
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुए उमेश पाल मर्डर केस में बाहुबली अतीक अहमद का नाम सामने आने के बाद अब बरेली जेल भी चर्चा में आ गया है. यहां अतीक अहमद का भाई अशरफ बंद है. सूत्रों की मानें, तो उमेश पाल की हत्या की प्लानिंग यहीं हुई थी. अशरफ का साला सद्दाम बरेली में नाम बदलकर फर्जी पता दिखाकर रह रहा था. पुलिस ने इस मामले में भी एफआईआर दर्ज की है.
बरेली जेल में अशरफ को विशेष सुविधा पहुंचाने के मामले में पुलिस पहले ही दो कर्मचारियों को गिरफ्तार कर चुकी है. इनमें जेल आरक्षी शिवहरि और जेल की कैंटीन में सब्जी की सप्लाई करने वाला दयाराम उर्फ नन्हें शामिल है. एक अन्य एफआईआर सद्दाम के नाम से दर्ज है. वह बाहुबली अतीक अहमद के भाई अशरफ का साला है.
सद्दाम ने बरेली में अपना नाम मुस्ताक बताकर फर्जी पता दिखाकर मकान किराये पर लिया था. उसी मकान में सद्दाम और उसके कुछ अन्य साथी रहते थे. इस मकान पर जब पहुंचकर देखा, तो वह नीचे बंद था, वहीं ऊपरी मंजिल पर दूसरे अन्य किराएदार थे.
जिस मोहल्ले में रह रहा था सद्दाम, डरे हैं वहां के किराएदार
इनके बारे में मोहल्ले में कोई भी बात करने को तैयार नहीं था. काफी कोशिशों के बाद एक बुजुर्ग ने कुछ बोलना चाहा तो उनके परिवार ने आपत्ति की. मकान की ऊपरी मंजिल पर रहने वाले दूसरे किराएदार से जब बात करने की कोशिश की, तो मुश्किल से वह तैयार हुए.
उन्होंने बताया कि वह आज ही मकान खाली कर रहे हैं. वह एक महीने पहले ही इस मकान में आए थे. उन्हें ज्यादा जानकारी नहीं है क्योंकि नीचे रहने वाले किराएदार किसी से बात नहीं करते थे. उनके पास दो बाइक थीं, जब कभी बाहर निकलना होता था, तो वे बाइक से निकल जाते थे.
किराएदार ने पुलिस को दी थी ये जानकारी
किराएदार ने कहा कि वह 24 फरवरी से लेकर 3 मार्च तक बाहर थे. जब लौटकर आए, तो पता चला कि यहां काफी हलचल है और मोहल्ले पड़ोस में इस बारे में बात हो रही थी, पुलिस भी थी.
उन्होंने पुलिस को भी यही बताया कि जिस आदमी को देखा था, उसकी दाढ़ी थी. वह नमाज पढ़ने जाता था. इसके अलावा वह किसी को नहीं देख पाए, क्योंकि यह लोग किसी से ज्यादा मिलते-जुलते नहीं थे. सिर्फ एक दाढ़ी वाले व्यक्ति को देखा था, वह अक्सर नमाज पढ़ने बाहर जाता था.
इस बारे में बात करते हुए साफ दिख रहा था कि यह किराएदार भी डरा हुआ है और आज ही मकान खाली करके कहीं और जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि मकान में ये लोग डेढ़ दो साल से रह रहे थे और किसी से मिलते जुलते नहीं थे. जहां ये रहते थे, वहां से जेल की दूरी करीब 20 से 22 किलोमीटर है.
24 फरवरी को प्रयागराज में हुई थी हत्या
प्रयागराज में 24 फरवरी को उमेश पाल और उसके गनर्स की बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. वह राजू पाल हत्याकांड के मामले में गवाह थे. उमेश के गाड़ी से उतरते ही बदमाशों ने उन पर फायरिंग कर हत्या कर दी थी. इस दौरान उमेश और उनके गनर की मौत हो गई थी. बदमाशों ने इस हत्याकांड को 44 सेकेंड में अजाम दिया था.
अतीक अहमद पर साजिश का आरोप
उमेश पाल की हत्या का आरोप अतीक अहमद पर लग रहा है. अतीक इन दिनों साबरमती जेल में बंद है. पुलिस को शक है कि जेल में रहते ही अतीक ने उमेश पाल की हत्या की पूरी साजिश रची. दरअसल, अतीक अहमद राजू पाल हत्याकांड का मुख्य आरोपी है. उमेश इस हत्याकांड में गवाह था. इस हत्याकांड की वजह को लेकर पुलिस की एक नई कहानी सामने आई है.
पुलिस कह रही है कि उमेश पाल का जमीन को लेकर अतीक अहमद के साथ विवाद चल रहा था. पुलिस ने उमेश पाल की पत्नी जया पाल की शिकायत पर मामला दर्ज किया है. पुलिस ने अतीक अहमद के साथ ही अतीक के भाई, पत्नी शाइस्ता परवीन, अतीक अहमद के दो बेटों और अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया है.
मुख्तार अंसारी से भी जुड़ रहे हत्याकांड के तार
उमेश पाल हत्याकांड को अंजाम देने वाले शूटरों की तलाश में उत्तर प्रदेश एसटीएफ और प्रयागराज पुलिस की टीमें हर तरफ छापेमारी कर रही हैं. बमबाज गुड्डू मुस्लिम के साथ-साथ मोहम्मद गुलाम और साबिर के जिन मददगारों के मोबाइल नंबर पुलिस टीमों को हासिल हुए हैं, उनकी कॉल डिटेल खंगाली जा रही हैं.
पुलिस को आशंका है कि 24 फरवरी को हत्या के बाद इन लोगों ने शूटरों की मदद और अब उनके क्षेत्र में मुख्तार अंसारी के लोग कर रहे हैं. लखनऊ के 2 बड़े बिल्डरों और बहराइच में एक वकील का नंबर कॉल डिटेल को खंगालने के बाद सामने आया है. पुलिस को जानकारी मिली है कि अतीक अहमद के बेटे मोहम्मद असद ने बहराइच के रास्ते नेपाल में शरण ले ली है. वहीं, बाकी शूटर मोहम्मद गुलाम, साबिर और गुड्डू मुस्लिम अभी यूपी में ही छिपे हो सकते हैं.
उमेश पाल हत्याकांड में अब तक क्या-क्या हुआ?