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प्रयागराज: नारी सशक्तिकरण का जरिया बनेगा महाकुंभ 2025, श्रद्धालुओं को गंगाजल उपलब्ध कराएंगी स्वयं सहायता समूह की महिलाएं

प्रयागराज महाकुंभ 2025 में योगी सरकार ने श्रद्धालुओं की सुविधा को प्राथमिकता देते हुए रेलवे और बस स्टेशनों पर त्रिवेणी संगम का पवित्र गंगाजल उपलब्ध कराने की व्यवस्था की है. इस योजना की जिम्मेदारी राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के तहत स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को दी गई है.

'मुंज' की डिजाइनर टोकरियां. 'मुंज' की डिजाइनर टोकरियां.
आनंद राज
  • ,
  • 25 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 7:42 PM IST

प्रयागराज में महाकुंभ 2025 की तैयारियां पूरी तेजी से चल रही हैं. प्रशासन ने अनुमान लगाया है कि जनवरी 2025 में होने वाले इस महाकुंभ में लगभग 40 करोड़ श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है. त्रिवेणी के तट पर आने वाले हर श्रद्धालु की इच्छा और पसंद होती है कि वह त्रिवेणी संगम से गंगाजल अपने घर ले जाए.  

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महाकुंभ 2025 में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं की इसी पसंद को देखते हुए प्रदेश की योगी सरकार अब रेलवे स्टेशन और बस स्टेशन पर ही त्रिवेणी जल उपलब्ध कराएगी, जिसकी जिम्मेदारी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को दी गई है.

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बसों और प्लेटफॉर्म पर मिलेगा गंगाजल

संगम की धरती प्रयागराज की पहचान तीन नदियों का संगम है, जहां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का मिलन होता है. इसी वजह से यहां के इस पवित्र जल का विशेष महत्व है. माघ मेला, कुंभ और महाकुंभ के दौरान लोग यहां स्नान करने आते हैं और संगम से गंगा जल अपने साथ ले जाते हैं. महाकुंभ में भीड़ अधिक होने के कारण बड़ी संख्या में लोग त्रिवेणी का पवित्र जल नहीं ले पाते हैं. 

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लेकिन इस बार महाकुंभ में श्रद्धालुओं को इसकी चिंता नहीं करनी पड़ेगी. प्रयागराज शहर के सभी बस अड्डों और रेलवे स्टेशनों पर बोतलों और कलशों में गंगाजल मिलेगा. स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं यह जिम्मेदारी निभाएंगी. डिप्टी कमिश्नर एनआरएलएम राजीव कुमार सिंह का कहना है कि महाकुंभ के मद्देनजर शासन के निर्देश पर यह विशेष व्यवस्था की जा रही है.

1 हजार महिलाएं संभालेंगी जिम्मेदारी

महाकुंभ से पहले प्रयागराज में स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं रेलवे स्टेशन, बस अड्डों और धार्मिक स्थलों पर गंगाजल उपलब्ध कराएंगी. डिप्टी कमिश्नर एनआरएलएम राजीव कुमार सिंह के मुताबिक, स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में यह स्टार्ट-अप शुरू किया जा रहा है. राष्ट्रीय आजीविका मिशन इसके लिए स्वयं सहायता समूहों की एक हजार से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षित करेगा.

इन महिलाओं को रेलवे स्टेशन, बस अड्डों और अन्य धार्मिक स्थलों पर गंगाजल बेचने का प्रशिक्षण दिया जाएगा. इन महिलाओं का काम अच्छा रहा, तो इनकी संख्या भी बढ़ाई जाएगी. इससे महिलाएं भी आत्मनिर्भर बनेंगी. इसका पूरा खाका तैयार कर लिया गया है. रेलवे और परिवहन विभाग के अधिकारियों से भी समन्वय स्थापित किया जा रहा है.

इको-फ्रेंडली मुंज से बनी टोकरियों में मिलेगा गंगाजल

त्रिवेणी का जल धातु के कलश और बोतलों में होगा, जिसके लिए सुंदर और सुरक्षित आधार देने के लिए मुंज की डिजाइनर टोकरियां तैयार की गई हैं. प्रयागराज के एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) मुंज को इसके लिए विशेष रूप से चुना गया है. नैनी के महेवा गांव की मुंज उत्पाद बनाने वाली महिलाओं ने इसके लिए डिजाइनर टोकरियां बनाई हैं. यह त्रिवेणी जल एक लीटर, आधा लीटर और 250 मिली की पैकिंग में होगा. इससे जिले के ओडीओपी की भी ब्रांडिंग होगी.

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