Advertisement

राजू पाल हत्याकांड के सातों दोषियों को उम्रकैद, सजा के ऐलान के बाद प्रयागराज पहुंचीं SP विधायक पूजा पाल 

बीएसपी विधायक राजू पाल हत्याकांड मामले में सीबीआई कोर्ट ने सभी दोषियों को सजा का ऐलान कर दिया है. जिसके बाद सपा विधायक पूजा पाल ने प्रयागराज पहुंचकर राजू पाल की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया.

राजू पाल हत्याकांड के दोषियों को सजा का ऐलान. राजू पाल हत्याकांड के दोषियों को सजा का ऐलान.
आनंद राज
  • प्रयागराज,
  • 01 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 7:02 PM IST

यूपी के प्रयागराज में 25 जनवरी 2005 को हुई बीएसपी विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में लखनऊ की सीबीआई कोर्ट ने सात आरोपियों को सजा का ऐलान कर दिया है. फैसले के बाद लखनऊ से प्रयागराज पहुंचीं पूजा पाल अपने हाथ में पति की तस्वीर लेकर राजू पाल के पसंदीदा मंदिर गईं और फिर स्मारक स्थल पहुंचीं.  

राजू पाल की पत्नी और यूपी के कौशांबी जिले के चायल सीट से सपा विधायक पूजा पाल ने नीवां गांव पहुंचकर उस मंदिर में पूजा की, जिस मंदिर से राजू पाल को बहुत लगाव था. उसके बाद पूजा पाल ने राजू पाल के स्मारक स्थल पहुंचकर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया.  

Advertisement

विधायक पूजा पाल ने कहा कि 19 साल की कानूनी लड़ाई के बाद अब वो खुश हैं कि राजू पाल की हत्या में दोषियों को सीबीआई कोर्ट ने सजा सुनाई है. उन्हें न्यायपालिका पर विश्वास था कि माफिया अतीक का साम्राज्य अब नेस्तनाबूत हो चुका है और राजू पाल की हत्या में शामिल अतीक और अशरफ के गुर्गे अब जेल की सलाखों के पीछे होंगे. अगर ये लोग हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट भी जाएंगे तो वो अपनी लड़ाई जारी रखेंगी. पूजा पाल ने यह भी कहा कि कई बार इन 19 सालों में गवाही न देने के लिए और केस न लड़ने के लिए धमकी मिलती रही, लेकिन मैंने इस लड़ाई को लड़ने के लिए अपने सिर पर कफन बांध लिया था. 

बता दें कि पूजा पाल की शादी महज 9 दिन पहले ही हुई थी और ठीक 9 दिन बाद उस समय के बीएसपी के विधायक राजू पाल को सड़क पर गोलियों से भून दिया गया. यही नहीं प्रयागराज के धूमनगंज से लेकर अस्पताल पहुंचने तक गोलियों की आवाज गूंजती रही. जब तक यह कंफर्म नहीं कर लिया गया कि राजू पाल मर गया तब तक गोलियां चलती रहीं. इस हत्या का आरोप बाहुबली अतीक अहमद और उसके भाई पूर्व विधायक खालिद अजीम उर्फ अशरफ के साथ ही उसके कई गुर्गों पर लगा. 

Advertisement

हालांकि अब तक मुख्य आरोपी अतीक अहमद और अशरफ की हत्या हो चुकी तो वहीं अन्य आरोपी जेल में थे. जिनकी सुनवाई सीबीआई की अदालत में चल रही थी. इसी फैसले में सात आरोपियों को सजा सुनाई गई. इस हत्याकांड में विधायक सहित तीन लोगों की हत्या की गई थी, जिसमें आबिद प्रधान. फरहान, जावेद, गुल हसन, अब्दुल कवी, रंजीत पाल, इसरार को आजीवन कारावासकी सजा मिली, जिसमें फरहान को 4 साल की सजा आर्म्स एक्ट तहत भी मिली है क्योंकि हत्या में इस्तेमाल हुई बंदूकें फरहान के पास से मिली थी.  

जल उठा था पूरा शहर 

साल 2005 में बीएसपी के विधायक की हुई खुलेआम हत्या के बाद पूरे प्रयागराज में हंगामा हुआ. उस समय की समाजवादी सरकार को प्रयागराज संभालना मुश्किल हो गया था. पुलिस चौकी से लेकर पुलिस की गाड़ी, सरकारी बसों को आग के हवाले कर दिया गया. दो दिनों तक प्रयागराज में हंगामा बरपता रहा. इस हत्याकांड में कुल 30 गवाह पक्ष विपक्ष मिलाकर थे. इसी हत्याकांड में पुलिस सीबीसीआईडी की चार्ज शीट में अतीक अशरफ सहित कुल 17 नाम शामिल थे, जिसमें सीबीआई की चार्ज शीट में 10 नाम थे.  

राजूपाल की चुनावी जीत से खफा था अशरफ 

कहते हैं राजनीति की लड़ाई आज से नहीं पिछले कई सालों से चली आ रही है. राजू पाल हत्याकांड में भी कहा जाता है यह राजनीति की जीत हार की ही लड़ाई थी क्योंकि बाहुबली अतीक अहमद के भाई अशरफ को राजू पाल ने विधानसभा चुनाव में मात दी थी. ऐसा कहा जाता है कि तब से अशरफ राजू पाल से खफा था. हत्या के पीछे यह भी एक बड़ी वजह मानी जाती है. साल 2004 के लोकसभा चुनाव में अतीक अहमद फूलपुर से सांसद चुना गया और शहर पश्चिमी विधान सभा की सीट खाली हुई थी. इसी सीट से समाजवादी पार्टी से अशरफ को टिकट मिला था. बीएसपी से राजू पाल उम्मीदवार बनाए गए थे. शायद बाहुबली के परिवार में चुनावी हार पहली बार हुई थी क्योंकि अतीक अहमद इसी सीट से पांच बार विधायक बना था. यह भी कहा जाता है इसी हत्याकांड की वजह से साल 2007 में हुए यूपी के विधान सभा चुनाव में उस समय की समाजवादी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement