
उत्तर प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर गठित पिछड़ा वर्ग आयोग ने सर्वे पूरा कर लिया है. इसके साथ ही आयोग ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को रिपोर्ट सौंप दी है. माना जा रहा है कि रिपोर्ट जमा होने के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू होगी. अब जल्द निकाय चुनाव होने की उम्मीद जताई जा रही है. यूपी में निकाय चुनाव का मामला हाईकोर्ट गया था, जिसके बाद कोर्ट ने नए सिरे से सर्वे करा कर चुनाव कराने का निर्देश दिया था.
कोर्ट के आदेश पर यूपी सरकार ने राम अवतार सिंह की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय पिछड़ा वर्ग आयोग गठित किया था और 31 मार्च से पहले सभी जिलों में दौरा कर शासन को रिपोर्ट देने के लिए कहा था. आयोग ने तय तारीख से पहले शासन को रिपोर्ट सौंप दी है. अब यूपी सरकार इस सर्वे रिपोर्ट को आधार बनाकर नई आरक्षण सूची जारी करेगी. आरक्षण सूची के मुताबिक नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में सदस्यों और अध्यक्षों का चुनाव कराया जाएगा.
यूपी सरकार ने ओबीसी आयोग के अध्यक्ष जस्टिस राम औतार सिंह के नेतृत्व में पांच सदस्यीय चोब सिंह वर्मा, महेंद्र कुमार, बृजेश कुमार सोनी, संतोष कुमार विश्वकर्मा कमेटी बनाई गई थी.
क्या है ये पूरा मामला?
बता दें कि पिछले साल 27 दिसंबर को हाई कोर्ट से योगी सरकार को बड़ा झटका लगा था. तब कोर्ट ने राज्य सरकार की उस ओबीसी सूची को खारिज कर दिया था जिसके दम पर निकाय चुनाव करवाने की तैयारी थी. हाई कोर्ट ने साफ कहा था कि राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के नियमों का पालन नहीं किया और उसके बिना ही चुनाव की घोषणा की गई. तब कोर्ट ने सरकार को ये भी कहा था कि वो बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव करवा सकती है. उसके बाद ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. वहां सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी. सुप्रीम कोर्ट ने जिन निकायों का कार्यकाल पूरा हो चुका है, उनके कामकाज के लिए विशेष समिति बनाने की बात भी कही है.