
जम्मू में हुए आतंकी हमले (Terrorist attack) में दो लोग बलरामपुर जिले के भी मारे गए, इनके शव बलरामपुर लाए गए हैं. वहीं छह अन्य लोग घायल हो गए थे, जिन्हें यहां जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. घायलों ने टेरर अटैक के बारे में जो बताया, वो दिल दहलाने वाला है. एक घायल ने कहा कि ऐसा लगा कि अब नहीं बचेंगे. अगर बस खाई में न गिरती तो कोई भी जिंदा नहीं बचता.
दरअसल, बलरामपुर से 14 लोगों का दल वैष्णो देवी दर्शन के लिए गया था. शिवखोड़ी से वैष्णो देवी दर्शन के लिए जाते समय श्रद्धालुओं से भरी बस पर आतंकवादियों ने 9 जून को हमला कर दिया था. इनमें कुल नौ लोगों की मौत हो गई थी. इस हमले में मरने वाले बलरामपुर के दो लोग शामिल थे, जबकि 6 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे.
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हमले में जिनकी मौत हुई, उनमें उतरौला कोतवाली क्षेत्र के बनकटवा गांव के अनुराग वर्मा और कंधभारी गांव की रहने वाली रूबी शामिल हैं. वहीं घायलों में संतोष वर्मा, विमला देवी, मैना देवी, ऊषा पांडे, गीता देवी और विकास वर्मा शामिल हैं. भारी पुलिस और प्रशासनिक व्यवस्था के बीच दोनों शवों को उनके पैतृक गांव पहुंचाया गया, जबकि घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
घायलों का इलाज किया जा रहा है. डॉक्टरों की सलाह के बाद घायलों को उनके घर भेजा जाएगा. अस्पताल में भर्ती घायलों ने आतंकवादी हमले को लेकर जो बताया वो रोंगटे खड़े करने वाला है. घायल संतोष वर्मा ने कहा कि गोलियों की तड़तड़ाहट के बीच जो क्षण बीते वे आज भी रोंगटे खड़े कर देते हैं.
संतोष ने कहा यदि बस खाई में न गिरती तो बस में सवार सभी लोग मारे जाते. बस जब पहाड़ से नीचे उतर रही थी तो हल्की धीमी हुई, तभी एक आतंकवादी सामने से आकर फायरिंग करने लगा. जैसे ही ड्राइवर के सिर में गोली लगी तो बस खाई में गिर गई. इसके बाद भी फायरिंग होती रही.
'सामने देखा तो गोली चलाने वाले ने काली पट्टी बांध रखी थी, तब लगा कि आतंकवादी हैं'
वारदात को लेकर संतोष ने बताया कि मैं बस के बाहर पड़ा हुआ था. मैं आगे ड्राइवर के पास बैठा हुआ था. ऐसा लगा कि अब नहीं बचेंगे. पहले तो पता नहीं चला कि आतंकवादी है, ऐसा लग रहा था कि पहाड़ दग रहा हो, फट रहा हो, लेकिन जब बस के शीशे पर गोली चलने लगी और सामने नजर पड़ी तो देखा कि काली पट्टी बांध रखी थी तो लगा कि आतंकवादी हैं.
आतंकी हमले में मारे गए बनकटवा निवासी अनुराग वर्मा के शव का अंतिम संस्कार रात में ही कर दिया गया, जबकि कंधभारी गांव की रहने वाली मृतका रूबी के शव का अंतिम संस्कार सुबह करने की तैयारी है.
'बस खाई में गिरने के बाद आतंकवादी 15-20 तक गोली चलाते रहे'
आतंकी हमले में घायल गीता देवी ने कहा कि जब हम लोग शिवखोड़ी से वापस हो रहे थे तो रास्ते में जैसे ही बस सड़क पर पहुंची तो आतंकवादियों ने सामने खड़े होकर गोली चला दी. पहले ड्राइवर को गोली लगी तो बस नीचे खाई में गिर गई. इसके बाद भी आतंकवादी करीब 15-20 मिनट तक गोली चलाते रहे. बस में सवार सभी लोग चीख रहे थे. इसके बाद कहा गया कि सब लोग चुप हो जाओ. जब सब लोग चुप हो गए, तब आतंकवादियों ने गोली चलाना बंद किया.