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'बेटे से नहीं मिलने देती थी निकिता, वीडियो कॉल पर भी नहीं दिखाती', वकील ने बयां किया अतुल सुभाष का दर्द

वकील दिनेश मिश्रा ने 'आजतक' को दिए इंटरव्यू में कहा कि पत्नी निकिता सिंघानिया बेटे को अतुल सुभाष से मिलने नहीं देती थी. जबकि, बेटा बार-बार पिता से मिलने की जिद करता था. बेटे से ना मिल पाने की कसक में अतुल अपसेट और मायूस रहते थे.  

अतुल सुभाष के वकील ने आजतक से बातचीत की अतुल सुभाष के वकील ने आजतक से बातचीत की
समर्थ श्रीवास्तव/आदित्य प्रकाश भारद्वाज
  • जौनपुर ,
  • 12 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 7:34 PM IST

ससुराल वालों की प्रताड़ना से तंग आकर अपनी जान देने वाले आईटी इंजीनियर अतुल सुभाष के वकील ने कई ऐसी बातें बताई हैं, जिन्हें सुनकर समझा सकता है कि अतुल किस कदर टूट चुके थे. अतुल की ससुराल जौनपुर में वकील दिनेश मिश्रा ने 'आजतक' को दिए इंटरव्यू में कहा कि पत्नी निकिता सिंघानिया बेटे को अतुल से मिलने नहीं देती थी. जबकि, बेटा बार-बार पिता से मिलने की जिद करता था. बेटे से ना मिल पाने की कसक में अतुल अपसेट और मायूस रहते थे.  

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बकौल वकील दिनेश मिश्रा- अतुल सुभाष अपने बेटे के लिए एक लेटर छोड़ गए हैं. जब बेटा 18 साल का हो जाएगा तब उसे पढ़ने को मिलेगा. अतुल कहते थे कि मैं इतनी दूर से (बेंगलुरु से जौनपुर) आता हूं और मेरी पत्नी है कि बच्चे से मिलने नहीं देती है. 

दिनेश मिश्रा बताते हैं कि अतुल बहुत ही अच्छा लड़का था. पढ़ा लिखा, सीधा साधा. बेंगलुरु से जौनपुर साल भर में कम से कम 25 से 26 बार धारा 125 के मामले (भरण-पोषण से जुड़ी) में आए होंगे. इस दौरान बच्चे से ना मिल पाने का दुख उन्हें बहुत होता था. अतुल ने कई बार कहा कि वीडियो कॉल पर ही बात करा दी जाए, लेकिन निकिता ने मना कर दिया. 

अतुल के वकील दिनेश मिश्रा कहते हैं कि निकिता ने पति के ऊपर गलत केस लगवा दिए थे. निकिता ने यह तक कहा कि उसके पिता की मृत्य अतुल की वजह से हो गई, जो एकदम बेबुनियाद है. अननेचुरल दुष्कर्म की बात भी पूरी तरह झूठी है. 

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वहीं, एक कोर्ट से दूसरे कोर्ट जाने के सवाल पर वकील ने कहा कि अतुल ने जौनपुर से केस किया था और वह रहने वाला बिहार का था, कोर्ट का ऑर्डर था, पालन सबको करना ही था. 

दिनेश की माने अतुल सुभाष सबसे अधिक अपनी पत्नी, सास मां और साले से परेशान थे, जो उन्हें बच्चे से बात नहीं करने दे रहे थे. अतुल चाहता था कि वह अपनी पत्नी और बच्चे के साथ रहे. मगर ऐसा होने नहीं दिया गया. 

वकील दिनेश मिश्रा ने कहा- अतुल सुभाष इनोसेंट था, उसे फंसाया गया. अतुल पर आरोप लगाए गए कि उसके द्वारा दहेज मांगा गया, यह सब गलत आरोप हैं. मैंने इस पूरे केस को देखा है, यह जांच का विषय है कि आखिर अचानक से ऐसा क्या हुआ जो उसने आत्महत्या कर ली. अब सिंघानिया परिवार की सजा मिलनी चाहिए, अगर उन्होंने गलत किया है. 

आपको बता दें कि सुभाष की मौत के बाद उनकी पत्नी और ससुराल के सदस्यों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है. सुभाष की पत्नी निकिता सिंघानिया जौनपुर की रहने वाली हैं, जहां उन्होंने पहली बार अतुल, उनके भाई और माता-पिता के खिलाफ साल 2022 में दहेज उत्पीड़न के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. 

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वहीं, निकिता की मां ने 'आजतक' से बात करते हुए अपनी बेटी निकिता और परिवार पर लगाए गए उत्पीड़न के सभी आरोपों को खारिज कर दिया था. उन्होंने कहा- ये जो आरोप लगे हैं, सारे निराधार है. मैं सारे सबूत दुनिया के सामने रखूंगी. अतुल सुभाष ने अपना फ्रस्ट्रेशन हम पर निकाला है. मेरी बेटी कभी किसी को आत्महत्या के लिए नहीं बोल सकती.

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