
उत्तर प्रदेश के नोएडा में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक आईटी कंपनी पर छापेमारी कर विदेशी फंडिंग का बड़ा खुलासा किया है. यह कंपनी एडल्ट साइट्स पर पोर्नोग्राफिक कंटेंट अपलोड कर रही थी. कंपनी के डायरेक्टर अपने घर से एडल्ट फिल्म की स्ट्रीमिंग स्टूडियो चला रहे थे, कमाई का 75 फीसदी हिस्सा खुद के पास रखते थे.
कैसे हुआ पर्दाफाश?
ईडी ने 28 मार्च, 2025 को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के तहत सबडिजी वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड के मामले में छापेमारी की. जांच में सामने आया कि नोएडा के रहने वाले उज्जव किशोर और नीलू श्रीवास्तव, नाम के दंपत्ति घर से एक एडल्ट वेबकैम स्ट्रीमिंग स्टूडियो का संचालन करते हैं. यह स्टूडियो साइप्रस स्थित टेक्नियस लिमिटेड कंपनी के लिए संचालित किया जा रहा था. टेक्नियस लिमिटेड कई अडल्ट साइट्स चलाती है. दंपत्ति विदेशी कंपनी के लिए काम किया करते थे.
ईडी ने अब तक कितनी अवैध फंडिंग पकड़ी?
अब तक इस मामले में 15.66 करोड़ रुपये की अवैध विदेशी रेमिटेंस के ट्रांजैक्शन का खुलासा हुआ है. दंपत्ति कमाई का 75 फीसदी हिस्सा खुद रखा करते थे और 25 मॉडल्स को देते थे. कपल ने बैंक में गलत पर्पस कोड (अंतरराष्ट्रीय लेन-देन के लिए स्पेशल अल्फ़ान्यूमेरिक कोड) देकर विदेशी कंपनियों से पैसा मंगवाया, इसे विज्ञापन और मार्केट रिसर्च का भुगतान दिखाया.
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मॉडल्स की भर्ती कैसे होती थी?
कंपनी मॉडल्स की भर्ती करने के लिए सोशल मीडिया पर विज्ञापन दिया करते थे. इंस्टाग्राम, फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया जाता था. छापेमारी के दौरान वेबमैक मॉडल्स भी मिलीं, जिनके बयां दर्ज कर लिए गए हैं.
आगे क्या कार्रवाई होगी?
बैंक ट्रांजेक्शन और अन्य वित्तीय लेन-देन की गहराई से जांच की जा रही है. इस मामले में ईडी अन्य लोगों को तलाश रही है, जल्द ही और भी गिरफ्तारियां हो सकती है. ईडी फॉरेन एक्सचेंज वॉयलेशन और पोर्नोग्राफी से जुड़े कानूनों के तहत मामले की जांच जारी रखेगी. यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या अन्य भारतीय कंपनियां भी इस नेटवर्क का हिस्सा हैं?