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'शुक्रवार-शनिवार दलित, गुरुवार को ब्राह्मण और...' राम मंदिर में आरती को लेकर परमहंस ने भेजा पत्र

राम मंदिर के गर्भ गृह में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. इससे पहले जगतगुरु परमहंस आचार्य ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को एक पत्र भेजा है. इसमें उन्होंने अलग-अलग दिन अलग-अलग जाति और वर्ग के लोगों द्वारा राललला की आरती कराए जाने की मांग की है. इसमें उन्होंने बाकायदा बताया है कि किस दिन कौन आरती करे.

फाइल फोटो. फाइल फोटो.
बनबीर सिंह
  • अयोध्या,
  • 11 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 8:27 AM IST

अयोध्या में मकर संक्रांति के बाद जनवरी 2024 में राम मंदिर के गर्भ गृह में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. इस कार्यक्रम से पहले जगतगुरु परमहंस आचार्य ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को एक पत्र भेजा है. इसमें उन्होंने अलग-अलग दिन अलग-अलग जाति और वर्ग के लोगों द्वारा राललला की आरती कराए जाने की मांग की है. साथ ही चेतावनी दे दी है अगर, उनकी मांग नहीं मानी गई तो अन्न-जल त्याग देंगे और बड़ा आंदोलन करेंगे. 

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दरअसल, परमहंस आचार्य ने राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को एक पत्र भेजा है. इसमें रामलला को किस दिन, किस समुदाय और वर्ग के लोग आरती करेंगे, इसका विवरण है. इस साप्ताहिक कैलेंडर चार्ट में सभी जातियों, वर्गों और विधाओं से जुड़े लोगों का समावेश है. इसमें रामलला की आरती के लिए शुक्रवार और शनिवार दो दिन दलित समाज के लोगों के लिए आरक्षित करने का जिक्र है.

'प्राण प्रतिष्ठा के साथ सामाजिक बुराइयों को खत्म कर दिया जाए'

परमहंस आचार्य की माने तो इससे छुआछूत और भेदभाव का भाव समाप्त होगा. ऐसा करने से एक बार फिर रामराज्य जैसा माहौल देखने को मिलेगा. अगर उनकी यह मांग न मानी गई तो अन्न-जल त्याग करके बड़ा आंदोलन करेंगे. उन्होंने कहा कि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को पत्र भेजकर मांग की है कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की जो प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है, उसी के साथ सामाजिक बुराइयों को भी समाप्त कर दिया जाए.

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इसको लेकर सुझाव दिया है कि जैसे रविवार के दिन क्षत्रिय समाज के द्वारा पूजा आरती हो. सोमवार को बैकवर्ड समाज के द्वारा आरती कराई जाए. मंगलवार के दिन जो पराक्रमी हैं, जिन्होंने देश का नाम रोशन किया है, वो आरती करें. इसमें कुश्ती, कबड्डी, भाला फेंकने और देश को गोल्ड मेडल दिलाने वाले लोग हों.

'शुक्रवार और शनिवार को दलित समाज द्वारा आरती कराई जाए'

बुधवार को अंतरिक्ष वैज्ञानिक, बड़े लेखक, बड़े साहित्यकार, बड़े कवियों द्वारा आरती कराई जाए. बृहस्पतिवार को जगतगुरु, शंकराचार्य, अनुजाचार्य, निंबार्काचार्य, धर्माचार्य, साधु-संत और ब्राह्मणों से आरती कराई जाए. शुक्रवार और शनिवार को दलित समाज द्वारा आरती कराई जाए. ऐसा करने से छुआछूत का भाव खत्म होगा.

इस मामले में ट्रस्ट के ट्रस्टी अनिल मिश्रा ने आज तक से फोन पर बात करते हुए कहा कि अभी न तो इस विषय में उन्हें जानकारी है और न ही कोई पत्र मिला है. ट्रस्ट में कई बड़े साधु संत और बुद्धिजीवी शामिल हैं, जो इस संबंध में उचित समय पर उचित निर्णय लेंगे. 

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