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अतीक के काले धंधों की 'डायरी' मिली, 5 राज्यों में नेटवर्क, हजारों करोड़ के कारोबार की फेहरिस्त

माफिया अतीक अहमद के ससुर के घर हुई छापेमारी के दौरान पुलिस को एक डायरी बरामद हुई है, जिसमें अतीक के कई करीबियों और मददगारों के नाम दर्ज हैं. इस डायरी में पांच राज्यों में अतीक के फैले हजारों करोड़ के कारोबार की फेहरिस्त शामिल है. रियल स्टेट और होटल के कारोबार से जुड़े अतीक के करीबियों का भी जिक्र है.

पुलिस को मिली अतीक की डायरी पुलिस को मिली अतीक की डायरी
अरविंद ओझा
  • प्रयागराज,
  • 27 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 1:40 PM IST

प्रयागराज पुलिस की कस्टडी में मारे गए माफिया डॉन अतीक अहमद पर बड़ा खुलासा हुआ है. सूत्रों के मुताबिक, अतीक के ससुर के घर एक डायरी मिली है, जिसमें अतीक के सारे कच्चे चिट्ठे हैं. कई करीबियों के नाम है. कई मददगारों के पते-नंबर हैं. डायरी में अतीक के यूपी के अलावा 5 राज्यों में फैले काले कारोबार का जिक्र है.

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अतीक के धंधे दिल्ली से लेकर मुंबई तक और एमपी, राजस्थान से लेकर गुजरात तक फैले हैं. कई बेनामी संपति है. रियल एस्टेट से लेकर होटल तक के कारोबार हैं. मौके से पुलिस ने अतीक के साले जकी अहमद का आधार कार्ड भी बरामद किया है. इस डायरी में पांच राज्यों में अतीक के फैले हजारों करोड़ के कारोबार की फेहरिस्त शामिल है.

उमेश पाल की हत्या का था कोड नेम

इस बीच पुलिस ने उमेश पाल हत्याकांड के कोड वर्ड का खुलासा कर दिया है. दरअसल, 24 फरवरी 2023 को प्रयागराज में उमेश पाल की हत्या कर दी जाती है. अतीक अहमद के बेटे असद समेत कई शूटर दिनदहाड़े हत्याकांड को अंजाम देते हैं और फरार हो जाते हैं. पुलिस की जांच में इस हत्याकांड को लेकर हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं.

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अब जो सबसे नई जानकारी सामने आई है, उसे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे. उमेश पाल हत्याकांड का कोड नाम रखा गया था. हत्याकांड का खास नाम 'ऑपरेशन जानू' था. अतीक की बेगम शाइस्ता परवीन ने फाइनल कोड किया था. ऑपरेशन जानू की एक एक डिटेल शाइस्ता ने ही तय किया था. उसने ही फाइनल किया था कि शूटर कौन-कौन होंगे?

हत्या से पहले हुआ था हवाला कांड 

आजतक आपको पहले ही बता चुका है कि उमेश पाल हत्याकांड के लिए पैसों के इंतजाम हवाला के जरिए पहले ही कर लिए गए थे. जनवरी में ही 1 करोड़ 20 लाख रुपए शाइस्ता तक पहुंच चुके थे. मतलब ये कि ऑपरेशन जानू को अंजाम देने के लिए अतीक गैंग के पास फंड की कमी नहीं थी. 

असद समेत शूटरों ने की थी पार्टी

जानकारी ये कि उमेश पाल हत्याकांड से पहले शूटरों ने पार्टी की थी. पार्टी को शाइस्ता के कहने पर आर्गनाइज किया गया था, जिसमें असद के अलावा गुड्डू मुस्लिम भी शामिल हुआ था. वारदात से एक दिन पहले असद अपने भाई उमर से मिलने लखनऊ जेल भी गया था. जेल में उसने अपने भाई को ऑपरेशन जानू का पूरा ब्य़ोरा भी दिया था.

शाइस्ता के मददगारों की लिस्ट तैयार

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उमेशपाल हत्याकांड के चार किरदार अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन पूरी साजिश तैयार करने वाली अतीक की बेगम शाइस्ता का कोई अता पता नहीं है. लगातार ये खबर आ रही थी कि शाइस्ता के चारों ओर बुर्के वाली महिलाओं का सुरक्षा घेरा है... इसलिए पुलिस ने अब उन लोगों की लिस्ट तैयार की है, जो शाइस्ता को मदद कर रहे हैं.

ईडी ने भी कसा शिकंजा

शाइस्ता के मददगारों में 6 वकील हैं. पुलिस ने 20 दूसरे लोगों की लिस्ट भी तैयार की है. अब पुलिस को भरोसा है कि मददगारों पर शिकंजा कसने से शाइस्ता का अता-पता जरूर सामने आ जाएगा. उधर, पुलिस के अलावा दूसरी जांच एजेंसियों ने शाइस्ता पर शिकंजा कसना शुरु कर दिया है. ईडी ने भी अतीक की बेगम के खिलाफ एक्शन शुरु किया है.

50 बैंक खातों पर एजेंसी की नजर है. इनमें 10 खातों की सीज कर दिया गया है. साथ ही शाइस्ता की तलाश में जगह-जगह छापेमारी जारी है.

 

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