषित कर दिया था अपना उत्तराधिकारी

मायावती ने पहले आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था. उन्हें पार्टी का नेशनल कॉर्डिनेटर नियुक्त किया गया था, लेकिन लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान जब उन्होंने बीजेपी के सीनियर नेताओं पर सख्त टिप्पणी की तो बीएसपी सुप्रीमो ने उन्हें सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया था. हालांकि करीब एक महीने बाद ही उन्हें उत्तराखंड का प्रभारी बना दिया और फिर से उन्हें नेशनल कॉर्डिनेटर का पद सौंप दिया गया.

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