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उत्तर प्रदेश में अजूबे शौचालय की बहार, एक ही टॉयलेट में दो सीट, फिर सुर्खियों में आया बस्ती जिला

उत्तर प्रदेश के बस्ती इन दिनों टॉयलेट को लेकर चर्चा में है. दरअसल, यहां एक ही टॉयलेट में बिना पार्टीशन दो सीट लगा दी गई हैं. इसे देखकर हर कोई हैरान है. इसे जिसने भी देखा वो सोचने लगा कि एक साथ दो लोग इसका इस्तेमाल कैसे करेंगे. फिलहाल, अधिकारी दोषी के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं.

एक ही बाथरूम में दो टॉयलेट सीट एक ही बाथरूम में दो टॉयलेट सीट
संतोष सिंह
  • बस्ती,
  • 03 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 6:52 PM IST

उत्तर प्रदेश के बस्ती में अजूबे शौचालय की बहार लग गई है. इस बार बहादुरपुर ब्लाक के नौली गांव में सामुदायिक शौचालय सुर्खियों में है. यहां भी एक टॉयलेट में बिना पार्टीशन के दो सीटें लगा दी गई हैं. फिलहाल, मामला संज्ञान में आते ही अधिकारी ने दोषी के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं.

दरअसल, बस्ती में सामुदायिक शौचालय के नाम पर कई जगह ऐसी कारीगरी की गई है जिसे देखकर लोग अपना माथा पीट लें. कुछ दिन पहले भी बस्ती सुर्खियों में आया था. तब कुदरहा ब्लॉक के गौरा धुंदा में एक ही टॉयलेट में बिना पार्टीशन के दो सीट बनाने का वीडियो सोशल मीडिया वायरल हुआ था. इसके बाद अधिकारियों ने आनन-फानन में शौचालय को ठीक कराया था. 

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अब धंसा गांव और नौली गांव में एक बाथरूम में दो शौचालय

यह सिलसिला यहीं नहीं रुका. इसके बाद रुधौली तहसील के धंसा गांव में एक ही टॉयलेट में चार सीटें बना दी गई हैं. मामला सामने आते ही अधिकारियों ने आनन-फानन में टॉयलेट को तोड़कर ठीक कराया. फिर से बस्ती जिले का सामुदायिक शौचालय सुर्खियों में आ गया है. इस बार बहादुरपुर ब्लाक के नौली गांव है. यहां भी एक एक शौचालय में बिना पार्टीशन के दो सीटें लगा दी गई हैं. 

जिम्मेदार लोगों पर की जाएगी कार्रवाई

मामले में खंड विकास अधिकारी सुनील कुमार आर्या ने बताया कि यह मामला उनके संज्ञान में नहीं है. इसकी जांच कराएंगे. मामले में जो भी सेक्रेटरी जिम्मेदार है, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

वहीं, जिला पंचायत राज अधिकारी नमिता शरण ने बताया, "जनपद में साल 2018-19 में यूनिसेफ के गाइडलाइन के अनुसार पिंक टॉयलेट बनाए गए थे. इन शौचालयों में जानकारी ली गई, तो पता चला है कि यह बेबी सेक्शन के टॉयलेट हैं. उसमें बड़ों की सीट लगा दी गई है. इस मामले को गंभीरता से लिया गया है." 

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काम के प्रेशर में लगा दी सीट

उन्होंने आगे बताया, "पत्र के माध्यम से सभी को निर्देशित कर दिया गया है कि बड़े टॉयलेट की जगह पर बेबी टॉयलेट लगा दिए जाएं. यह काम  15 दिन के अंदर हो जाएगा. यह शौचालय जब बना था, उस समय काफी प्रेशर था. इसी कारण जल्दबाजी में बेबी सीट की जगह बड़े व्यक्ति की सीट लगा दी गई. मगर, अब सभी को निर्देशित कर दिया गया है कि बेबी टॉयलेट सीट प्रत्येक जगह लगाए जाएं."

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