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'मुट्ठी में पकड़ के चुटिया काट ली...' मुख्तार अंसारी का वो ऑडियो, जब कृष्णानंद राय की हत्या के बाद जेल से किया था कॉल

माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) का एक पुराना ऑडियो मौजूद है, जिसे इंटरसेप्ट किया गया था. यह ऑडियो तत्कालीन भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के बाद का है. इसमें सुना जा सकता है कि मुख्तार अंसारी ने जेल में बंद रहते हुए दूसरी जेल में बंद अभय सिंह से बात की और कृष्णानंद राय पर हुई गोलीबारी की खबर दी.

मुख्तार अंसारी का ऑडियो. मुख्तार अंसारी का ऑडियो.
अरविंद ओझा
  • नई दिल्ली,
  • 29 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 2:40 PM IST

Mukhtar Ansari Audio: भाजपा विधायक कृष्णानंद राय (BJP MLA Krishnanand Rai) की हत्या हो जाने के बाद माफिया मुख्तार अंसारी ने जेल से एक कॉल किया था. इस कॉल को इंटरसेप्ट (intercept call) कर लिया गया था. जिस वक्त बीजेपी नेता कृष्णानंद राय पर गोली चल रही थी, जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी दूसरी जेल में बंद अभय सिंह से बातचीत कर रहा था. इस पूरी बातचीत का ऑडियो मौजूद है.

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इस ऑडियो में मुख्तार बोल रहा है- कृष्णा नंद राय और मुन्ना बजरंगी के बीच गोलीबारी चल रही है. गोली बराबर चल रही है, मुकाबला चल रहा है. मुख्तार कहता है- 'जय श्रीराम.' इसी के साथ कहता है कि 'मुट्ठी में पकड़ के चुटिया काट ली.'

साल 2005 में लगभग 400 राउंड गोलियां AK-47 से चलाई गईं थीं. ऑडियो में हत्याकांड के बाद मुख्तार अंसारी कृष्णानंद राय की हत्या की खबर दे रहा है. कहता है कि हमारा विरोधी था, हम बहुत खुश हैं, जिसने भी मारा है, ठीक किया. मुख्तार को पता रहता था कि उसका फोन एसटीएफ टेप करती है, इसलिए एहतियात से बात करता था. मुख्तार इस ऑडियो में बोल रहा है कि राजनीतिक मनमुटाव कृष्णानंद राय का हमीं लोगों से था, हम बहुत खुश हैं.

यहां सुनें ऑडियो

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बता दें कि बांदा जेल में बंद रहे मुख्तार अंसारी की बीती रात (28 मार्च) तबीयत बिगड़ने के बाद अस्पताल में मौत हो गई. डॉक्टरों के मुताबिक, मुख्तार की मौत आर्डियक अरेस्ट से हुई है. मुख्तार अंसारी पर 60 से ज्यादा केस दर्ज थे. इनमें सबसे चर्चित केस बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड है.

कब और कैसे की गई थी कृष्णानंद राय की हत्या?

साल 2005 में कृष्णानंद राय की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी. कृष्णानंद के साथ 7 लोग और मारे गए थे. दरअसल, 2002 के विधानसभा चुनाव में कृष्णानंद राय ने मुहम्मदाबाद से लगातार चुने जाते रहे मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल को हरा दिया था और बीजेपी से विधायक चुने गए थे. इसी के बाद से कृष्णानंद राय और मुख्तार अंसारी के बीच दुश्मनी हो गई थी. 29 नवंबर 2005 को कृष्णानंद राय को करीमुद्दीनपुर इलाके के सेनाड़ी गांव में क्रिकेट मैच का उद्घाटन करने जाना था.

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हल्की बारिश के बीच भाजपा विधायक कृष्णानंद राय बुलेटप्रूफ गाड़ी छोड़कर सामान्य गाड़ी से चले गए थे, लेकिन जब वे शाम को लौट रहे थे तो उसरी चट्टी के पास घेरकर उन पर एके-47 से अंधाधुंध फायरिंग की गई. कृष्णानंद पर तकरीबन 400 गोलियां चलाई गईं. इस वारदात में बीजेपी विधायक समेत 7 लोग मारे गए.

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कृष्णानंद राय के शरीर से 60 से ज्यादा गोलियां निकाली गई थीं. इस हत्याकांड में मुख्तार को मुख्य आरोपी बनाया गया था. कहा गया था कि मुख्तार ने जेल में बैठे-बैठे कृष्णानंद की हत्या कर पुरानी दुश्मनी का बदला लिया है. हालांकि, सीबीआई ने मामले की जांच की और स्पेशल कोर्ट से मुख्तार बरी हो गया था. 

मुख्तार की मौत पर परिजनों ने उठाए सवाल, ये आरोप भी लगाए

माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की मौत पर उसके बेटे उमर अंसारी ने कहा कि हम भी इंसान हैं. पिता के न रहने पर जो हाल होता है, वैसा ही मेरा है. उमर ने कहा कि पोस्टमॉर्टम होगा. मुझे जो लग रहा है, वो बताने से क्या फायदा. पिता को वार्ड में भर्ती करने की बजाय 3 दिन पहले ICU में रखा था. उनको आईसीयू से सीधे जेल ले गए. मुझे पापा ने बताया था कि उनको SLOW POISON दिया जा रहा था.

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वहीं मुख्तार अंसारी के भाई सिबगतुल्लाह अंसारी ने कहा कि साजिश से सब हुआ है. जघन्य घटना हुई है. हमें ऊपर वाले पर भरोसा है कि वो बदला लेगा. रिपोर्ट कुछ भी हो, शरीर को देखकर नहीं कह सकते कि बीमार थे, लग रहा है कि जैसे सो रहे हैं. उमर बांदा में है, बाकी सब लोग घर में हैं. सबसे अपील है कि भरोसा रखें, उसके घर देर है, अंधेर नहीं है. हमारे सामने कोई खड़ा न हो जाए, वह राजनीति है. जेल में कोई सेफ नहीं है. जिसकी मौत नहीं हुई, वह अभी है. कोर्ट को संज्ञान लेकर घटना की जांच होनी चाहिए. सिर्फ टाइम पास किया जा रहा था.

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