Advertisement

नवरात्रि की सप्तमी पूजा में अश्लील डांस, उड़ाए गए पैसे... काशी के महाश्मशान घाट में दिखी फूहड़पन की जुगलबंदी

परंपराओं के नाम पर अश्लीलता का परोसा जाना कहीं दिखाई पड़ा तो वह धर्म-अध्यात्म की नगरी काशी में. दरअसल, काशी के महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर चैत्र नवरात्रि की सप्तमी के अवसर पर होने वाले नगरवधुओं के नृत्यांजलि कार्यक्रम के नाम पर अश्लीलता और फूहड़पन की जुगलबंदी देखने को मिली.

महाश्मशान घाट में दिखी फूहड़पन की जुगलबंदी. महाश्मशान घाट में दिखी फूहड़पन की जुगलबंदी.
रोशन जायसवाल
  • वाराणसी,
  • 29 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 7:29 AM IST

आस्था के नाम पर अंधविश्वास तो आपने काफी देखा और सुना होगा, लेकिन परंपरा के नाम पर फूहड़पन और अश्लीलता शायद ही देखी हो. काशी के महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर यह नजारा चैत्र नवरात्रि की सप्तमी की रात दिखा है. महाश्मशान नाथ बाबा के वार्षिक तीन दिवसीय कार्यक्रम के अंतिम दिन गम वाले माहौल के बीच महाश्मशान में मंच पर नगरवधुओं ने फूहड़ और भद्दा डांस किया.

Advertisement

एक तरफ लोग अपनों के गम में डूबे थे. वहीं, दूसरी तरफ मंच पर ठुमके लग रहे थे और पैसे लुटाए जा रहे थे. महाश्मशान की शांति को चीरने वाले कानफाड़ू लाउडस्पीकर सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन की धज्जियां उड़ा रहे थे.

शवयात्री BHU के समाजशास्त्र के प्रो. डीके सिंह ने ऐसे कार्यक्रम को कहीं से भी उचित नहीं बताया. उन्होंने कहा कि परंपरा के नाम पर पिछले कुछ साल से अश्लीलता परोसी जा रही है, जिस पर रोक लगाने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि अपनों को खोने के बाद महाश्मशान पर आने वालों के लिए ऐसी अश्लीलता बर्दाश्त के बाहर है. वहीं कुशीनगर से विश्वनाथ मंदिर घुमने आने वाले कुछ युवा तीर्थयात्रियों को भी महाश्मशान पर अश्लीलता का परोसा जाना नागवार गुजरा, जिसमें महिला से लेकर पुरुष भी शामिल थे.

आयोजन को लेकर क्या बोले मंदिर के व्यवस्थापक?

Advertisement

इस बारे में महाश्मशान मंदिर के व्यवस्थापक गुलशन कपूर ने कहा कि अभी तक ऐसी किसी ने शिकायत नहीं की है, अगर कोई आपत्ति दर्ज कराता है तो सुनवाई होगी.

 उन्होंने जिला प्रशासन की अनुमति का भी हवाला दिया और रात 10 बजे के बाद लाउडस्पीकर बजाने के पीछे दलील दी कि सैकड़ों साल पुरानी परंपरा है और रात में ही नगरवधुओं के नृत्यांजलि का कार्यक्रम होता है.

उन्होंने कहा कि नदी का किनारा और रिहायशी इलाका न होने के चलते यह रात 10 बजे के बाद लाउडस्पीकर का प्रयोग किया जा सकता है. जब उनसे सुप्रीम कोर्ट के नियम का हवाला दिया गया तो उन्होंने बताया कि इस पर आगे विचार किया जाएगा.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement