
माफिया मुख्तार अंसारी की कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई. बीती रात बांदा जेल में उसकी तबीयत बिगड़ी थी, जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया. लेकिन इलाज के दौरान मुख्तार ने दम तोड़ दिया. मुख्तार अंसारी की मौत के बाद अस्पताल के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल को लगाया गया है. इस बीच मुख्तार का छोटा बेटा उमर अंसारी अस्पताल पहुंचा. पिता के शव को देख उमर भावुक हो गया. उसने कहा कि हमारा कुछ न बोलना और इमोशनल होना स्वाभाविक है.
पिछले दिनों जब मुख्तार को बांदा मेडिकल कॉलेज लाया गया था, तब उमर अंसारी को पिता से मुलाकात की इजाजत नहीं मिली थी. इसको लेकर उमर ने कहा कि जो बीत गया सो बीत गया. आज हम फिर आए हैं. हमारा भावुक होना स्वाभाविक है. हमारे हाल पर रहम करें. आपके साथ अगर ऐसा होता तो आपकी क्या दशा होती.
उमर अंसारी ने बताया कि अभी परिवार से सिर्फ मैं ही आया हूं. मुख्तार के शव का मजिस्ट्रेट की निगरानी में पोस्टमार्टम सुबह (29 मार्च) होगा. इसके बाद शव को लेकर गांव-घर की ओर रवाना होंगे.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, तीन डॉक्टरों का पैनल मुख्तार का पोस्टमार्टम करेगा. जिसमें एक कार्डियोलॉजी, एक सर्जन, एक फिजिशियन शामिल होंगे. वहीं, बांदा स्थित पोस्टमार्टम हाउस के बाहर 4 जिलों की फोर्स तैनात कर दी गई है. बांदा, महोबा, हमीरपुर, चित्रकूट पुलिस के अलावा PAC और SSB के जवान भी तैनात रहेंगे.
उमर ने लगाया ये आरोप
उमर अंसारी ने आगे कहा कि मुझे जो लग रहा है, वो बताने से क्या फायदा. पिता जी को वार्ड में भर्ती करने की बजाय 3 दिन पहले आईसीयू में रखा था. उनको आईसीयू से सीधे जेल ले गए. मुझे पिता ने बताया था कि उनको SLOW POISON दिया जा रहा था.
गौरतलब है कि यही आरोप मुख्तार के वकील और मुख्तार के सांसद भाई अफजाल अंसारी ने लगाए थे. हालांकि, जेल प्रशासन ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था. साथ ही जांच भी करवाई थी.
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"रोजे से हूं, पिता से मिलने नहीं दिया"
26 मार्च को जब मुख्तार की तबीयत बिगड़ी थी तब भी उसे बांदा मेडिकल कॉलेज लाया गया था. उस वक्त उमर को पिता से मिलने नहीं दिया गया था. उमर का कहना था कि उन्हें अपने पिता मुख्तार से मिलने नहीं दिया गया. उमर अंसारी के मुताबिक, मैं 900 किलोमीटर चलकर आया हूं. रोजे से भी हूं. मगर मुझे मिलने नहीं दिया गया, शीशे तक से भी झांकने नहीं दिया गया. हमारे साथ ज्यादती की जा रही है.
उमर अंसारी ने आरोप लगाते हुए कहा था कि इस सरकार ने मानवता नहीं दिखाई. पुलिस, नियम, कानून सबकुछ है लेकिन मानवता भी एक चीज होती है. हमें बताया गया था कि हम केवल एक ही आदमी को मिलने देंगे. चाहे मैं मिल लूं या फिर अफजाल अंसारी लेकिन फिर भी मुझे नहीं मिलने दिया गया. मेरी कामना है कि वह (मुख्तार) जल्द ठीक हो जाएं.