
45 दिन तक चले महाकुंभ ने कई नाविक परिवारों की जिंदगी भी बदल दी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में कहा कि मैं एक नाविक परिवार की सक्सेस स्टोरी यहां बता रहा हूं. 45 दिनों की अवधि में इन लोगों ने शुद्ध बचत की है 30 करोड़ रुपये की. यानी 1 नाव ने 45 दिनों में 23 लाख रुपये की कमाई की. प्रयागराज के इसी परिवार के पिंटू महरा से आजतक ने बातचीत की.
पिंटू महारा बताते हैं, हमारे परिवार में 100 से अधिक लोग हैं और सभी ने जमकर मेहनत की. यह हमारे लिए किसी महाप्रसाद से कम नहीं है. योगी जी और मोदी जी का धन्यवाद, जिनकी वजह से इतना बड़ा आयोजन हुआ और हम नाविकों पर विशेष ध्यान दिया गया. हम लोगों ने जितना पैसा कमाया, उतना जीवन में कभी देखा भी नहीं था. पिंटू बताते हैं, हमारे पास खुद 70 नाव हैं, और लगभग हर परिवार के पास 10-20 नावें थीं. हर किसी ने अच्छी कमाई की. पूरे गांव या कहे तो पूरे प्रयागराज के नाविकों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो गई. इतना पैसा होगा कभी कल्पना में भी नहीं था.
मेहनत का मिला अद्भुत परिणाम
पिंटू बताते हैं, महाकुंभ में श्रद्धालुओं को संगम स्नान कराने के लिए नाविकों को दिन-रात मेहनत करनी पड़ी. हम लोग 45 दिनों तक सुबह 4 बजे उठ जाते थे और 5 बजे से श्रद्धालुओं को स्नान कराते थे. हमारी कोशिश थी कि हर व्यक्ति को संगम में डुबकी लगाने का अवसर मिले. इस बार की भीड़ और आस्था देखकर ऐसा लगा जैसे त्रेता युग वापस आ गया हो.
इलाहाबाद से बना 'महामहानगर'
पिंटू कहते हैं, महाकुंभ ने प्रयागराज का स्वरूप ही बदल दिया. पहले हमारा प्रयागराज एक महानगर था, लेकिन अब यह महामहानगर बन चुका है. सड़कों, घाटों और व्यवस्थाओं में जबरदस्त सुधार हुआ है. पहले हम नाविकों को कोई पूछता नहीं था, लेकिन अब पुलिस प्रशासन से लेकर सरकार तक हर कोई हमारे सहयोग में खड़ा रहा.
गांव-गांव में खुशहाली
पिंटू की माता जी बताती हैं,महाकुंभ ने पूरे समुदाय को आर्थिक मजबूती दी है. प्रयागराज ही नहीं, मांडा, बनारस, मिर्जापुर, जोशी लवन और दारागंज तक हर नाविक परिवार खुशहाल हो गया है. हमने अपनी आंखों से कभी लाख-दो लाख रुपये नहीं देखे थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है.बच्चे खुश हैं, परिवार खुश हैं, गरीबी दूर हो गई.
योगी सरकार का धन्यवाद
पिंटू कहते हैं, पहली बार हमें इतना बड़ा अवसर मिला है.योगी जी की वजह से हमें यह समृद्धि मिली है.प्रशासन का पूरा सहयोग मिला और यह हमारे लिए जीवन बदल देने वाला अनुभव रहा.