Advertisement

उमेश पाल हत्याकांड: रुला देंगे शहीद सिपाही राघवेंद्र सिंह की बहन के बोल, कहा- सही बदला तब होगा...

Umesh Pal Murder Case: उमेश पाल हत्याकांड में घायल सिपाही राघवेंद्र सिंह इलाज के दौरान जिंदगी की जंग हार गए. रायबरेली जिले में गेगासो घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया. उनकी बहन ने आज तक से बातचीत में अपना दर्द बयां किया है. कहा कि वो भाई की हत्या करने वालों की मौत का इंतजार कर रही हैं. सही बदला तब होगा जब हत्यारों को मारा जाएगा. 

सिपाही राघवेंद्र सिंह का रायबरेली में हुआ अंतिम संस्कार. सिपाही राघवेंद्र सिंह का रायबरेली में हुआ अंतिम संस्कार.
शैलेन्द्र प्रताप सिंह
  • रायबरेली ,
  • 02 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 6:50 PM IST

यूपी के प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड में घायल सिपाही राघवेंद्र सिंह बुधवार शाम लखनऊ में इलाज के दौरान जिंदगी की जंग हार गए. निधन की खबर मिलते ही उनके गांव में मातम पसर गया. राघवेंद्र अपने घर में कमाने वाले एकलौते शख्स थे. उनसे छोटी दो बहनें और एक भाई है. उनके पिता रामसुमेर सिंह की 2014 में उन्नाव जिले में चुनाव के दौरान मौत हो गई थी. उनके बाबा की मौत भी पुलिस सेवा के दौरान ही हुई थी.

Advertisement

गंगा नदी के किनारे गेगासो घाट पर गुरुवार को उनका अंतिम संस्कार किया गया. इसमें पुलिस विभाग के आला अधिकारियों के साथ-साथ एडीजी सतीश गणेश भी शामिल हुए. उन्होंने शहीद सिपाही की अर्थी को कंधा भी दिया. जिले के स्वतंत्र राज्य मंत्री दिनेश सिंह भी शोकाकुल परिवार को संवेदनाएं देने पहुंचे.

4 मई को होनी थी राघवेंद्र की शादी

राघवेंद्र की बहन प्रिया सिंह ने बताया, "इसी साल 30 अप्रैल को तिलक और 4 मई को राघवेंद्र की शादी होनी थी. इसको लेकर घर में खुशियों का माहौल तैयारियां चल रही थीं. लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था और राघवेंद्र का तबादला हरदोई से प्रयागराज हो गया. यहां उसने अपनी जिंदगी दांव पर लगा दी."

भाई की हत्या करने वालों की मौत का इंतजार

उनका कहना है कि भाई के साथ सही नहीं किया गया. अगर सही वक्त पर इलाज मिल गया होता तो उनका भाई जिंदा होता. वो भाई की हत्या करने वालों की मौत का इंतजार कर रही हैं. सही बदला तब होगा जब हत्यारों को मारा जाएगा. 

Advertisement

रात 9 बजे फोन आया था

राघवेंद्र पर हमले की जानकारी कैसे मिली, इस सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि रात 9 बजे फोन आया था. इसमें चहेरे भाई ने बताया कि उनके सीने पर गोली लगी है. जब हम लोग प्रयागराज पहुंचे तो पता चला कि एक नहीं तीन गोलियां लगी हैं.

हम लोगों को डांटकर चुप करा दिया

वहां डॉक्टर ने बताया कि अभी कुछ नहीं कहा जा सकता. 24 घंटे बाद बताएंगे. 24 घंटे बाद दोबारा हम लोग मिले तो उन्होंने कहा कि अभी भी कुछ नहीं कहा जा सकता. 40 घंटे बाद पता चलेगा. उनके पैर में गोली फंसी रही लेकिन डॉक्टरों ने चेकअप नहीं किया. स्वास्थ्य मंत्री के सामने बोलने पर उन्होंने कहा कि इसे कुछ नहीं हुआ है. इसको बड़ी बात मत बनाइए. यह सब कोई बड़ी बात नहीं है. डॉक्टर हम हैं, आप नहीं. ऐसे उन्होंने हम लोगों को डांटकर चुप करा दिया.

भाई और छोटी बहन को नौकरी दी जाए

उन्होंने कहा कि हम लोग यही चाहते हैं कि मुख्यमंत्री जी हमारा सहयोग करें. हमारी छोटी बहन है, उसकी पढ़ाई के लिए सहयोग करें. हमारे भाई और छोटी बहन को नौकरी दी जाए. हम लोगों को न्याय मिलना चाहिए. 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement