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16 साल की उम्र में पहली हत्या, इटावा से प्रयागराज तक बमबाजी... जानिए गुड्डू मुस्लिम का सुल्तानपुर कनेक्शन

गुड्डू मुस्लिम उमेश पाल मर्डर केस में फरार है. यूपी एसटीएफ के पूर्व अधिकारी का दावा है कि गुड्डू ने फरारी के लिए अतीक के नहीं बल्कि अपने सिंडिकेट का इस्तेमाल किया है. उसके कई माफियाओं से अच्छे संबंध हैं. इनमें से कई आज माननीय हो चुके हैं. ऐसे में वह आसानी से पुलिस को चकमा देने में सफल हो रहा है.

गुड्डू मुस्लिम (फाइल फोटो) गुड्डू मुस्लिम (फाइल फोटो)
संतोष शर्मा
  • प्रयागराज,
  • 26 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 7:24 AM IST

उमेश पाल मर्डर केस में आरोपी गुड्डू मुस्लिम फरार है. गुड्डू मुस्लिम ने ही उमेश और उसके गनर्स पर बम फेंके थे. गुड्डू बम से हत्या करने के लिए जाना जाता है, यही वजह है कि उसे बमबाज गुड्डू भी कहा जाता है. वह चलते फिरते बम बनाने में माहिर है. पुलिस गुड्डू की तलाश में है. उसकी लोकेशन कभी ओडिशा में मिलती है, तो कभी छत्तीसगढ़ में. लेकिन जब तक पुलिस पहुंचती है, वह अपनी लोकेशन बदल लेता है. यूपी एसटीएफ का दावा है कि गुड्डू को जल्द पकड़ लिया जाएगा, लेकिन वह अभी भी यूपी एसटीएफ और प्रयागराज पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है. 

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गुड्डू मुस्लिम का सुल्तानपुर कनेक्शन

गुड्डू को लेकर रोज नए खुलासे हो रहे हैं. अब उसका सुल्तानपुर कनेक्शन सामने आया है. भले ही उमेश पाल की हत्या के बाद चर्चा चकिया वाले गुड्डू मुस्लिम की हो लेकिन वह असल में प्रयागराज का नहीं सुल्तानपुर का रहने वाला है. गुड्डू सुल्तानपुर के गोसाईगंज थाना क्षेत्र के इटकौली गांव का रहने वाला है. यह गांव फैजाबाद और जौनपुर के बॉर्डर पर है. यही वजह है कि गुड्डू ने जब अपराध की दुनिया में कदम रखा तो उसका संपर्क अभय सिंह और धनंजय सिंह से हुआ. 

16 साल की उम्र में पहली हत्या

गुड्डू ने 1993 में पहला मर्डर किया. लेकिन वह उसमें पकड़ा नहीं गया. तब उसकी उम्र 16 साल थी. गुड्डू मुस्लिम ने नैनी इलाके में सलीम और पप्पू की गोली और बम मार कर हत्या कर दी थी लेकिन उसमें गुड्डू मुस्लिम पकड़ा नहीं गया. 1998 में गुड्डू मुस्लिम से लखनऊ में पीटर गोम्स की हत्या के मामले में पूछताछ हुई थी. तब उसने कई राज उगले थे. 

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पूछताछ के दौरान गुड्डू मुस्लिम ने बताया था कि उसने 1993 में प्रयागराज के कर्नलगंज की मेस कॉलोनी में मौजूदा समय के एक बाहुबली विधायक के साथ मिलकर मुन्ना उर्फ भुवरा पर गोली चलाई थी. इतना ही नहीं उसने रिटायर्ड पुलिस अफसर के भाई की हत्या का बदला लेने के लिए बमबाजी भी की थी. 

