
नोएडा के बहुचर्चित निठारी कांड में आरोपी सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंधेर को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है. हाईकोर्ट ने दोनों की अपील को मंजूर कर लिया है. गाजियाबाद की CBI कोर्ट से मिली फांसी की सजा को भी हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है.
वहीं, अपने बच्चो को खोने वाले पीड़ित परिवार अब भी इंसाफ के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. हाईकोर्ट के फैसले के बाद इस मामले में एक पीड़ित परिवार ने आजतक से बातचीत में सरकार से दोनों आरोपियों को फांसी की सजा दिलवाने की मांग की है.
मां की मदद करने के लिए आती थी बेटी
नोएडा में लंबे समय से कपड़ों पर प्रेस करने का काम करने वाले दंपती की बेटी की स्कूल की छुट्टियां चल रही थीं. ये साल 2006 की बात है. छुट्टी के दिन बेटी मां की मदद करने आती थी. इसी बीच एक दिन 10 साल की वो बेटी मदद के लिए एक दुपट्टे पर पीको कराने मोनिंदर की कोठी के पीछे दुकान पर गई. मगर वापस नहीं लौटी.
'दुप्पटे पर पीको कराने गई थी बेटी'
परिवार के लोगों ने उसे खोजने का प्रयास किया लेकिन वो नहीं मिली. दिसंबर 2006 में बहुचर्चित निठारी कांड का खुलासा हुआ तो नाले से उस मासूम के कपड़े और चप्पल मिली. उसकी मां ने कहा, "बेटी दुप्पटे पर पीको कराने गई थी लेकिन वो घर नहीं पहुंची.
'सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह ने कहा था'
इसके बाद हमने बेटी को खोजा. फिर पति से भी पूछा तो उसने कहा कि उसने भी नहीं देखा. जब बेटी के कपड़े और पायल मिले तब थाने में सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह ने कहा कि हमने आपकी बेटी को मारा है. हमें माफ कर दो".
'इस तरह दरिंदो को सजा मिलेगी तो क्या होगा'
पीड़ित महिला ने कह, अगर इस तरह दरिंदो को सजा मिलेगी तो क्या होगा. मैं योगी सरकार से दोनों को फांसी की सजा की मांग करती हूं. वहीं, मासूम बेटी के पिता ने कहा कि सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह को बरी न किया जाए. दोनों को फांसी की सजा दी जाए.
बता दें कि सोमवार को हाईकोर्ट से कुछ मामलों में सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह को राहत मिल गई है. दोनों की फांसी की सजा पर रोक लगा दी गई है. न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र और न्यायमूर्ति एसएचए रिजवी की खंडपीठ ने सितंबर महीने में सुनवाई पूरी करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था. सोमवार को अपना फैसला सुनाया है.