
कानपुर पुलिस का नया कारनामा सामने आया है. रिश्वत नहीं देने पर पुलिस ने निर्दोष व्यक्ति को दोषी बना दिया. कोर्ट में पेश करने के बाद उसे जेल भेज दिया गया. युवक बार-बार कहता रहा कि वह दोषी नहीं है. पीड़ित का कहना है कि पुलिसकर्मियों द्वारा 50 हजार रुपए रिश्वत मांगी जा रही थी. मैंने देने से इंकार कर दिया था. पुलिसकर्मियों का कहना था कि रुपए दूंगा तो मुझे दोषी नहीं बनाया जाएगा. अब इस संबंध में पीड़ित ने कानपुर पुलिस कमिश्नर से शिकायत की है. वहीं, इस केस में पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.
अदालत ने जारी किया था एनबीडब्ल्यू वारंट
दरअसल, शहर के घाटमपुर इलाक के कुष्मांडा नगर के रहने वाले प्रमोद कुमार संखवार को घाटमपुर पुलिस ने 20 अक्टूबर 2021 को तमंचे के साथ गिरफ्तार किया था. इसके बाद उसे जेल भेज दिया गया था. प्रमोद के पिता का नाम दुर्गा प्रसाद था, जिनकी मौत हो चुकी है. प्रमोद पर उसकी पत्नी ने मारपीट करने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया था. तमंचे वाले केस में प्रमोद जमानत पर रिहा हो गया था. मगर, वह कोर्ट में पेशी पर नहीं जा रहा था. इसके चलते 24 अगस्त 2023 को उसके खिलाफ अदालत से एनबीडब्ल्यू वारंट जारी कर दिया.
घाटमपुर पुलिस ने 12 सितंबर 2023 को प्रमोद कुमार संखवार की जगह आलू मंडी में रहने वाले प्रमोद कुमार साहू को गिरफ्तार कर लिया. क्योंकि, प्रमोद कुमार साहू के पिता का नाम भी दुर्गा प्रसाद था. पुलिस ने प्रमोद कुमार साहू को गिरफ्तार कर लिया. उसने पुलिस को बताया कि मेरे खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं है. मुझे क्यों गिरफ्तार किया गया है.
आरोपी की जगह किसी और किया गिरफ्तार
घाटमपुर पुलिस ने उसे बताया कि तुम्हारे पिता का नाम दुर्गा प्रसाद है और उनकी मृत्यु हो चुकी है. तुम्हारी पत्नी का नाम उषा है उसने तुम्हारे खिलाफ मारपीट किए जाने का आरोप लगाया है. इस पर प्रमोद कुमार साहू हैरान हो गया. उसने पिता नाम दुर्गा प्रसाद कुबूल लिया. साथ ही कहा कि वह जिंदा हैं और मेरी पत्नी का नाम उषा नहीं है. प्रमोद की सफाई के बाद भी पुलिसवालों ने अपनी गलती नहीं मानी.
पुलिसवालों ने प्रमोद कुमार साहू से कहा कि यदि वह 50 हजार रुपए रिश्वत में देगा तो उसे छोड़ दिया जाएगा. मगर, प्रमोद के पास पैसे नहीं थे तो वह दे नहीं सका. पुलिस ने उसके खिलाफ केस किया और कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया.
जेल से छूटे प्रमोद कुमार साहू ने अब कानपुर पुलिस कमिश्नर से इस मामले में लिखित शिकायत की है. उसने बताया कि 10 दिन तक उसे बिना किसी जुर्म के जेल में रहना पड़ा. 22 सितंबर को परिवारवालों ने मेरी जमानत कराई थी. पुलिस कमिश्नर ने इस मामले में घाटमपुर एसीपी को जांच के आदेश दिए हैं.
मामले की कराई जा रही है जांच
वहीं, घाटमपुर एडीसीपी अंकिता शर्मा का कहना है उनकी जानकारी यह मामला नहीं है. मेरे पास कोई भी शिकायत करने नहीं आया है. यदि किसी के साथ ऐसा हुआ तो उसने कोर्ट में जज के सामने यह बात क्यों नहीं कही. इस मामले में यदि शिकायत आती है तो जांच कराई जाएगी. वहीं, घाटमपुर एसीपी दिनेश शुक्ला का कहना है. इस मामले की हम जांच कर रहे हैं. पिता का नाम और वारंटी का नाम एक होने से गड़बड़ी हुई है.