Advertisement

फर्जी लोन कंपनी खोल रखी थी, कॉल सेंटर के जरिए लोगों को ट्रैप कर लूटते थे, नोएडा में 6 लोगों का गैंग पकड़ा गया

नोएडा में फेक लोन कंपनी चलाने वाले एक गैंग का पर्दाफाश हुआ है. वह कॉल सेंटर के जरिए लोगों को ट्रैप कर उन्हें लूटते थे. पुलिस ने कंपनी से जुड़े खातों को फ्रीज कर दिया है, उनमें 14 लाख रुपये जमा हैं.

सांकेतिक फोटो सांकेतिक फोटो
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 21 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 11:35 AM IST

नोएडा में लोन देने के नाम पर ठगी करने वाली गैंग का खुलासा हुआ है. पुलिस ने रविवार को इस गैंग के छह लोगों को पकड़ा है. उनके खाते में लोगों से ठगे हुए 14 लाख रुपयों को भी फ्रीज कर दिया गया है. ये लोग फेक लोन कंपनी के साथ-साथ कॉल सेंटर भी चलाते थे. 

एडीसीपी सेंट्रल नोएडा राजीव दीक्षित ने रविवार को बताया कि ऐसा शक है कि इस गैंग के लोगों ने लोगों से करोड़ों की ठगी की है, इसलिए मामले की जांच चल रही है. अधिकारी के मुताबिक, "इस गैंग का भंडाफोड़ सेक्टर 63 पुलिस स्टेशन के अधिकारियों ने सूचना के बाद किया था कि यह उनके क्षेत्र में एक फर्जी कॉल सेंटर चला रहा था और उसने फाइनेंस हब ग्रुप नाम से एक फर्जी कंपनी बनाई थी." 

Advertisement

गैंग चलाने के तौर-तरीकों के बारे में बताते हुए पुलिस अधिकारी ने बताया, "एक बार जब वो किसी को टारगेट बनाते तो वे कमीशन, लोन अप्रूवल फीस के नाम पर पैसों की मांग करते और आखिर में  25 से 30 हजार रुपये उगाही कर लेते हैं." अधिकारी ने कहा, "गिरोह ने फाइनेंस हब ग्रुप के नाम पर फेक लोन अप्रूवल के दस्तावेज भी तैयार किए." 

कंपनी से जुड़े खातों में मिले 14 लाख रुपये

एडीसीपी ने कहा कि गिरोह के सरगना समेत छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है और कंपनी से जुड़े खातों में 14 लाख 64 हजार रुपये मिले. इन खातों को सीज कर दिया गया है. पुलिस ने बताया कि पकड़े गए लोगों की पहचान गिरोह के सरगना विपिन कुमार, हिमांशु शर्मा, पंकज कुमार, अवनीश कुमार, पुनीत गौतम और अभिषेक सिंह के रूप में हुई है.  

Advertisement

2014 में गिरफ्तार हुआ था सरगना

पुलिस के मुताबिक, गिरोह ने पिछले दिनों दिल्ली-एनसीआर में अपना ठिकाना बदल लिया था. 2014 में एक फर्जी कॉल सेंटर में काम करने वाले इसके सरगना को बिहार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. आरोपियों पर धोखाधड़ी, दस्तावेजों की जालसाजी से संबंधित आईपीसी की धाराओं और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है. 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement