
प्रसिद्ध भजन गायिका शहनाज अख्तर ने उत्तर प्रदेश के बांदा में एक कार्यक्रम के दौरान सनातन धर्म और भजन गाने को लेकर अपने संघर्ष की कहानी साझा की. उन्होंने मंच से भावुक होकर कहा कि मेरी कोई औकात नहीं, मेरी पहचान सिर्फ सनातन धर्म से है. मैं देवी-देवताओं के भजन गाती हूं और उन्हीं की पूजा करती हूं, लेकिन इसके लिए मुझे जबरदस्त विरोध झेलना पड़ा.
भजन गाने पर हिंसा, घर पर हमला और जानलेवा हमले
शहनाज अख्तर ने बताया कि जब उन्होंने देवी-देवताओं के भजन गाने शुरू किए, तो कुछ कट्टरपंथियों ने उनका विरोध करना शुरू कर दिया. स्थिति इतनी बिगड़ गई कि उनके घर पर हमला हुआ, तोड़फोड़ की गई और उनके परिवार को बेरहमी से पीटा गया. हम लोग चार दिन तक अस्पताल में भर्ती रहे, भूखे-प्यासे संघर्ष किया, लेकिन कभी हिम्मत नहीं हारी.
उन्होंने बताया कि बचपन में जब वह गणेश पंडाल में प्रसाद लेने जाती थीं, तभी से उन्हें भजन-कीर्तन से प्रेम हो गया था. लेकिन इस प्यार ने उनके लिए मुसीबत खड़ी कर दी. उन्होंने कहा कि समाज के कुछ लोगों ने उन्हें धमकाया कि हिन्दू देवी-देवताओं के भजन गाने से नर्क में जाओगी. इस पर शहनाज ने जवाब दिया, अगर मैं भजन गाने से नर्क में जाऊंगी तो ये बताओ कि तुम लोग कौन सी जन्नत तैयार कर रहे हो?
सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग, झूठी अफवाहें और कानूनी कार्रवाई
शहनाज अख्तर ने बताया कि कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ झूठी अफवाहें फैलानी शुरू कर दीं. हाल ही में उनके खिलाफ एक रील वायरल की गई, जिसमें उन्हें बदनाम करने की कोशिश की गई. इस पर उन्होंने सख्त कदम उठाते हुए एफआईआर दर्ज कराई. मेरी पहचान सिर्फ और सिर्फ हिन्दू धर्म ने बनाई है. मैंने इसी वजह से अपना नाम नहीं बदला. अगर मुझे परेशान किया गया, तो कानून का सहारा लूंगी और सख्त कार्रवाई करूंगी.
सनातन धर्म की पुजारी, भगवा रंग में रंग चुकी हूं
अपने भाषण के दौरान शहनाज अख्तर ने कहा कि मैं पूरी तरह से सनातनी हूं, भगवा रंग में रंग चुकी हूं और इससे अच्छा कुछ नहीं. उन्होंने साफ कहा कि मुझे किसी भी धर्म से कोई लेना-देना नहीं. मैं सभी धर्मों का सम्मान करती हूं, लेकिन मैं सिर्फ हिन्दू देवी-देवताओं के बारे में सोचती हूं और उन्हीं के भजन गाती हूं.