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मुख्तार के बेटे अब्बास अंसारी की पैरोल खत्म, गाजीपुर से कासगंज लेकर रवाना हुई पुलिस, 12 जून तक मिली थी मोहलत

मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी की पैरोल खत्म हो गई है. सुप्रीम कोर्ट ने अब्बास को अपने पिता की प्रार्थना सभाओं और कब्र पर फातिहा पढ़ने की मोहलत दी थी. इसके लिए अब्बास को तीन दिनों के लिए कासगंज से गाजीपुर जेल शिफ्ट कर दिया गया था.

अब्बास अंसारी की पैरोल खत्म, वापस जेल भेजा गया अब्बास अंसारी की पैरोल खत्म, वापस जेल भेजा गया
विनय कुमार सिंह
  • गाजीपुर,
  • 13 जून 2024,
  • अपडेटेड 9:58 AM IST

मुख्तार अंसारी के बेटे और मऊ सदर सीट से विधायक अब्बास अंसारी की कस्टडी पैरोल 12 जून को खत्म हो गई, जिसके बाद बुधवार को ही अब्बास को गाजीपुर जेल भेज दिया गया, जहां से गुरुवार सुबह करीब पांच बजे भारी पुलिस सुरक्षा के साथ गाजीपुर से कासगंज जेल भेज दिया गया. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर अब्बास अंसारी को तीन दिनों के लिए पिता की प्रार्थना सभा में शामिल होने के लिए गाजीपुर जिला जेल में शिफ्ट किया गया था.  

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सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 'फाटक' पर अब्बास की सुरक्षा को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया था. अब्बास को कासगंज से गाजीपुर जिला जेल प्रिजनन वैन में लाया गया था. वह विभिन्न आपराधिक मामलों में विचाराधीन कैदी के रूप में जेल में बंद है. अब्बास की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बीते 10, 11 और 12 जून को गाजीपुर भेजा था. वह सुबह नौ से शाम छह बजे तक मोहम्मदाबाद स्थित आवास 'फाटक' और कालीबाग स्थित मुख्तार अंसारी की कब्र पर प्रार्थना सभा में शामिल होता था.  

अब्बास को सुबह 'फाटक' शाम को जेल लाया जाता था  

इसके लिए गाजीपुर जेल से पुलिस की वैन से अब्बास सुबह 'फाटक' आता था और शाम को वापस जेल जाता था. इस दौरान वह अपने पिता मुख्तार की कब्र पर फातिहा भी पढ़ने जाता था. इस दौरान अब्बास की सुरक्षा में भारी संख्या में पुलिस तैनात रही. कस्टडी पैरोल खत्म होने पर 13 जून यानी गुरुवार की सुबह पांच बजे अब्बास को कासगंज जेल भेज दिया गया है. 

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28 मार्च को हुई थी मुख्तार की मौत 

बता दें कि बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी की 28 मार्च को तबीयत बिगड़ गई थी. इसके बाद उसे बांदा मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. मौत का कारण हार्ट अटैक बताया गया, लेकिन परिजनों ने जहर दिए जाने का आरोप लगाया था. 29 मार्च को मुख्तार के शव को देर रात गाजीपुर पैतृक घर ले जाया गया, जहां 30 मार्च की सुबह कालीबाग कब्रिस्तान में उसे सुपुर्द ए खाक किया गया था.   

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