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निठारी कांड: जो लड़की कोठी गई, वापस नहीं आई... रेप, हत्या के बाद लाश भी गायब, कहानी सुरेंद्र कोली और मोनिंदर की

Nithari Kand: सुरेंद्र कोली के साथ कोठी D-5 के मालिक मोनिंदर सिंह पंढेर को भी कोर्ट ने बरी किया है. कोली पर आरोप है कि वह लड़कियों को लालच देकर कोठी में लाता था. फिर उनसे दुष्कर्म कर हत्या कर देता था. इसके बाद लाश के टुकड़े कर बाहर नाले आदि में फेंक आता था. लोगों का यह भी कहना था कि कोठी से मानव अंगों का व्यापार होता था. वे बच्चों को मारकर उनके अंग निकाल लेते थे.

Nithari Kand: कोठी के पास नाले से मिले थे नर कंकाल Nithari Kand: कोठी के पास नाले से मिले थे नर कंकाल
aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 16 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 12:57 PM IST

निठारी कांड (Nithari Kand) एक बार फिर चर्चा में आ गया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निठारी कांड के मुख्य आरोपी सुरेंद्र कोली को दोषमुक्त कर दिया है. साथ ही नोएडा की जिस D-5 कोठी में ये कांड हुआ था उसके मालिक मोनिंदर सिंह पंढेर को भी कोर्ट ने बरी कर दिया है. दोनों को निचली अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी. 

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बता दें कि सुरेंद्र कोली को 12 मामलों से बरी किया गया है. इन मामलों में उसे ट्रायल कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी. वहीं, मोनिंदर सिंह पंढेर को जिन दो मामलों में फांसी की सजा मिली थी, उसे भी रद्द कर दिया गया है. दोनों आरोपियों ने CBI कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. 

दरअसल, निठारी कांड में CBI ने 16 मामले दर्ज किए गए थे. इनमें से सुरेंद्र कोली को 14 मामलों में फांसी की सजा मिल चुकी है. जबकि, मनिंदर सिंह पंढेर के खिलाफ 6 मामले दर्ज थे. इनमें से 3 मामलों में फांसी की सजा सुनाई गई थी. दो मामलों में वह पहले ही बरी हो गया था. हाई कोर्ट ने कोली को 12 मामलों में बरी किया है, वहीं पंढेर को 2 मामलों में बरी किया गया है. हाई कोर्ट ने सीधे तौर पर कोई सबूत और गवाह न होने के आधार इन दोनों को बरी किया है.

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जब निठारी की कोठी से मिलने शुरू हुए नरकंकाल 

बात 2006 की है, जब नोएडा के निठारी गांव स्थित कोठी नंबर D-5 के बगल वाले नाले से नरकंकाल मिलने शुरू हुए. ये कोठी मोनिंदर सिंह पंढेर की थी. उसके साथ सुरेंद्र कोली नाम का नौकर रहता था. कोली पर आरोप है कि वह कोठी पर लड़कियों को लाता था. उनसे रेप करता था. फिर हत्या कर लाश के टुकड़े बाहर फेंक आता था. निठारी गांव की दर्जनों लड़कियों गायब होने के बाद मामले का खुलासा हुआ.

जो लड़की कोठी गई, वापस नहीं आई

हुआ यूं कि 7 मई 2006 को पायल नाम की लड़की लापता हो गई थी. वह मोनिंदर पंढेर की कोठी में रिक्शे से आई थी. उसने रिक्शेवाले को कोठी के बाहर रोका और वापस आकर पैसे देने की बात कही थी. काफी देर बाद जब वह वापस नहीं लौटी तो रिक्शेवाला पैसे लेने के लिए कोठी का गेट खटखटाया. इस पर उसे सुरेंद्र कोली ने बताया कि पायल काफी देर पहले जा चुकी है. 

निठारी कांड: सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर

सुरेंद्र की बात सुन रिक्शेवाले को शक हुआ. उसका कहना था कि वह कोठी के सामने ही था, पायल बाहर नहीं निकली. फिर उसने यह बात पायल के घरवालों तक पहुंचा दी. इसके बाद पायल के पिता नंदलाल ने FIR लिखवाई कि उसकी बेटी कोठी से गायब हो गई है. इस तरह पहली बार मामला पुलिस तक पहुंच गया. इससे पहले निठारी से एक दर्जन से ज्यादा बच्चे/लड़कियां गायब हो चुके थे. ऐसे में पुलिस शिद्दत से इस केस की जांच में जुट गई थी. 

