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उमेश पाल हत्याकांड: अतीक अहमद का कर्ज उतारने के लिए बमबाज गुड्डू मुस्लिम ने खेला था खूनी खेल !

उमेश पाल की हत्या के मामले में यूपी पुलिस और एसटीएफ दिन रात शूटरों की तलाश में जुटी हुई है. इसी दौरान पता चला है कि इस हत्याकांड का एक मुख्य आरोपी गुड्डू मुस्लिम अपने पुराने कर्ज को उतारने के लिए उमेश पाल की हत्या में अहम भूमिका निभाई थी.

बमबाज गुड्डू मुस्लिम का है आपराधिक इतिहास बमबाज गुड्डू मुस्लिम का है आपराधिक इतिहास
aajtak.in
  • प्रयागराज,
  • 13 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 7:28 AM IST

यूपी के प्रयागराज में बीते 24 फरवरी को विधायक राजू पाल हत्याकांड के प्रमुख गवाह उमेश पाल की हत्या में शामिल शूटरों को पकड़ने के लिए पुलिस और एसटीएफ दिन रात छापेमारी कर रही है. इस हत्याकांड को अंजाम देने में बाहुलबली अतीक अहमद के बेहद करीबी गुड्डू मुस्लिम का नाम भी सामने आया है.

गुड्ड मुस्लिम बम बनाने में माहिर है और वो चलते-फिरते भी बम बना लेता है. उमेश पाल की हत्या के दौरान भी जमकर बमबाजी की गई थी जिसमें बमबाज गुड्डू मुस्लिम का नाम सामने आया है. 

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कर्ज उतारने के लिए खूनी खेल ?

अब रिपोर्ट सामने आई है कि अतीक अहमद का कर्ज चुकाने के लिए 24 फरवरी को गुड्डू मुस्लिम ने बमबाजी कर खूनी खेल खेला था. जानकारी के मुताबिक कुछ समय पहले गुड्डू मुस्लिम बीमार पड़ गया था और उसकी जान पर बन आई थी. एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उसकी जान बचाने के लिए अतीक अहमद ने उस वक्त 8 लाख रुपये खर्च किए थे जिसके बाद उसने उस एहसान को उतारने के लिए ही उमेश पाल की हत्या में बम बनाने का फैसला किया.

गुड्डू मुस्लिम का आपराधिक इतिहास

बमबाज गुड्डू मुस्लिम का अपराध और माफियों से संबंध का इतिहास काफी पुराना रहा है. साल 1997 में लखनऊ के लॉ मार्टिनियर कॉलेज में बॉयज हॉस्टल के वॉर्डन और स्पोर्ट्स टीचर पीटर गोम्स की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी. 

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इसके बाद अतीक अहमद ने ही उसकी जमानत कराई थी. जमानत के बाद गुड्डू अतीक का गुर्गा बन गया. अतीक के साथ ही गुड्डू के कई माफियाओं से संबंध रहे हैं. यूपी ही नहीं उसके तार बिहार के कई माफियाओं से भी जुड़े. 

यूपी की राजधानी लखनऊ में टेंडर दिलवाने में भी वो माफियाओं की मदद करता था. इतना ही नहीं बसपा सरकार के दौरान इंजीनियर हत्याकांड में भी गुड्डू मोस्टवॉन्टेड था.

24 फरवरी को हुई थी हत्या

गौरतलब है कि प्रयागराज के बहुचर्चित राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उनके 2 सुरक्षाकर्मियों संदीप निषाद और राघवेंद्र की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. 

इस मामले में उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने धूमनगंज थाने में पूर्व सांसद अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, 2 बेटों, अतीक के साथी गुड्डू मुस्लिम, गुलाम मोहम्मद और 9 अन्य साथियों के खिलाफ केस दर्ज कराया था. उसके खिलाफ प्रयागराज सहित अन्य जिलों में भी कई आपराधिक वारदातों में पहले से केस दर्ज हैं.

 

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