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मेरठ: बिना वेरीफाई किए पासपोर्ट में लगा लगा दी मुहर... दुबई भाग गए लॉरेंस बिश्नोई के दो शूटर! सिपाही सस्पेंड

मेरठ में पुलिस विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई, जहां बिना एड्रेस वेरिफाई किए गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के दो गुर्गों की पासपोर्ट डिटेल पर मुहर लगा दी गई. पासपोर्ट बनने के बाद बिश्नोई गैंग के शूटर दुबई पहुंच गए.

गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई
उस्मान चौधरी
  • मेरठ ,
  • 15 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 12:11 PM IST

यूपी के मेरठ में पुलिस विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई, जहां बिना एड्रेस वेरिफाई किए गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के दो गुर्गों की पासपोर्ट डिटेल पर मुहर लगा दी गई. पासपोर्ट बनने के बाद बिश्नोई गैंग के शूटर दुबई पहुंच गए. खुफिया विभाग की रिपोर्ट पर जांच हुई तो मामले का खुलासा हुआ. जिसके बाद अब पुलिस ने पासपोर्ट वेरिफिकेशन करने वाले आरोपी सिपाही संदेश कुमार को सस्पेंड कर दिया है. 

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दरअसल, राजस्थान के रहने वाले राहुल कुमार और महेंद्र कुमार के फर्जी पासपोर्ट वेरिफिकेशन के मामले में लापरवाही साबित होने पर सिपाही को निलंबित किया गया है. राजस्थान के बीकानेर निवासी राहुल कुमार और महेंद्र कुमार गुजरात की साबरमती जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गे हैं. मेरठ के पते पर उनके फर्जी पासपोर्ट तैयार किए गए थे और बाद में दोनों दुबई भाग गए थे. 

आरोप था कि लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गों के मेरठ के पते पर फर्जी पासपोर्ट बनाए गए, फिर दोनों शूटर (राहुल-महेंद्र) फर्जी पासपोर्ट के जरिए दुबई पहुंच गए. बाद में खुफिया विभाग की रिपोर्ट पर जांच की गई, जिसमें पाया गया कि बिना सत्यापन ही पासपोर्ट वेरिफिकेशन में मुहर लगा दी गई. इसमें जिन सिपाहियों की भूमिका संदिग्ध मिली है, उनपर एक्शन लिया जा रहा है. 

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बता दें कि लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गों के फर्जी पासपोर्ट के मामले में गाजियाबाद से साइबर कैफे चलाने वाले राजू वेद को गिरफ्तार किया गया था. आरोप था कि इसी साल अप्रैल में राजू के पास लॉरेंस के दो शूटर राहुल कुमार पुत्र चेतन लाल और महेंद्र कुमार पुत्र खजुहरलाल पहुंचे थे. दोनों ने राजू से फर्जी पासपोर्ट बनाने की मांग की. इस पर राजू ने उनसे पैसे लिए और मेरठ के कंकरखेड़ा थाना के श्रद्धापुरी के पते पर पासपोर्ट बनवा दिए. 

दोनों ही बदमाशों पर राजस्थान के बीकानेर में रंगदारी के कई मुकदमे दर्ज हैं और वो फरार चल रहे थे. पासपोर्ट बनने के बाद दोनों दुबई चले गए. जिसके बाद राजस्थान पुलिस ने तत्कालीन मेरठ के एसएसपी को पूरे मामले से अवगत कराया. फिर इस मामले में जांच शुरू हुई.

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