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ये भी पढ़ें- निठारी कांड: सुरेंद्र कोली 12 केस में, मनिंदर पंढेर दो केस में इलाहाबाद HC से बरी, निचली अदालत ने दी थी फांसी

इस बीच पुलिस को जानकारी मिली कि पायल के पास एक मोबाइल फोन था. जो घटना के बाद से स्विच ऑफ जा रहा था. पुलिस ने उस नंबर की कॉल डिटेल निकलवाई, तो मुंबई से लेकर तमाम जगहों के नंबर मिले. फिर उन नंबरों की जांच की गई, जिसमें अहम सुराग मिले. उसके आधार पर पुलिस ने कोठी पर छापा मारा तो निठारी के 'नर पिशाच' का काला सच सबके सामने आ गया.

पुलिस ने जब सुरेंद्र और मोनिंदर से सख्ती से पूछताछ की तो उन्होंने पायल की रेप के बाद हत्या कर लाश कोठी के बराबर में नाले में फेंकने की बात कबूल ली. इस बीच दोनों की निशान देही पर दिसंबर 2006 को नोएडा पुलिस ने नाले से बड़ी संख्या में मानव कंकाल बरामद किए थे. 

मानव अंगों की तस्करी और शव खाने के आरोप

बताया गया मोनिंदर और सुरेंद्र कोठी पर लड़कियों को किसी बहाने से बुलाते थे और रेप के बाद हत्या करके उनकी लाश काटकर नाले में फेंक देते थे. लोगों का यह भी कहना था कि पंढेर की कोठी से मानव अंगों का व्यापार होता था. वे बच्चों को मारकर उनके अंग निकाल लेते थे. जिसे विदेशों में बेंचा जाता था. इतना ही नहीं हत्या के बाद अंगों को पका कर खाने का भी आरोप उनपर लगा था.  

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पुलिस ने मोनिंदर और सुरेंद्र के खिलाफ रेप और हत्या के कुल 19 मामले दर्ज किए. निठारी केस में CBI ने सुरेंद्र कोली को हत्या, अपहरण, रेप और सबूत मिटाने के केस में आरोपी बनाया था. जबकि, मनिंदर को मानव तस्करी का भी आरोपी बनाया गया था. सीबीआई ने 46 गवाहों को पेश करके उनके बयान दर्ज कराए. वहीं, बचाव पक्ष की तरफ से महज 3 गवाह पेश किए गए.

 जानिए सुरेंद्र कोली के बारे में 

सुरेंद्र कोली उत्तराखंड के अल्‍मोड़ा के एक गांव का रहने वाला है. वह 2000 में वह दिल्‍ली आया था. दिल्ली में कोली एक ब्रिगेडियर के घर पर खाना बनाने का काम करता था. बताते हैं कि वह काफी स्‍वादिष्‍ट खाना बनाता था. 2003 में सुरेंद्र कोली मोनिंदर के संपर्क में आया. उसके कहने पर नोएडा सेक्टर-31 के डी-5 कोठी में काम करने लगा. 

फिर साल 2004 में पंढेर का परिवार पंजाब चला गया. इसके बाद वह और कोली साथ में कोठी में रहने लगे थे. पंढेर की कोठी में अक्सर कॉलगर्ल आया करती थीं. इस दौरान वह कोठी के गेट पर नजर रखता था. इस दौरान कोली धीरे-धीरे नेक्रोफीलिया नामक मानसिक बीमारी से ग्रसित होता गया. बच्चों के प्रति आकर्षित होने लगा. 

आरोप है कि वह कोठी से गुजरने वाले बच्चों को पकड़ कर उनके साथ कुकर्म करता और फिर उनकी हत्या कर देता. हालांकि, निठारी गांव के लोगों का कहना है कि पंढेर की कोठी से शरीर के अंगों का व्यापार होता था. उनका कहना है कि वे बच्चों को मारकर उनके अंग निकाल लेते थे और उसे तस्करों को बेचते थे. बाद में कोली और मोनिंदर को फांसी की सजा सुनाई गई. लेकिन अब उनको बरी कर दिया गया है. बचे हुए मामलों में केस जारी रहेगा. 

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