इटावा से लखनऊ तक बमबाजी

गुड्डू मुस्लिम ने पूछताछ के दौरान बताया था कि उसने 1997 में इटावा पुलिस लाइन के पास एक रिटायर्ड पुलिस अधिकारी के भाई की हत्या करने वाले पर बम से हमला किया था. इस मामले में गुड्डू मुस्लिम ने दो माफियाओं के साथ होने की बात भी मानी थी. वह भी इस हमले में शामिल थे. इस हमले के लिए उसे पुलिस अधिकारी के बेटे ने पिस्टल और रिवाल्वर दी थी. बमबाजी में मौजूदा समय का सफेदपोश बाहुबली घायल हुआ था, उसका इलाज पुलिस अधिकारी के बेटे ने लखनऊ में कराया था. 
 
लखनऊ में फैजाबाद के संतोष सिंह की हत्या की

गुड्डू मुस्लिम ने पूछताछ में बताया था कि लखनऊ में उसका ठिकाना एक सम्मानित परिवार के बिगड़ैल बेटे के गेस्ट हाउस में होता था. गुड्डू वहीं रुकता था. उसने फैजाबाद के संतोष सिंह को लखनऊ बुलाकर इसी गेस्टहाउस में कोल्ड ड्रिंक में  नींद की दवा देकर बेहोश किया और फिर संतोष सिंह की लाश सुल्तानपुर-इलाहाबाद हाईवे पर डालकर कुचल दी. 

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कैसे अतीक के संपर्क में आया गुड्डू ?

गोरखपुर में एनडीपीएस में जेल जाने के बाद गुड्डू मुस्लिम अतीक अहमद के संपर्क में आया. गोरखपुर के तत्कालीन एएसपी और मौजूदा समय में यूपी एसटीएफ चीफ अमिताभ यश ने गुड्डू मुस्लिम को जेल भेजा था और सजा भी करवाई थी. लेकिन अतीक अहमद में अपने इलाहाबाद हाईकोर्ट के सिंडिकेट का इस्तेमाल कर गुड्डू मुस्लिम को हाईकोर्ट से रिहा करवाया और तभी से 20 सालों से गुड्डू मुस्लिम अतीक अहमद के लिए काम कर रहा था.

फरारी के लिए अपने सिंडिकेट का इस्तेमाल कर रहा गुड्डू

यूपी एसटीएफ की पहली टीम के मेंबर और गुड्डू मुस्लिम से पूछताछ कर चुके पूर्व आईपीएस राजेश पांडे ने बताया कि उमेश की हत्या के बाद फरार होने में गुड्डू ने अतीक के नहीं बल्कि अपने सिंडिकेट का इस्तेमाल किया. गुड्डू मुस्लिम का अपना बड़ा सिंडिकेट है. उसने जिस अपराधी के लिए काम किया, उससे कभी संबंध खराब नहीं किया. 

पूर्व आईपीएस राजेश पांडे ने बताया, उसके संपर्क में रहे तमाम लोग आज माननीय हो चुके हैं, ऐसे में गुड्डू मुस्लिम को फरारी काटने के लिए अतीक अहमद सिंडिकेट का इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं है. उसका अपना सिंडिकेट ही बहुत बड़ा है. उत्तर प्रदेश और राज्य से बाहर के तमाम माफिया उसके सीधे संपर्क में रहे हैं. यही वजह है कि गुड्डू मुस्लिम अब तक फरार है.

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श्रीप्रकाश शुक्ला से लेकर इन माफियों के लिए किया काम 

गुड्डू मुस्लिम ने कई बाहुबली और माफिया डॉन के साथ काम किया.वह डॉन श्रीप्रकाश शुक्ला के लिए भी काम कर चुका है. गुड्डू मुस्लिम ने माफिया सरगना मुख्तार अंसारी के लिए भी बम बनाए. धनंजय सिंह और अभय सिंह के गैंग में गुड्डू मुस्लिम को अच्छा काम मिला. एसटीएफ चीफ अमिताभ यश ने पिछले दिनों आजतक से बातचीत में बताया था, ''गुड्डू मुस्लिम एक प्रोफेशनल किलर है.वह अतीक के लिए काम करता था. वह बमबाज है, जो बम से हत्या करता है. वह चलते-फिरते बम बनाने में माहिर है.''
 

 

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