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23 साल पहले गिरफ्तार हुआ था हाथरस वाला 'भोले बाबा', मृत बेटी को जादू से जिंदा करने का किया था दावा

तकरीबन 23 साल पहले भोले बाबा उर्फ सूरजपाल उर्फ नारायण साकार को पुलिस ने गिरफ्तार किया गया था. वजह थी- इस स्वयंभू बाबा द्वारा अपनी गोद ली हुई बेटी को पुनर्जीवित करने के लिए जादुई शक्तियों के मालिक होने का दावा किया गया था.

नारायण हरि साकार बाबा नारायण हरि साकार बाबा
अरविंद ओझा/श्रेया चटर्जी
  • नई दिल्ली,
  • 04 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 7:45 AM IST

उत्तर प्रदेश के हाथरस में भोले बाबा उर्फ सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि के सत्संग के बाद मची भगदड़ में अभी तक 121 लोगों की मौत हो चुकी है. पुलिस ने इस हादसे को लेकर मामला दर्ज कर अपनी जांच शुरू कर दी है. इस बीच भोले बाबा को लेकर चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. नारायण साकार हरि को 23 साल पहले मृत लड़की को पुनर्जीवित करने का दावा करने के लिए गिरफ्तार किया गया था.

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दिसंबर 2000 में स्वयंभू बाबा सूरज पाल उर्फ ​​नारायण साकार हरि को जब 6 अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया गया था तो उसके अनुयायियों ने कथित तौर पर श्मशान घाट पर हंगामा किया था.इस स्वयंभू बाबा द्वारा अपनी गोद ली हुई बेटी को पुनर्जीवित करने के लिए जादुई शक्तियों के मालिक होने का दावा किया गया था.

समर्थकों ने श्मशान घाट पर खूब हंगामा किया था

'आज तक' द्वारा एक्सेस की गई एफआईआर डिटेल्स से पता चलता है कि सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि पर ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954 के तहत वर्ष 2000 में आरोप लगाया गया था, जब वे आगरा में रहता था. उस वक्त बाबा के भक्तों ने कथित तौर पर एक श्मशान घाट पर खूब हंगामा किया था, जिसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए बाबा सहित  लोगों को अरेस्ट किया था.

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एक प्रत्यक्षदर्शी पंकज ने आज तक को बताया कि सूरज पाल के कोई संतान नहीं थी, इसलिए उसने अपनी भतीजी को गोद ले लिया था, जो कैंसर से पीड़ित थी. एक दिन, लड़की बेहोश हो गई और पाल के अनुयायियों ने दावा किया कि वह चमत्कार से बच्ची को ठीक कर देगा. लड़की कुछ समय बाद होश में आई, लेकिन कुछ ही देर बाद उसकी मौत हो गई.

बाबा सहित 6 लोग हुए थे अरेस्ट

 उसके शव को मल्ला का चबोतरा श्मशान ले जाया गया. लेकिन पाल के अनुयायी इस बात पर अड़े थे कि वह आकर लड़की को वापस ज़िंदा करेगा. उन्होंने हंगामा करना शुरू कर दिया, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और उसे लाठीचार्ज करना पड़ा. इसके बाद सूरज पाल और उसके छह अनुयायियों को गिरफ़्तार किया गया. हालाँकि, बाद में सबूतों के अभाव में उसे अदालत ने बरी कर दिया.

पंकज के अनुसार, सूरज पाल के आगरा स्थित घर पर उसके अनुयायी नियमित रूप से 'दर्शन' के लिए आते हैं. कुछ साल पहले कासगंज में शिफ्ट होने से पहले, घर का इस्तेमाल बाबा ने कई सालों तक आश्रम के रूप में किया था. हाथरस भगदड़ की घटना के बाद से सूरज पाल उर्फ ​​नारायण साकार हरि फरार है. उसके आगरा स्थित घर पर निगरानी रखी जा रही है.

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